Ayodhya: यह रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद पहली रामनवमी है। इसलिए रामनवमी विशिष्ट और ऐतिहासिक है। आज भगवान श्रीराम का सूर्य तिलक किया जाएगा। लेकिन उससे पहले ही रामभक्त अयोध्या में रामलला को देखने के लिए उमड़ पड़े हैं। रामभक्तों ने सवेरे से ही सरयू में डुबकी लगाकर मंदिर की राह पकड़ ली है।
Ayodhya: राम मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जमा हुई।
रामनवमी के अवसर पर अयोध्या में लाखों लोग राम मंदिर में पहुंचे हैं। भगवान रामलला को देखने के लिए लोगों की भीड़ लगी हुई है।
Ayodhya: हनुमानगढ़ी में भी श्रद्धालुओं की भीड़
अयोध्या रेंज के आईजी प्रवीण कुमार ने बताया कि रामनवमी पर अयोध्या में सुरक्षा प्रणाली पहले से तैयार है। हमने क्षेत्रों को दो सेक्टरों में विभाजित किया है। दर्शन सुबह 3:30 बजे शुरू हुए हैं।
राम मंदिर में सोने की अनोखी रामायण
अब भक्त रामलला के पास सोने की रामायण की मूर्ति भी अयोध्या के सुंदर श्रीराम मंदिर में देख सकेंगे। इस रामायण को गर्भगृह में पूरी तरह से स्थापित किया गया है। मध्य प्रदेश कैडर के पूर्व आईएएस सुब्रमण्यम लक्ष्मीनारायणन और उनकी पत्नी सरस्वती ने इस विशिष्ट राम मंदिर ट्रस्ट की भेंट की है।
सरयू के तट पर बहुत सारे लोग
सरयू के तट पर बहुत से लोग रामलला को देखने आते हैं। हर कोई जल्द से जल्द रामलला के दर्शन करने के लिए मंदिर जाना चाहता है।
500 वर्ष बाद बुधवार को रामलला अपना जन्मदिन एक हजार करोड़ रुपये का महल में मनाएंगे। सूर्यवंशी भगवान राम को दोपहर 12:16 बजे स्वयं सूर्य की किरणों से तिलक लगाया जाएगा। यह अद्भुत विज्ञान और इंजीनियरिंग के उपयोग से सफल होगा। शासन, प्रशासन और राममंदिर ट्रस्ट कुछ अद्भुत, अलौकिक और अविस्मरणीय रामजन्मोत्सव की तैयारी कर रहे हैं। रामलला भक्तों को बुधवार को रामजन्मोत्सव के दिन स्वर्णमुकुट और रत्नजड़ित पीले रंग की पोशाक में दर्शन देंगे।
राम मंदिर के बाहर श्रद्धालुओं की कतार
आज सुबह से ही भक्तों की भीड़ राम मंदिर के बाहर है। श्रद्धालु सरयू में डुबरी लगाकर रामलला को देखने के लिए कतार में मंदिर में प्रवेश कर रहे हैं।
यह रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद पहली रामनवमी है। इसलिए रामनवमी विशिष्ट और ऐतिहासिक है। आज भगवान श्रीराम का सूर्य तिलक किया जाएगा। लेकिन उससे पहले ही रामभक्त अयोध्या में रामलला को देखने के लिए उमड़ पड़े हैं। रामभक्तों ने सवेरे से ही सरयू में डुबकी लगाकर मंदिर की राह पकड़ ली है।
योग, लग्न, ग्रह, वार और तिथि सभी अनुकूल हो गए। क्योंकि राम का जन्म सुख का मूल है, जड़ और चेतन दोनों प्रसन्न हो गए। श्रीरामचरितमानस की यह पंक्ति, जो रामजन्म को चित्रित करती है, साकार होती दिखती है।
500 वर्ष बाद बुधवार को रामलला अपना जन्मदिन एक हजार करोड़ रुपये का महल में मनाएंगे। सूर्यवंशी भगवान राम को दोपहर 12:16 बजे स्वयं सूर्य की किरणों से तिलक लगाया जाएगा।
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Ayodhya: अयोध्या में रामलला के दर्शन के लिए उमड़े श्रद्धालु, सरयू में भक्त लगा रहे आस्था की डुबकी
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