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Ayodhya: 1992 के बाद से यातायात प्रतिबंध की बेड़ियां, राम मंदिर जाने के लिए 31 साल बाद हटाई गईं

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Ayodhya: रामकोट में कदम दर कदम पड़ने वाली यातायात प्रतिबंध की बेड़ियां हटा दी गई हैं। अब आम लोग भी चार पहिया कार से काफी अंदर जा सकेंगे।
रामनगरी में लंबे समय से चले आ रहे यातायात प्रतिबंध अब पूरी तरह से दूर हो गए हैं। पुलिस और प्रशासन ने कई सुरक्षा उपायों में ढील दी है। टेढ़ी बाजार चौराहे से बैरियर निकाल दिए गए। चार पहिया वाहनों को यहां से राम जन्मभूमि पथ पर श्रीराम अस्पताल तक प्रवेश मिलने लगा है। वाहनों को रामघाट चौराहे पर भी नहीं रोका जाएगा।

शनिवार और रविवार को, प्रमुख पर्वों के अलावा, अयोध्या में पर्यटकों की भीड़ अधिक होती है। स्थानीय लोगों और देश भर से आने वाले श्रद्धालुओं ने इस दौरान भी यातायात प्रतिबंधों का सामना किया। रामनगरी में रहने वालों को सामान्य दिनों में भी सुरक्षा कारणों से कई समस्याएं होती थीं। शनिवार से इसमें बहुत राहत मिली है।

रामकोट के निवासियों को यातायात प्रतिबंधों में कमी से सबसे अधिक राहत मिली है। वाहन, जिन्हें विशेष अनुमति मिली थी या जिनके पास यलो जोन था, पहले टेढ़ी बाजार बैरियर और गोकुल भवन बैरियर पार करते थे। अब टेढ़ी बाजार से सीधे कटरा, अशर्फी भवन होते हुए रामपथ पर चार पहिया वाहन पहुंच सकते हैं।

हालाँकि, चार पहिया वाहनों को बैरियर से रामजन्मभूमि की ओर जाना अभी भी प्रतिबंधित है। कंट्रोल रूम से जाने वाले वाहन ही इधर जा सकेंगे। शनिवार से रामघाट चौराहे से चार पहिया वाहनों की आवाजाही सुगम हो गई। एसपी सिटी मधुबन सिंह ने बताया कि स्थानीय निवासियों और श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए प्रतिबंधों में कुछ ढ़ील दी गई है। सुरक्षित मानकों के अनुसार पहले की तरह चेकिंग और चौकसी होगी।

Ayodhya: अब कंट्रोल रूम के मैसेज और यलो क्षेत्र पास की आवश्यकता खत्म हो जाएगी।

सर, गाड़ी का नंबर नोट है; आपको राम मंदिर जाना है। सुरक्षाकर्मी कहते हैं कि आप जा सकते हैं, नंबर देखने की जरूरत नहीं है। दिल्ली के भक्त अमरनाथ साहू मुस्कुराकर जय श्रीराम कहते हुए आगे बढ़ते हैं। निखिल गोस्वामी थोड़ी देर बाद अपना चार पहिया वाहन लेकर आते हैं और सुरक्षाकर्मी को यलो जोन के पास दिखाते हैं। सुरक्षाबलों का कहना है कि इसकी जरूरत नहीं है, आप जा सकते हैं। यह टेढ़ी बाजार बैरियर की तस्वीर है।

Ayodhya: 1993 में बनाए गए कानून के बाद रामकोट पर लगाए गए प्रतिबंध

छह दिसंबर 1992 की घटना के बाद रामकोट पर प्रतिबंध लगाया गया था। 1993 में अयोध्या कानून बनाया गया, जिसके बाद प्रतिबंध और कठोर हो गए। 2005 में पांच जुलाई को राम जन्मभूमि पर आतंकी हमले के बाद रामकोट पर सुरक्षा प्रतिबंध लगाए गए। स्थानीय लोगों के लिए यलो क्षेत्र बनाया गया था। स्थानीय लोगों को हर दिन असुविधा होती थी।

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