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Bhopal News: डल झील की तरह राजधानी की बड़ी झील में भी शिकारे चलेंगे, क्रूज संचालन पर लगातार रोक

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Bhopal News: NGT के आदेश पर राजधानी की बड़ी झील में क्रूज चलाना बंद हो गया है क्योंकि यह पर्यावरण संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण है। नगर निगम भोपाल ने बड़ी झील में पर्यटकों और सैलानियों की सुविधा के लिए शिकारा चलाने का फैसला किया है। 14 जून को इसका शुभारंभ होगा।

शुक्रवार से नगर निगम भोपाल ने झील को प्रदूषण से बचाने और लोगों को पर्यटन की बेहतर सुविधा देने के लिए शिकारा का संचालन शुरू करेगा।

Bhopal News: NGT ने राजधानी की बड़ी झील को प्रदूषित करने से बचाने के लिए क्रूजों को यहां चलाने पर प्रतिबंध लगा दिया है। अब भोपाल नगर निगम नागरिकों को पर्यटन की सुविधा देने के लिए कश्मीर की डल झील की तरह यहां शिकारा चलाएगा। शुक्रवार को महापौर मालती राय इसका उद्घाटन करेंगे। विधायक भगवानदास सबनानी, महापौर परिषद में जलकार्य एवं सीवेज के प्रभारी सदस्य रविन्द्र यती सहित अन्य जनप्रतिनिधि व गणमान्य नागरिक प्रातः 10 बजे बोट क्लब पर आयोजित उद्घाटन कार्यक्रम में भाग लेंगे।

Bhopal News: NGT के आदेश पर क्रूज का संचालन बंद

NGT ने पर्यावरण संरक्षण के उद्देश्य से राजधानी की बड़ी झील में क्रूज चलाना बंद कर दिया है। सैलानी बड़ी झील में विहार करने से राजधानीवासी और देश भर से आने वाले पर्यटक बच रहे थे। नगर निगम भोपाल ने बड़ी झील में पर्यटकों और सैलानियों की सुविधा के लिए शिकारा चलाने का फैसला किया है।

Bhopal News: शिकारा क्या होता है?

शिकारा एक लकड़ी की नाव है जो मुख्यतः जम्मू और कश्मीर के श्रीनगर शहर की डल झील में काम करती है। शिकारे जैसी नावें जम्मू कश्मीर और केरल में भी प्रयोग की जाती हैं। शिकारे कई आकारों में बनाए जाते हैं और लोगों को परिवहन करने के अलावा बहुत कुछ करते हैं। एक आम शिकारे में लगभग छह लोग बैठ सकते हैं, और इसे पीछे से खेते हैं। ये शिकारे, वेनिस की गोंडोला नाव की तरह, जम्मू और कश्मीर के सांस्कृतिक प्रतीक हैं।

Bhopal News: डल झील की तरह राजधानी की बड़ी झील में भी शिकारे चलेंगे, क्रूज संचालन पर लगातार रोक

कितना सफल रहा भोपाल की बड़ी झील में दो दशक लंबा संरक्षण का प्रयास? (conservation of Bhopal lake)

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