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  • Kurnool Kaveri Travels Fire : कुरनूल में दर्दनाक हादसा चलती बस में लगी भीषण आग, 15 की मौत की आशंका, कई घायल

    Kurnool Kaveri Travels Fire : कुरनूल में दर्दनाक हादसा चलती बस में लगी भीषण आग, 15 की मौत की आशंका, कई घायल

    Kurnool Kaveri Travels Fire : कुरनूल में दर्दनाक हादसा चलती बस में लगी भीषण आग, 15 की मौत की आशंका, कई घायल

    आंध्र प्रदेश के कुरनूल में कावेरी ट्रैवल्स की बस आग में जलकर खाक। 15 यात्रियों की मौत की आशंका, 12 ने खिड़कियाँ तोड़कर बचाई जान। हादसे की जांच जारी। क्या ये पेट्रोल/डीजल के साथ एथनोल मिक्स करने की वजह से हो रहा है?

    आंध्र प्रदेश के कुरनूल जिले से एक बेहद दर्दनाक और दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। हैदराबाद से बेंगलुरु जा रही कावेरी ट्रैवल्स की एक निजी बस आज तड़के करीब 3 बजे भीषण हादसे की शिकार हो गई। यह घटना कुरनूल के चिन्नातेकुरु गाँव के पास हुई, जब बस की टक्कर एक दोपहिया वाहन से हो गई। टक्कर इतनी तेज़ थी कि देखते ही देखते बस में आग लग गई और पूरी बस कुछ ही मिनटों में आग के गोले में तब्दील हो गई।

    Kurnool Kaveri Travels Fire
    Kurnool Kaveri Travels Fire

    बताया जा रहा है कि इस बस में कुल 42 से ज्यादा यात्री सवार थे। प्राथमिक जानकारी के अनुसार, कम से कम 15 यात्रियों के मारे जाने की आशंका जताई जा रही है। यह संख्या और बढ़ सकती है, क्योंकि आग ने बस को पूरी तरह अपनी चपेट में ले लिया था, जिससे कई यात्री बाहर निकल भी नहीं पाए। वहीं, करीब 12 यात्रियों ने साहस दिखाते हुए खिड़कियाँ तोड़कर किसी तरह अपनी जान बचाई। उन्होंने मौके पर मौजूद स्थानीय लोगों की मदद से छलांग लगाई और बस की आग से बच निकले।

    हादसे के तुरंत बाद स्थानीय ग्रामीणों ने मौके पर पहुंचकर राहत और बचाव कार्य शुरू किया। आग इतनी भीषण थी कि दमकल विभाग को आग पर काबू पाने में काफी समय लग गया। घटनास्थल से निकलने वाले धुएं और लपटों ने पूरे इलाके को दहला दिया। कई प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि चीख-पुकार और भगदड़ का माहौल बन गया था, और कुछ यात्री बस के अंदर फंस गए थे।

    Kurnool Kaveri Travels Fire
    Kurnool Kaveri Travels Fire

    प्रशासन ने तेज़ी से कार्रवाई करते हुए पुलिस और फायर ब्रिगेड को मौके पर भेजा। फिलहाल घायलों को पास के कुरनूल सरकारी अस्पताल और निजी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। कुछ लोगों की हालत गंभीर बताई जा रही है, और डॉक्टर लगातार इलाज में जुटे हैं।

    पहली जांच में सामने आया है कि बस की टक्कर सामने से आ रहे एक दोपहिया वाहन से हुई। टक्कर के बाद बस के फ्यूल टैंक में आग भड़क गई, जो कुछ ही सेकंड में पूरे वाहन में फैल गई। हादसे का सटीक कारण अभी स्पष्ट नहीं है, लेकिन पुलिस वाहन की स्पीड, ड्राइवर की लापरवाही या किसी तकनीकी खराबी के एंगल से भी जांच कर रही है।

    फिलहाल इस हादसे को लेकर आंध्र प्रदेश सरकार ने संज्ञान लिया है और उच्चस्तरीय जांच के आदेश जारी किए गए हैं। मुख्यमंत्री कार्यालय ने भी मृतकों के परिवारों के लिए मुआवज़े की घोषणा जल्द करने के संकेत दिए हैं।

    अधिक जानकारी और आधिकारिक पुष्टि की प्रतीक्षा जारी है।



    Halloween Day 2025: क्या है हैलोवीन डे? क्यों मनाया जाता है और किन देशों में धूमधाम से होता है ये रहस्यमयी त्योहार?

