Ram Bhual Nishad अब: सुल्तानपुर में समाजवादी पार्टी ने अपने प्रत्याशी को बदल दिया है। पार्टी ने अब राम भुआल निषाद को भीम निषाद की जगह प्रत्याशी बनाया है। अब उम्मीदवार बदलने के कारण सामने आ रहे हैं।
समाजवादी पार्टी से टिकट मिलने के बाद उसे खो देने वाले भीम निषाद खुद इसके लिए जिम्मेदार ठहराए जा रहे हैं। वे जिले के पार्टी नेताओं के साथ सहयोग नहीं कर सके। न ही वे सजातीय मतों के अलावा बाकी लोगों को आकर्षित कर पा रहे थे। जिलाध्यक्ष और एक पूर्व विधायक खुलकर उनके खिलाफ थे। इस दबाव के आगे हाईकमान को अंततः झुकना पड़ा।
समाजवादी पार्टी ने आम चुनाव की घोषणा से पहले ही भीम निषाद को मंजूरी दी थी और वे लगभग दो महीने पहले से ही जिले में सक्रिय हो गए थे। इसके बावजूद, वे जिले के वरिष्ठ नेताओं से सहमत नहीं हुए। बाकी नेता, इसौली विधायक ताहिर खान को छोड़कर, लगभग उनसे दूर रहे थे। चुनाव कार्यालय के उद्घाटन के दौरान यह बहस सामने आई। ऐसे में सपा जिलाध्यक्ष रघुवीर यादव और एक पूर्व विधायक ने हाईकमान पर लगातार टिकट बदलने का दबाव बनाया।
यह भी कहा जा रहा था कि भीम निषाद भाजपा प्रत्याशी मेनका गांधी से बहुत कमजोर हैं। दैनिक रूप से सोशल मीडिया पर हल्के बयानों के चलते भी वे चर्चा में रहे। यही नहीं, विधायक ताहिर खान को कार्यालय उद्घाटन के दौरान नोटों की गड्डियां पकड़ाने का वीडियो भी वायरल हो गया। जिस पर प्रशासन ने भी मुकदमा दर्ज किया था। पार्टी के जिलाध्यक्ष रघुवीर यादव ने कहा कि कुछ असंतोष था, लेकिन अब सब ठीक हो गया है।
Bhual Nishad : 15 दिन पहले समर्थकों ने दबाव बनाया
भीम निषाद के टिकट घोषित होने के साथ ही उनके टिकट कटने की चर्चा भी शुरू हो गई। टिकट बचाने की कोशिश में भीम निषाद ने लगभग पंद्रह दिन पहले अपने समर्थकों को लखनऊ भेजा, उन्हें बताने की भी कोशिश की कि अगर टिकट कट गया तो उनके समर्थकों को गुस्सा आ सकता है। आखिरकार, वे अपने प्रतिद्वंद्वी को यह बताने में सफल रहे कि भीम निषाद मेनका गांधी को किसी भी कोण से पराजित नहीं कर पाएंगे। इसलिए किसी बड़े नेता को टिकट मिलेगा। अत्यंत: इस लड़ाई में रामभुआल निषाद विजयी हुए।
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Bhual Nishad: हल्के माने गए भीम निषाद मेंनका गांधी के मुक़ाबले ,आलोचना हुई
Bhual Nishad मेनका गांधी की रैली देख। अब क्या होगा भीम निषाद। Bheem Nishad। Menka gnadhi। sultanpur।