Amethi: अमेठी का परिणाम सोशल मीडिया पर बहुत चर्चा का विषय बन गया है। लोग खुलकर अपने विचार व्यक्त कर रहे हैं। इस बार इस सीट पर 54.34 प्रतिशत मतदान हुआ है। भाजपा से स्मृति ईरानी और कांग्रेस से गांधी परिवार के निकटस्थ किशोरी लाल शर्मा उम्मीदवार हैं।
वोटिंग खत्म होने के बाद सबका ध्यान चार जून को हुई मतगणना पर है। यही कारण है कि राजतिलक को अमेठी में हाईप्रोफाइल सीट का परिणाम क्या होगा? नतीजे आने के बाद यह स्पष्ट होगा, लेकिन सोशल मीडिया पर नतीजों को लेकर बहुत बहस हो रही है। कांग्रेस और भाजपा समर्थकों ने फेसबुक और एक्स पर अपने पक्ष में दावे किए हैं।
वैसे, अमेठी संसदीय सीट पर भाजपा से फिर से स्मृति जूबिन इरानी चुनाव लड़ रही है, जबकि कांग्रेस से पहली बार चुनाव लड़ रहे किशोरी लाल शर्मा गांधी परिवार के करीबी हैं। अलग बात यह है कि बसपा के नन्हे सिंह चौहान समेत 13 प्रत्याशी मैदान में हैं, लेकिन भाजपा और कांग्रेस सबसे अधिक चर्चा में हैं। कारण भी अलग है।
2014 में भाजपा के नवागंतुक जूबिन इरानी ने कांग्रेस के राहुल गांधी को हराया। उन्होंने इस चुनाव में पराजय के बाद भी अमेठी को नहीं छोड़ा। 2019 के चुनाव में भाजपा के स्मृति जूबिन इरानी ने कांग्रेस के राहुल गांधी को हराया। 2024 में अमेठी में राहुल गांधी को चुनाव जीतना चाहते थे, लेकिन नामांकन के अंतिम दिन कांग्रेस ने गांधी परिवार के करीबी किशोरी लाल शर्मा को भाजपा की स्मृति जूबिन इरानी के सामने उतारा, जो मुकाबला दिलचस्प बना दिया।
1983 से किशोरी लाल शर्मा गांधी परिवार के निकट रहे हैं। उन्होंने राजीव गांधी, सानिया गांधी और राहुल गांधी का चुनाव प्रबंधन किया है। चुनाव प्रचार में दोनों पार्टियों ने एक दूसरे पर सीधा हमला बोला। अब मतदान के बाद परिणाम पर राजनीतिक बहस होती है। नेताओं और उनके समर्थकों के अलावा सामान्य जनता भी सोशल मीडिया पर बहुत सक्रिय है।
Amethi: आईटी सेल की दृष्टि
कांग्रेस और भाजपा की आईटी शाखा सोशल मीडिया पर नज़र रखती है। हर कदम और हर पोस्ट की निगरानी की जाती है। यही नहीं, सोशल मीडिया प्लेटफार्म भी इसका उत्तर दे रहे हैं। जैसे, पाजिटिव और निगेटिव पदाधिकारियों को दोनों दलों ने अलग-अलग काम दिये हैं।
Amethi: अब तक दर्ज की गई तीन प्राथमिकताएं
सोशल मीडिया पर टिप्पणी भी कई लोगों को दुखी करती है। मतदान के बाद सोशल मीडिया पर टिप्पणी करने के लिए अब तक तीन मामले दर्ज कराए गए हैं। पुलिस इसकी जांच कर रही है।
अमेठीवासी फर्स्ट डिवीजन पास नहीं कर पाए
इस बार अमेठी में मतदान प्रतिशत सिर्फ 54.34 प्रतिशत था। मतदान प्रतिशत न बढ़ने का कोई लाभ नहीं बता रहा है। यही नहीं, कुछ लोग मतदाताओं की अरुचि को अलग तरह से समझाते हैं। वैसे, सियासी रणनीतिकारों का कहना है कि अमेठी के संसदीय चुनाव के इतिहास में ऐसा कोई पहला मौका नहीं है जब जनता ने पहले डिवीजन में मतदान नहीं किया है। हालाँकि, मतदान के बाद सोशल मीडिया पर परिणाम पर बहस जारी है।
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Amethi: अमेठी के नतीजों पर बहस सोशल मीडिया पर छाई है; प्रशंसक फेसबुक और एक्स पर अपने विचार व्यक्त कर रहे हैं
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