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  • Lokpal in BMW लोकपाल ऐशो-आराम की गोद में? सरकारी भ्रष्टाचार रोकने वाली संस्था पर उठे सवाल

    Lokpal in BMW लोकपाल ऐशो-आराम की गोद में? सरकारी भ्रष्टाचार रोकने वाली संस्था पर उठे सवाल

    Lokpal in BMW जनता के लिए तत्पर रहने वाली लोकपाल संस्था खुद आलीशान सुविधाओं में? जांच एजेंसी की ऐशो-आराम वाली जीवनशैली पर उठे सवाल, पूरा सच यहाँ पढ़ें।

    देश में भ्रष्टाचार विरोधी कानूनों को लागू करने और जन-सुनवाई आधारित शिकायतों को सख्ती से निपटाने के लिए गठित लोकपाल संस्था इन दिनों खुद चर्चा में है—वजह है उसका “रहना-सहना और सरकारी वैभव” पर सवाल उठना। लोकपाल को जनता के हितों की रक्षा करने वाला, निष्पक्ष एवं सादगीपूर्ण संस्थान माना जाता है, लेकिन हाल ही में सामने आई कुछ जानकारियों ने माहौल गर्म कर दिया है।

    Lokpal in BMW

    सूत्रों के मुताबिक, लोकपाल कार्यालय को दिल्ली के प्रीमियम सरकारी बंगलों के समकक्ष सुविधाएँ मिली हुई हैं — पाँच सितारा स्तर का फर्निश्‍ड ऑफिस-स्पेस, imported फर्नीचर, व्यक्तिगत स्टाफ, बुलेटप्रूफ वाहन, VVIP सुरक्षा, और एक दर्जन से अधिक प्रशासनिक सहायकों की तैनाती। यह सब तब, जब आम नागरिकों की शिकायतें महीनों लंबित पड़ी रहती हैं और कई राज्यों से अभी तक पूरी क्षमताओं के साथ लोकायुक्त तक की नियुक्ति नहीं हो पाई।

    प्रश्न यह भी उठा है Lokpal in BMW

    क्या लोकपाल जैसे संस्थान के लिए सादगी, जवाबदेही और पारदर्शिता सर्वोच्च नहीं होनी चाहिए? क्योंकि इसी पहचान पर इसकी नैतिक ताकत खड़ी होती है। लेकिन जब कार्रवाई करने वाली संस्था खुद VIP संस्कृति जैसा व्यवहार करती हुई दिखे, तो आम जनता के मन में संशय स्वाभाविक है। आलोचक कहते हैं कि लोकपाल को सुविधाएँ मिलना गलत नहीं, लेकिन जब सुविधाएँ “ऐश” के रूप में दिखें और डिलीवरी “स्लो” तो छवि पर प्रश्न उठते ही हैं।

    टीम के अधिकारियों ने दलील दी है कि उनके ऊपर जांच-कार्रवाई का दबाव, संवेदनशील मामलों की सुरक्षा और उच्च स्तर की confidentiality को देखते हुए यह स्टैंडर्ड प्रोटोकॉल है। उनका कहना है कि “सुविधाओं से ईमानदारी तय नहीं होती, बल्कि परिणामों से होती है — और लोकपाल संस्थान अब तक कई बड़े भ्रष्टाचार मामलों की जांच शुरू कर चुका है।”

    लेकिन नागरिक मंचों का तर्क है Lokpal in BMW

    लोकपाल की गति और ग्राउंड रिपोर्टिंग अभी तक उतनी प्रभावी नहीं दिखी जितनी उम्मीद थी। खासकर राज्य स्तरीय लोकायुक्तों और केंद्रीय लोकपाल के बीच समन्वय की कमी का असर केस निपटान की गति पर पड़ा है। लोकपाल के पास हजारों शिकायतें लंबित बताई जा रहीं हैं, और उनमें से बड़ी संख्या preliminary जांच या scrutiny में ही अटकी हुई हैं।

    सवाल यह नहीं कि लोकपाल को सुविधा क्यों मिली — सवाल यह है कि क्या ऐश की छाप इस संस्था की छवि को कमजोर कर रही है? क्या यह “जनता का प्रहरी” बन सका है या अभी भी “सरकारी club” बनने के खतरे में है?

    आगे की राह यही बताती है

    लोकपाल जैसी संस्था के लिए जनता के विश्वास से बड़ा कोई भी संसाधन नहीं। इसलिए जरूरत है transparency dashboards, लाइव केस स्टेटस, time-bound action reports और performance audit जैसी पहल की। तभी लोकपाल न केवल सत्ता के ऊपर निगरानी रख सकेगा, बल्कि जनता के दिलों में भी अपनी अपरिहार्य विश्वसनीयता बना सकेगा।



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  • Ethanol Alert यूरोपीय संघ इथेनॉल को कर सकता है ‘कैंसरकारक’ घोषित

    Ethanol Alert यूरोपीय संघ इथेनॉल को कर सकता है ‘कैंसरकारक’ घोषित

    Ethanol Alert EU की रिपोर्ट में इथेनॉल को संभावित कैंसरकारी और खतरनाक सैनिटाइज़र रसायन बताया गया। जानें क्या बदल सकता है नियम और इसका असर आम लोगों पर कैसा होगा।

    कोविड-19 महामारी के दौरान जिस हैंड सैनिटाइज़र को हम सभी ने सुरक्षा का सबसे भरोसेमंद हथियार माना, अब उसी को लेकर यूरोपीय संघ (European Union) की एक नई रिपोर्ट ने वैश्विक स्तर पर चिंता बढ़ा दी है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इथेनॉल (Ethanol) — जो ज्यादातर हैंड सैनिटाइज़र्स में 60-80% तक पाया जाता है — को कैंसर पैदा करने वाले रसायन (Carcinogenic Substance) के रूप में क्लासिफाई किया जा सकता है।

    Ethanol Alert

    क्या कहती है रिपोर्ट?

