Babu Jagjivan Ram: 1971 के रक्षा मंत्री के तौर पर बाबू जगजीवन राम ने पाकिस्तान को परास्त कर दिया था। एक सफल रक्षा मंत्री जो दो बार प्रधानमंत्री बन सकते थे, लेकिन दोनों बार प्रधानमंत्री नहीं बन पाए।
शुक्रवार को देश के पहले दलित उपप्रधानमंत्री बाबू जगजीवन राम की जयंती है। डॉ. आंबेडकर के निधन के बाद देश की राजनीति में दलितों के सबसे बड़े नेता रहे जगजीवन राम का आगरा से बहुत नजदीकी थी। वह दो बार प्रधानमंत्री रह चुका था। 1952 से 1984 तक वह आगरा में सभाएं करके दलितों को शिक्षित करने आया।
Babu Jagjivan Ram: बेटे की बहस से प्रधानमंत्री पद से दूर
इंदिरा गांधी के निकट थे बाबू जगजीवन राम, जो कांग्रेस सरकार में लगातार मंत्री रहे थे। उन्हें 1969 में इंदिरा गांधी ने कांग्रेस आई का अध्यक्ष बनाया था। 31 अक्तूबर 1969 को इंदिरा गांधी, बाबू जगजीवन राम और फखरुद्दीन अली अहमद को पार्टी से निकाल दिया गया था। दिसंबर 1969 में बाबू जगजीवन राम इंदिरा कांग्रेस का अध्यक्ष बन गए। 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में रक्षामंत्री थे । वह एक सफल रक्षा मंत्री थे और इस युद्ध में पाकिस्तान को बुरी तरह परास्त करके बांग्लादेश बनाया।
Babu Jagjivan Ram: जब दलित समाज ने तीनों सीटें खो दीं
बाबू जगजीवन राम के साथ काम कर चुके देवकीनंदन सोन ने बताया कि बाबूजी के प्रधानमंत्री न बनने से नाराज शहर के दलित समाज ने जनता पार्टी की तीनों सीटें हरा दीं। दलित सेवक संघ के अध्यक्ष राजकुमार नागरथ ने कहा कि बाबूजी ने दलितों को बचाया। जब तक जातिवाद खत्म नहीं हो गया, तब तक वे आरक्षण की वकालत करते रहेंगे। सेठ लक्ष्मण दास, करतार सिंह भारतीय, डा. सिराज कुरैशी और देव कुमार ने आगरा में उनके साथ काम किया। जाटव समाज उत्थान समिति ने होटल हावर्ड पार्क प्लाजा के सामने पार्क में बाबू जगजीवन राम की प्रतिमा स्थापित की। जयंती पर हर साल लोग उनकी प्रतिमा पर आते हैं।
6 जुलाई 1986 को बाबू जगजीवन राम का निधन हो गया। अमर उजाला ने उनके निधन पर दो विशेष पेज प्रकाशित किए, जो उनके व्यक्तित्व और उनके जीवन से जुड़े पलों को समझाते थे। तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने अपनी अंतिम संस्कार यात्रा के दौरान ही विदेश छोड़ दिया था। उनके निधन के बाद, कांग्रेस जे को कांग्रेस में विलय कर दिया गया। बाबू जगजीवन राम को राष्ट्रकवि मैथिली शरण गुप्त ने लिखा, “जगजीवन तुम्हारा पावन नाम, तुल न सके धरती धन धाम।”
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Babu Jagjivan Ram: 1971 में जिस रक्षा मंत्री ने पाकिस्तान को बुरी तरीक़े से हरा दिया था, जानें क्यों दो बार प्रधानमंत्री बनने से चूके
बाबू जगजीवन राम को क्यों और किसने नहीं बनने दिया प्रधानमंत्री, सुनिए पूरी कहानी । Apka Akhbar