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Election Issue: BSP आरक्षण को यूपी उपचुनाव में चुनावी मुद्दा बनाएगी, एक तीर से कई निशाने साधने की तैयारी

Uttar Pradesh

Election Issue: आरक्षण में वर्गीकरण का मुद्दा मायावती ने लगातार उठाया है। वह इसके जरिए अपने खोए हुए वोटों को फिर से बचाने की कोशिश कर रही हैं। SP और कांग्रेस ने इसी मुद्दे पर लोकसभा चुनाव में बड़ी जीत हासिल की।

BSP SC/ST आरक्षण को चुनावी मुद्दा बनाने की योजना बना रही है। उपचुनाव के लिए रविवार को बैठक बुलाई गई है। माना जाता है कि इसमें आरक्षण और उपचुनाव की रणनीति पर चर्चा होगी। मायावती ने शनिवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके आरक्षण में वर्गीकरण के मुद्दे पर बीजेपी समेत सभी दलों पर तीखा हमला बोला। उनका कहना था कि सरकार अपने हित के मामलों पर संसद का सत्र जब चाहे बुला सकती है। SC/ST आरक्षण पर प्रधानमंत्री का वादा पूरा किए बिना संसद को अनिश्चितकाल के लिए क्यों स्थगित किया गया? सिर्फ आश्वासन अब इस मामले में काम नहीं करेगा।

Election Issue: SC/ST लोगों ठगा महसूस कर रहे 

मायावती ने कहा कि SC/ST वर्ग के लगभग ४० करोड़ से अधिक लोग अपमानित महसूस कर रहे हैं। उनका आरोप था कि केंद्रीय भाजपा सरकार ने अपने वकील अटॉर्नी जनरल के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट में उपवर्गीकरण के पक्ष में दलीलें दीं। इसलिए आरक्षण से इनकार कर दिया गया। इसका सीधा परिणाम यह होने लगा है कि SC/ST श्रेणियों को अब पूरा आरक्षण नहीं मिल सकेगा। इस फैसले से ऐसी व्यवस्था बनाई गई है कि अब राज्य सरकारें SC/ST वर्ग के लोगों को राजनीतिक लाभ के लिए ही लड़वाती रहेंगी।

Election Issue: कांग्रेस, SP और AAP की गलत नीतियों से बचें

मायावती ने आम आदमी पार्टी (AAP), समाजवादी पार्टी (SP) और कांग्रेस को भी घेर लिया। बताया कि SC/ST जातियों को इन पार्टियों की गलत नीतियों से सावधान रहना चाहिए। आरक्षण और संविधान को बचाने के नाम पर इन वर्गों का वोट लेकर उन्होंने लोकसभा चुनाव में अधिकांश सीटें जीत लीं। कांग्रेस अब तक इस निर्णय पर चुप क्यों है? पंजाब और दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार है, वहां स्थिति स्पष्ट करें। उनका कहना था कि कांग्रेस और एसपी नेता संविधान की प्रति लेकर घूम रहे थे। आज वे लोग कहां हैं, जब वास्तव में संविधान पर आरक्षण से हमला हो रहा है? वे चुप क्यों रहते हैं?

BSP ने वर्गीकरण का मुद्दा क्यों उठाया?

BJP के बाद SP, कांग्रेस और अब आजाद समाज पार्टी भी इस वोट बैंक पर ध्यान दे रहे हैं। मायावती को लगता है कि दूसरे दलों की चुप्पी को उठाकर अपना जनाधार बढ़ा सकते हैं। जिस क्रीमी लेयर की बात हो रही है, वह एक बड़े वर्ग का है जिसमें BSP की अधिक पकड़ है। वह इसके जरिए पूरे SC/ST समुदाय को अपने पक्ष में करना चाहती हैं।

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