    यूरोपीय संघ की European Chemicals Agency (ECHA) के विशेषज्ञों ने सुझाव दिया है कि इथेनॉल की लंबे समय तक और अत्यधिक इनहेलेशन (सांसों के ज़रिए शरीर में जाना) कैंसर का जोखिम बढ़ा सकता है।
    यदि ये प्रस्ताव स्वीकार किया जाता है, तो इथेनॉल को आधिकारिक रूप से “Carcinogen Category 1” में रखा जा सकता है — यानी मनुष्यों में कैंसर पैदा करने वाला सिद्ध रसायन

    Ethanol Alert
    Ethanol Alert

    क्या हर इथेनॉल खतरनाक है?

    जानकारों के अनुसार, खतरनाक प्रभाव शुद्धता (purity), exposure level और उपयोग की मात्रा पर निर्भर करता है।

    • मेडिकल ग्रेड इथेनॉल को फिलहाल नियंत्रित रूप में सुरक्षित माना जाता है
    • लेकिन कम गुणवत्ता वाले या दूषित इथेनॉल, खासकर मेथेनॉल से मिले हुए उत्पादों को बेहद खतरनाक माना जा रहा है

    यहीं से हैंड सैनिटाइज़र को लेकर चिंता बढ़ती है — क्योंकि घरेलू व स्थानीय स्तर पर बने सस्ते सैनिटाइज़र में अक्सर अशुद्ध इथेनॉल का इस्तेमाल हो जाता है।

    Ethanol Alert सैनिटाइज़र इस्तेमाल को लेकर उठे सवाल

    • अगर EU इस वर्गीकरण को आधिकारिक रूप से लागू करता है, तो
    • सैनिटाइज़र के फॉर्मूलेशन पर सख्त नियंत्रण लागू होगा
    • मेडिकल उत्पादों पर नियम बदल सकते हैं
    • कुछ प्रकार के सैनिटाइज़र बाज़ार से हटाए जा सकते हैं
    • बच्चों, प्रेग्नेंट वुमन और संवेदनशील लोगों के लिए गाइडलाइन अपडेट होगी

    विश्वभर में मचेगी हलचल

    EU की रिपोर्ट का प्रभाव केमिकल, हेल्थकेयर और कॉस्मेटिक इंडस्ट्री पर भारी हो सकता है।
    भारत सहित कई देशों में इथेनॉल बेस्ड सैनिटाइज़र बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किए जाते हैं, ऐसे में ग्लोबल गाइडलाइंस में बदलाव का असर बाज़ार और लोगों की जीवनशैली दोनों पर पड़ सकता है।

    क्या आम लोगों के लिए तुरंत खतरा है?

    अभी के लिए विशेषज्ञों की सलाह है

    • प्रमाणित ब्रांडेड सैनिटाइज़र ही इस्तेमाल करें | अनसर्टिफाइड, लोकल या बिना लेबल वाले प्रोडक्ट्स से बचें | बच्चों के हाथ में सैनिटाइज़र बार-बार न दें | जरूरत होने पर साबुन और पानी से हाथ धोना बेहतर विकल्प है


    Zaherila Saanp क्या आप जानते हैं सांप के कितने दांत होते हैं? ये वीडियो आपकी सोच बदल देगा

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  • Zaherila Saanp क्या आप जानते हैं सांप के कितने दांत होते हैं? ये वीडियो आपकी सोच बदल देगा

    Zaherila Saanp क्या आप जानते हैं सांप के कितने दांत होते हैं? ये वीडियो आपकी सोच बदल देगा

    Zaherila Saanp सांप के मुंह में पॉलिथीन डालते ही दिखे उसके खौफनाक दांत। जानें सांपों के कितने दांत होते हैं और कैसे इंजेक्ट होता है ज़हर। जहरीले सांप के मुंह में पॉलिथीन डाली गई तो दिखे इतने खतरनाक दांत – आखिर कितने दांत होते हैं सांप में? हैरान कर देगी सच्चाई! पूरी जानकारी यहां पढ़ें

    Zaherila Saanp
    Zaherila Saanp

    सोशल मीडिया पर हाल ही में एक वीडियो तेजी से वायरल हुआ, जिसमें एक खतरनाक ज़हरीले सांप के मुंह में सावधानीपूर्वक पॉलिथीन डाली गई ताकि उसके अंदरूनी दांतों की बनावट को साफ़-साफ़ देखा जा सके। यह वीडियो देखकर लाखों लोग दंग रह गए, क्योंकि सांप के मुंह के अंदर छिपे नुकीले ज़हरीले दांत इतने भयानक और शार्प थे कि किसी की भी रूह कांप जाए।

    सवाल ये उठता है — सांप के मुंह में आखिर कितने दांत होते हैं? क्या हर सांप के दांत एक जैसे होते हैं? और ज़हर कैसे इंजेक्ट होता है? आइए इस रहस्य को विस्तार से समझते हैं।

    Zaherila Saanp सांप के कितने दांत होते हैं?

