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BJP: राकेश दौलताबाद के निधन से एक और सीट खाली हुई, जिसमें भाजपा को 42 का आंकड़ा है; 44 विधायक चाहिए

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BJP: हरियाणा में सैनी सरकार को फिर से मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा। अल्पमत में चल रही सरकार के सामने बहुमत का आंकड़ा पाना एक महत्वपूर्ण चुनौती बन गया है। भाजपा सरकार को आंकड़े के फेर में फंसी हुई सरकार को निर्दलीय विधायक राकेश दौलताबाद का समर्थन मिला।

शनिवार को हरियाणा के बादशाह विधानसभा क्षेत्र के निर्दलीय विधायक राकेश दौलताबाद का हार्ट अटैक से निधन हो गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित राज्य के कई नेताओं ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है। दौलताबाद के निधन से भाजपा भी प्रभावित हुई है। नायब सिंह सैनी सरकार, जो पहले से अल्पमत में चल रही है, के सामने बहुमत का आंकड़ा हासिल करना एक बड़ी चुनौती बन गया है. निर्दलीय विधायक की मौत के बाद।

उनका समर्थन बहुमत के आंकड़े में फंसी भाजपा सरकार को मिला। दौलताबाद के निधन से अब 90 विधानसभा वाली सीटों में 87 सदस्य हैं। इसलिए बहुमत का आंकड़ा 44 चाहिए। सत्तारूढ़ भाजपा के पास अपने खुद के चालिस विधायक हैं। भाजपा को भी हलोपा के एक सदस्य और पृथला के निर्दलीय विधायक नयनपाल रावत का समर्थन मिल गया है। इन विधायकों को मिलाकर भाजपा के पास 42 सदस्य हैं। ऐसे में बहुमत प्राप्त करने के लिए उन्हें दो और विधायकों का सहयोग चाहिए होगा।

भाजपा सरकार को निर्दलीय विधायकों का समर्थन मिला था, लेकिन पिछले दिनों सैनी सरकार को मुश्किल में डालने के लिए तीन निर्दलीय विधायक, धर्मबीर गोंदर, सोमवीर सांगवान और रणधीर गोलन ने अपना समर्थन वापस ले लिया। भाजपा की सरकार से इससे पहले दस विधायकों वाली जजपा भी अलग हो गई थी। भाजपा ने पहले कहा था कि वह बहुमत का आंकड़ा है। वास्तव में, जजपा के कुछ विधायक अंदर खाते में भाजपा के प्रमुख नेताओं से संपर्क में हैं।

कांग्रेस विधायकों ने राज्यपाल को पत्र लिखकर बहुमत से बाहर भाजपा सरकार को गिरा देने की मांग की थी, लेकिन राज्यपाल ने अभी तक कुछ नहीं कहा है। वहीं, कांग्रेस नेताओं ने कहा कि वह सरकार बनाना नहीं चाहते हैं। वास्तव में, हरियाणा की सैनी सरकार का कार्यकाल तीन नवंबर को समाप्त होने वाला है। इसलिए हरियाणा में अक्तूबर में विधानसभा चुनाव होने की घोषणा की गई है। कांग्रेस नेता ने बताया कि वह फिलहाल लोकसभा चुनाव में व्यस्त हैं। इसलिए इस विषय पर बहुत कुछ नहीं कहा गया है। सभी नेता एक दो दिन में इस पर चर्चा करेंगे और इस पर विचार करेंगे।

BJP: सबका ध्यान चार जून पर होने वाले चुनाव पर है, जिसमें पांच विधायकों और सैनी का मुकाबला होगा।

लोकसभा चुनाव के साथ-साथ करनाल उपचुनाव में भी वोट डाले गए हैं, जैसा कि वरिष्ठ एडवोकेट और संवैधानिक मामलों के जानकार हेमंत कुमार ने बताया। नायब सिंह सैनी इस वजह से चुनाव मैदान में हैं। यदि वह जीतते हैं तो भाजपा के 41 विधायक विधानसभा में होंगे। भाजपा इसके बावजूद बहुमत से एक संख्या दूर रहेगी। वहीं, वर्तमान विधानसभा के पांच विधायक, वरुण मुलाना और राव दान सिंह, भाजपा से मोहनलाल बडोली, इनेलो से अभय चौटाला और जजपा से नैना सिंह चौटाला, लोकसभा सांसद का चुनाव लड़ रहे हैं।

BJP: भाजपा को इन सभी हालात में जजपा के बागी विधायकों से ही उम्मीद है। भाजपा के पूर्व सीएम मनोहर लाल भी पिछले दिनों जजपा के तीन विधायकों के साथ एक गुप्त बैठक में शामिल हुए थे। जजपा के बागी विधायक देवेंद्र बबली सहित दो अन्य विधायक उस समय उपस्थित थे। लेकिन बबली ने लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को समर्थन देकर नई चुनौती पैदा की है, जबकि जजपा के एक अन्य विधायक रामकुमार गौतम ने लोकसभा चुनाव में भाजपा को समर्थन देकर उम्मीदें बढ़ाई हैं।

BJP: राकेश दौलताबाद के निधन से एक और सीट खाली हुई, जिसमें भाजपा को 42 का आंकड़ा है; 44 विधायक चाहिए

Rakesh Daultabad के निधन से Haryana की Nayab Singh Saini सरकार पर कैसा खतरा ? | Badshahpur MLA | NBT

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