    सांपों के दांतों की संख्या उनके प्रजाति (species) पर निर्भर करती है। आमतौर पर एक सांप के मुंह में लगभग 100 से 200 तक छोटे और बेहद नुकीले दांत हो सकते हैं। लेकिन इनमें से सिर्फ 2 दांत ऐसे होते हैं जिन्हें हम ज़हरीले फैंंग्स (Fangs) कहते हैं। ये ऊपरी जबड़े में मौजूद होते हैं और ज़हर इंजेक्ट करने का काम करते हैं।

    क्या हर सांप ज़हरीला होता है?

    नहीं, दुनिया में सिर्फ लगभग 15% सांप ही ज़हरीले होते हैं। बाकी सांपों के पास फैंंग्स तो होते हैं, लेकिन उनमें ज़हर नहीं होता। ऐसे सांप शिकार को दबाकर या गला घोंटकर मारते हैं।

    फैंंग्स कैसे काम करते हैं?

    ज़हरीले सांपों के मुंह की संरचना बेहद खास होती है —

    • ऊपरी जबड़े में 2 लम्बे नुकीले Poison Fangs होते हैं
    • ये फैंंग्स एक सिरिंज की तरह hollow (खोखले) होते हैं
    • ज़हर Poison Gland (विष ग्रंथि) से फैंंग्स में होकर सीधे शिकार की नसों में इंजेक्ट होता है
    • काटते ही कपड़ों को तक चीर देने वाली स्पीड और प्रेशर से ज़हर प्रवेश करता है

    यही कारण है कि कोबरा, वाइपर या क्रेट का एक ही काटना जानलेवा हो सकता है।

    Zaherila Saanp पॉलिथीन डालने से क्या देखा गया?

    वीडियो में जब सांप के मुंह में पारदर्शी पॉलिथीन डाली गई, तो साफ दिखाई दिया कि

    • उसके दांत U-शेप में व्यवस्थित थे
    • ज़हरीले फैंंग्स बाकी दांतों से काफी बड़े और तेज़ थे
    • काटने की “रफ्तार और एंगल” समझने के लिए वैज्ञानिक इस टैक्निक का प्रयोग करते हैं

    सांप के दांत टूटते भी हैं?

    हां, लेकिन प्रकृति ने सांप को खास बनाया है —

    • अगर फैंंग टूट भी जाए तो कुछ हफ्तों में नया दांत खुद उग आता है
    • इसलिए सांप हमेशा खतरनाक बना रहता है

    सांप के मुंह में पॉलिथीन डालना खतरनाक जरूर लगता है, लेकिन वैज्ञानिक दृष्टि से यह तरीका बेहद कारगर है। इससे यह समझ आता है कि प्रकृति ने सांप को कैसे एक ‘Silent Killer’ बनाया है — जिसका हर दांत, हर एंगल और हर ज़हरीला फैंंग मौत से सीधा कनेक्शन रखता है।


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  • Halloween Day 2025: क्या है हैलोवीन डे? क्यों मनाया जाता है और किन देशों में धूमधाम से होता है ये रहस्यमयी त्योहार?

    Halloween Day 2025: क्या है हैलोवीन डे? क्यों मनाया जाता है और किन देशों में धूमधाम से होता है ये रहस्यमयी त्योहार?

    Halloween Day 2025 भारत में भी बढ़ रहा है Halloween का क्रेज — जानिए इसका इतिहास और महत्व

    Halloween Day 2025 क्या है? क्यों मनाया जाता है यह डर और मस्ती से भरा त्योहार, जानें इसका इतिहास, महत्व और किन देशों में इसकी सबसे ज्यादा धूम होती है।

    हर साल 31 अक्टूबर को मनाया जाने वाला Halloween Day पश्चिमी देशों का एक बेहद लोकप्रिय और रहस्यमयी त्योहार है, जिसे डर, मस्ती और कल्पनाओं की दुनिया से जोड़कर देखा जाता है। इसे “All Hallows’ Eve” भी कहा जाता है, जिसका अर्थ है — पवित्र आत्माओं की पूर्व संध्या। हैलोवीन को आज दुनिया भर में एक कल्चरल फेस्टिवल की तरह सेलिब्रेट किया जाता है, खासकर अमेरिका, कनाडा, आयरलैंड और ब्रिटेन में।

    हेलोवीन डे क्या है?

    Halloween Day 2025
    Halloween Day 2025

    हैलोवीन एक पारंपरिक त्योहार है जिसमें लोग रात को डरावने कॉस्ट्यूम पहनकर बाहर निकलते हैं, अपने घरों को भूतिया तरीके से सजाते हैं, और बच्चे Trick or Treat के लिए घर-घर जाकर चॉकलेट्स और कैंडीज मांगते हैं। यह दिन मुख्य रूप से आत्माओं और पूर्वजों की याद में मनाया जाता है।

    Halloween का इतिहास

    हैलोवीन की शुरुआत लगभग 2,000 साल पहले आयरलैंड और स्कॉटलैंड के प्राचीन Celtic Festival Samhain (साविन) से मानी जाती है। मान्यता थी कि इस दिन जीवित और मृत दुनिया के बीच की सीमा टूट जाती है, और आत्माएं धरती पर आ जाती हैं। लोग इन आत्माओं से बचने के लिए डरावने वेशभूषा धारण करते थे, आग जलाते थे और पूजा करते थे।

    आज के दौर में हैलोवीन कैसे मनाया जाता है?

    आधुनिक समय में हैलोवीन एक Fun Festival बन गया है, जिसमें लोग भूत, चुड़ैल, वैम्पायर, सुपरहीरो और मूवी कैरेक्टर्स जैसे कॉस्ट्यूम पहनते हैं।

    • घरों में Pumpkin (कद्दू) को Jack-O’-Lantern बनाकर सजाया जाता है
    • Haunted House Parties और Costume Contests आयोजित होते हैं
    • बच्चे “Trick or Treat” कहकर घर-घर घूमते हैं
    • सोशल मीडिया पर डरावने मेकअप और फोटोशूट्स का ट्रेंड छा जाता है

    कौन से देश मनाते हैं Halloween?

    हैलोवीन सबसे ज्यादा धूमधाम से मनाया जाता है —

    • United States (अमेरिका)
    • Canada (कनाडा)
    • United Kingdom (यूके)
    • Ireland और Scotland
      इसके अलावा हाल के वर्षों में भारत, जापान, ऑस्ट्रेलिया, UAE जैसे देशों में भी इसका क्रेज तेजी से बढ़ा है, विशेष रूप से युवाओं और बच्चों में।
    Halloween Day 2025

    Halloween 2025 कब है?

    31 अक्टूबर 2025, शुक्रवार के दिन पूरी दुनिया में Halloween डे का सेलिब्रेशन होगा।

    भारत में हेलोवीन का बढ़ता ट्रेंड

    भारत में यह त्योहार धार्मिक न होकर फैशन और एंटरटेनमेंट के रूप में मनाया जाता है। मेट्रो सिटी के स्कूल, कैफे, मॉल और पब में हेलोवीन थीम पार्टियां आयोजित की जाती हैं।



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  • Diwali Rangoli Cleaning Tips: रंगोली के दाग हटाएं मिनटों में वो भी ZERO मेहनत के साथ

    Diwali Rangoli Cleaning Tips: रंगोली के दाग हटाएं मिनटों में वो भी ZERO मेहनत के साथ

    Diwali Rangoli Cleaning Tips: दिवाली के बाद रंगोली के दाग साफ करने में परेशानी होती है? जानिए आसान घरेलू उपाय जिनसे बिना ज्यादा मेहनत के मिनटों में आपका फर्श चमक उठेगा। No stain, only shine!

    दिवाली के बाद रंगोली के दाग ऐसे करें साफ — बिना मेहनत मिनटों में चमक उठेगा आपका फर्श

    दिवाली का त्योहार रंग, रोशनी और खुशियों से भरा होता है। घर के दरवाजों पर बनाई गई सुंदर रंगोलियाँ मेहमानों का स्वागत करती हैं, लेकिन जैसे ही त्योहार खत्म होता है, सबसे बड़ी टेंशन शुरू हो जाती है — रंगोली के दाग कैसे हटाएं? खासकर जब रंग जमीन पर गहरे धंस जाते हैं या सूखे हुए रंग दाग की तरह नज़र आते हैं।

    अगर आप भी हर बार फर्श को रगड़-रगड़कर थक जाते हैं या रंग साफ करते-करते सफाई मुश्किल हो जाती है, तो घबराने की जरूरत नहीं है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं Diwali Rangoli Cleaning Tips, जिनसे बिना ज्यादा मेहनत और बिना किसी नुकसान के सिर्फ कुछ ही मिनटों में फर्श बिलकुल नया जैसा चमक उठेगा।

    1. सूखे रंग को “ड्राई क्लीनिंग” से शुरू करें

    कभी भी गीला कपड़ा पहले इस्तेमाल न करें।

    • एक मुलायम झाड़ू या वैक्यूम क्लीनर से पहले सूखे रंग को हल्के हाथों से हटाएं
    • इससे रंग और ज्यादा फैलता नहीं और क्लीनिंग आसान हो जाती है
    • कोशिश करें रंग को रगड़ें नहीं, ऊपर-ऊपर से ही धीरे हटाएं

    2. बेकिंग सोडा + सफेद सिरका = जादुई क्लीनर Diwali Rangoli Cleaning Tips

    यह सबसे असरदार और सुरक्षित घरेलू उपाय है।

    • रंगोली वाले दाग पर थोड़ा-सा बेकिंग सोडा छिड़कें
    • इसके ऊपर सफेद सिरका (white vinegar) डालें
    • बस 2 मिनट इंतजार करें — हल्के बुलबुले उठते नजर आएंगे
    • अब माइक्रोफाइबर कपड़े से पोंछ दें — दाग गायब!

    3. नींबू और नमक का नेचुरल स्क्रबर

    अगर फर्श पर रंग ज्यादा चिपक गया है —

    • एक नींबू को बीच से काटें
    • उस पर थोड़ा नमक छिड़कें और दाग पर हल्के हाथ घुमाएं
    • ये नैचुरल एजेंट रंग को उठाता भी है और चमक भी देता है
    • बाद में साधारण पानी से पोंछ लें
    Diwali Rangoli Cleaning Tips
    Diwali Rangoli Cleaning Tips

    4. मार्बल या टाइल्स के लिए डिशवॉश लिक्विड टिप

    • एक बाल्टी गुनगुने पानी में 1 चम्मच डिशवॉश लिक्विड मिलाएं
    • माइक्रोफाइबर कपड़े को डुबोकर राउंड मोशन में साफ करें
    • चमक तुरन्त वापस आ जाएगी

    5. पुरानी घर वाली देसी ट्रिक — गेहूं का आटा

    • नकली रंग या हल्दी वाले दाग के लिए सबसे बढ़िया उपाय
    • दाग वाले हिस्से पर थोड़ा आटा छिड़क दें
    • 3 मिनट छोड़ दें → आटा रंग को सोख लेगा
    • झाड़ू से निकाल दें और हल्का गीला कपड़ा चलाएं

    बोनस टिप: फर्श पर खरोंच न आए इसका ध्यान रखें Diwali Rangoli Cleaning Tips

    • स्कॉच ब्राइट, स्टील स्क्रबर, या हार्ड ब्रश का इस्तेमाल बिल्कुल न करें
    • खासकर मार्बल और ग्रेनाइट फर्श के लिए हमेशा माइल्ड तकनीक ही अपनाएं

    दिवाली खत्म होते ही रंगोली हटाना सिरदर्द नहीं, एक 2 मिनट का आसान प्रोसेस बन सकता है — बस तरीका सही होना जरूरी है। इन 100% घर में उपलब्ध सामग्रियों से आप बिना किसी केमिकल और बिना ज्यादा मेहनत के अपने घर का फर्श चमका सकते हैं, वो भी बिना नुकसान के।



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  • Droupadi Murmu राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू हादसे से बाल-बाल बचीं हेलिकॉप्टर से उतरते ही धंस गया हेलीपैड, टली बड़ी दुर्घटना

    Droupadi Murmu राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू हादसे से बाल-बाल बचीं हेलिकॉप्टर से उतरते ही धंस गया हेलीपैड, टली बड़ी दुर्घटना

    राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू एक बड़ी दुर्घटना से बच गईं। उनके हेलिकॉप्टर से उतरने के तुरंत बाद हेलीपैड धंस गया। सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट, जांच शुरू। जानें पूरा मामला।

    देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू एक बड़ी दुर्घटना से बाल-बाल बच गईं। उनका हेलिकॉप्टर जैसे ही हेलीपैड पर उतरा और वे सुरक्षित उतरकर आगे बढ़ीं, कुछ ही क्षण बाद हेलीपैड का हिस्सा अचानक धंस गया। इस घटना ने वहां मौजूद सभी सुरक्षा अधिकारियों और स्थानीय प्रशासन को चौंका दिया। अगर यह हादसा कुछ सेकंड पहले होता, तो एक बड़ी दुर्घटना घट सकती थी।

    Droupadi Murmu
    Droupadi Murmu

    Droupadi Murmu घटना उस समय की है जब राष्ट्रपति मुर्मू अपने एक आधिकारिक कार्यक्रम में शामिल होने जा रही थीं। तय कार्यक्रम के तहत उनका हेलिकॉप्टर निर्धारित हेलीपैड पर उतरा, सुरक्षा प्रोटोकॉल के तहत पहले सिर्फ राष्ट्रपति को सुरक्षित रूप से बाहर निकाला गया। जैसे ही वे हेलीपैड से कुछ कदम दूर पहुंचीं, जमीन अचानक बैठने लगी और हेलीपैड का एक बड़ा हिस्सा धंस गया।

    प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, घटना इतनी अचानक थी कि सुरक्षा जवानों ने तुरंत घेरा बनाकर स्थिति को संभाला। राहत की बात यह रही कि प्रधानमंत्री स्तर के Z+ सुरक्षा प्रोटोकॉल के कारण राष्ट्रपति पहले ही सुरक्षित स्थान पर पहुंच चुकी थीं।

    कैसे टली बड़ी दुर्घटना?

    • हेलिकॉप्टर से उतरते ही राष्ट्रपति को तुरंत सुरक्षा घेरा देकर आगे ले जाया गया
    • सुरक्षा टीमों ने पहले ही हेलीपैड के आसपास से भारी वाहनों को दूर रखा था
    • घटना के कुछ ही सेकंड बाद जमीन धंसी — समय ने बड़ा रोल निभाया
    • अगर हेलिकॉप्टर थोड़ा भी आगे या केंद्र में होता, हादसा गंभीर हो सकता था

    Droupadi Murmu जांच के आदेश जारी

    सूत्रों के अनुसार, रक्षा मंत्रालय और स्थानीय प्रशासन ने तुरंत उच्च स्तरीय जांच शुरू कर दी है। हेलीपैड किस इंजीनियरिंग मानक के तहत तैयार किया गया था, क्या पहले से इसका निरीक्षण हुआ था, और कहीं इसमें लापरवाही तो नहीं — इसका पूरा आकलन किया जा रहा है।

    राष्ट्रपति की सुरक्षा में इतनी बड़ी चूक कैसे?

    राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री के दौरे से पहले SPG और स्थानीय प्रशासन द्वारा हर इंच की सुरक्षा जांच की जाती है, जिसमें हेलीपैड की मजबूती भी शामिल होती है। ऐसे में यह घटना कई सवाल खड़े करती है —

    • क्या स्थानीय प्रशासन की ओर से निरीक्षण ठीक से नहीं हुआ?
    • क्या मिट्टी ढीली थी और बारिश का प्रभाव रहा?
    • क्या भार क्षमता का गलत आकलन किया गया?

    राष्ट्रपति सुरक्षित, लेकिन अलर्ट मोड पर सुरक्षाबल

    सुरक्षा एजेंसियों ने पूरे मामले को रेड अलर्ट मोड में ले लिया है। हेलिकॉप्टर पायलट की सूझबूझ और सुरक्षा दल की तेजी के चलते यह बड़ा हादसा टल गया।

    यह घटना इस बात की गंभीर याद दिलाती है कि सेकंड्स की देरी भी इतिहास बदल सकती है। सौभाग्य से राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू सुरक्षित हैं, लेकिन यह घटना सुरक्षा व्यवस्थाओं की पोल खोलती है। अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि जांच क्या निष्कर्ष लाती है और जिम्मेदारों पर क्या कार्रवाई होती है।



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    Thumb Ring क्या अंगूठे में छल्ला पहनना सही है? जानें ज्योतिष के अनुसार इसके शुभ-अशुभ प्रभाव और धारण करने के नियम

  • Thumb Ring क्या अंगूठे में छल्ला पहनना सही है? जानें ज्योतिष के अनुसार इसके शुभ-अशुभ प्रभाव और धारण करने के नियम

    Thumb Ring क्या अंगूठे में छल्ला पहनना सही है? जानें ज्योतिष के अनुसार इसके शुभ-अशुभ प्रभाव और धारण करने के नियम

    अंगूठे में रिंग या छल्ला पहनना शुभ होता है या अशुभ? जानें ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अंगूठे में छल्ला पहनने के फायदे, नियम और किन बातों का रखें ध्यान।

    बहुत से लोग फैशन या पर्सनल स्टाइल के लिए अंगूठे में रिंग पहनते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि अंगूठे में छल्ला पहनना ज्योतिषीय दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है? अंगूठा सूर्य और आत्मबल का प्रतीक है। यही कारण है कि अंगूठे में छल्ला पहनना सिर्फ स्टाइल नहीं, बल्कि ग्रहों के प्रभाव को संतुलित करने का एक विशेष उपाय भी हो सकता है।

    तो आइए जानते हैं क्या अंगूठे में रिंग पहनना सही है? इसके ज्योतिषीय लाभ, नुकसान और धारण करने से पहले किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है।

    Thumb Ring अंगूठा दर्शाता है किस ग्रह का प्रभाव?

    ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अंगूठा सूर्य ग्रह से जुड़ा होता है। सूर्य को शक्ति, आत्मविश्वास, नेतृत्व, प्रतिष्ठा और पिता का प्रतीक माना गया है। इसलिए अंगूठे में रिंग पहनना सूर्य की स्थिति को मजबूत कर सकता है।

    Thumb Ring
    Thumb Ring

    अंगूठे में छल्ला पहनने के शुभ प्रभाव

    अगर सही नियम से पहना जाए तो इसके कई सकारात्मक फल मिल सकते हैं:

    • आत्मविश्वास और निर्णय लेने की क्षमता बढ़ती है
    • नेतृत्व क्षमता मजबूत होती है – खासकर बॉस, पॉलिटिक्स और बिजनेस वालों के लिए फायदे मंद
    • शत्रुओं पर विजय और सामाजिक सम्मान में बढ़ोतरी
    • कैरियर में तरक्की और सरकारी नौकरी में लाभ
    • सन फीवर या कमजोरी जैसे स्वास्थ्य लाभ भी माने गए हैं

    Thumb Ring किन लोगों को अंगूठे में रिंग पहननी चाहिए?

    • सूर्य कमजोर होने पर
    • करियर में अड़चनें आने पर
    • आत्मविश्वास की कमी रहने पर
    • पिता से संबंधों में तनाव हो
    • सरकारी नौकरी/पॉलिटिक्स में सफलता न मिल रही हो

    गूठे में छल्ला पहनने के अशुभ प्रभाव (अगर गलत पहना जाए)

    • अहंकार और गुस्सा बढ़ सकता है
    • स्वास्थ्य पर विपरीत असर जैसे ब्लड प्रेशर या हार्ट की प्रॉब्लम
    • अत्यधिक स्वार्थी या जिद्दी स्वभाव विकसित हो सकता है
    • दम्पति जीवन में तनाव की संभावना
    • सूर्य ग्रह बिगड़ने पर सरकारी अड़चनें बढ़ सकती हैं

    इसलिए रिंग पहनने से पहले ज्योतिषी की सलाह जरूर लें।

    कब और किस धातु का छल्ला पहनना चाहिए?

    • धातु: सोना या तांबा (सूर्य से संबंधित)
    • दिन: रविवार
    • समय: सूर्योदय से पहले के 1 घंटे के अंदर
    • विधि:
      • गंगाजल से शुद्ध करें
      • लाल चंदन और गुलाब के फूल चढ़ाएं
      • “ॐ घृणि सूर्याय नमः” मंत्र का 11 बार जाप करें

    पुरुषों और महिलाओं के लिए नियम

    • पुरुष दाहिने हाथ के अंगूठे में पहनें
    • महिलाएं बाएं हाथ के अंगूठे में पहन सकती हैं
      (ज्योतिष परंपरा के अनुसार यह ऊर्जा संतुलन के हिसाब से बेहतर माना गया है)

    अंगूठे में छल्ला पहनना सही भी है और शक्तिशाली भी — लेकिन केवल सही धातु, सही समय और ज्योतिषीय जरूरत के अनुसार। फैशन के लिए तो पहन सकते हैं, पर अगर ग्रहों के प्रभाव के लिए पहनना है — तो सावधानी जरूरी है। क्योंकि सूर्य की ऊर्जा जितनी शुभ देती है, गलत स्थिति में उतनी ही तेज नुकसान भी कर सकती है।



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  • Antakshari Fam Annu Kapoor असरानी के बाद अन्नू कपूर ने बताई अपनी आख़िरी इच्छा कहा, “मैं किसी पर बोझ नहीं बनना चाहता”

    Antakshari Fam Annu Kapoor असरानी के बाद अन्नू कपूर ने बताई अपनी आख़िरी इच्छा कहा, “मैं किसी पर बोझ नहीं बनना चाहता”

    Antakshari Fam Annu Kapoor असरानी की अंतिम इच्छा थी कि उनके अंतिम दर्शन के लिए भीड़ इकट्ठा न हो। अब अन्नू कपूर ने भी भावुक बयान देते हुए अपनी लास्ट विश बताई है। उन्होंने कहा कि वे किसी पर बोझ नहीं बनना चाहते। जानिए पूरा भावनात्मक बयान।

    दिवंगत एक्टर असरानी के निधन के बाद उनकी अंतिम इच्छा ने पूरे देश को भावुक कर दिया। उन्होंने साफ कहा था कि उनके जाने के बाद कोई भीड़ न जुटे, किसी को असुविधा न हो — यही उनकी सबसे बड़ी कामना थी। अब दिग्गज अभिनेता अन्नू कपूर ने भी एक ऐसा ही बयान दिया है, जिसने सभी को सोचने पर मजबूर कर दिया है।

    हाल ही में एक इंटरव्यू के दौरान अन्नू कपूर ने कहा कि वह अपनी ज़िंदगी के अंतिम दिनों में किसी पर बोझ नहीं बनना चाहते। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा —

    “मैं चाहता हूं कि मेरा अंत सम्मानजनक हो। मैं नहीं चाहता कि मेरे कारण किसी को परेशानी हो या कोई मुझ पर अपनी ज़िम्मेदारी समझे। इंसान एक दिन चला ही जाता है — बस जाते वक्त बोझ न बने, यही पर्याप्त है।”

    Antakshari Fam Annu Kapoor
    Antakshari Fam Annu Kapoor

    अन्नू कपूर ने आगे कहाकि आजकल अंतिम विदाई के नाम पर एक आयोजन बन जाता है, जिसमें लोग संवेदना से ज्यादा दिखावे में लग जाते हैं।

    “आख़िरी सफ़र को तमाशा मत बनाओ। संवेदना ज़िंदा रखो… इंसान ज़िंदा रहे या न रहे।”

    इस बयान ने लाखों दिलों को छुआ है — खासकर तब, जब असरानी की ‘भीड़ न जुटने’ वाली इच्छा अभी भी सबके मन में ताज़ा है। असरानी ने भी अपने परिवार से अनुरोध किया था कि उनके अंतिम दर्शन के नाम पर कोई भीड़ या दिखावा न किया जाए, सिर्फ सादगी और शांति रहे।

    Antakshari Fam Annu Kapoor बॉलीवुड में बढ़ रहा एक नया सोच
    ऐसा पहली बार नहीं है जब किसी जाने-माने कलाकार ने अपनी अंतिम इच्छा को इतनी संवेदनशीलता से व्यक्त किया हो।

    • इरफान खान ने भी चाहा था कि अंतिम क्षणों में सिर्फ परिवार मौजूद रहे।
    • लता मंगेशकर की अंतिम यात्रा सादगीपूर्ण रही थी।
    • ऋषि कपूर ने भी कहा था — “अंतिम समय में सिर्फ दुआ की जाए, ड्रामे की जरूरत नहीं।”

    अन्नू कपूर का यह बयान बताता है कि बड़े कलाकार भी आज सम्मानजनक विदाई और सादगी को प्राथमिकता दे रहे हैं — न कि भीड़, सोशल मीडिया पोस्ट्स और दिखावे को।

    लोग क्यों हो रहे हैं भावुक?
    सोशल मीडिया पर इस बयान के बाद कई लोगों ने लिखा —

    • “यह जीवन का सबसे सच्चा दर्शन है।”
    • “लोग जन्मदिन पर भीड़ चाहते हैं, मौत पर नहीं — यही समझना जरूरी है।”
    • “धन्यवाद अन्नू कपूर साहब, आपने हमें सोचने पर मजबूर कर दिया।”

    आज जब शोर से भरा दौर है — यह शांत और गहरी बातें लोगों की आत्मा को छू रही हैं।


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