Bjp: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान के चलते राजस्थान में ‘एक राज्य, एक चुनाव’ अभियान शुरू हो गया है, जैसा कि भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ ने बताया। विकास कार्यों को तेज करने के लिए सभी उपायों को एक साथ करने पर विचार हो रहा है। इसके लिए राज्य निर्वाचन आयोग तैयारी कर रहा है।
केंद्र सरकार अभी तक एक देश के चुनाव पर विचार कर रही है, लेकिन राजस्थान ने इसके बारे में सोचना शुरू कर दिया है। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ ने कहा कि राजस्थान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर एक राष्ट्रव्यापी चुनाव की थीम पर काम शुरू हो गया है। आगामी दिनों में निकाय चुनावों को एक साथ कराने पर विचार किया जा रहा है। राज्य निर्वाचन आयोग इसके लिए तैयारियों पर विचार कर रहा है।
गुरुवार दोपहर को जयपुर में मीडिया से बात करते हुए राठौड़ ने कहा कि देश में भी चुनाव की तैयारियां तेज हो गई हैं। एक देश की चुनाव कमेटी ने अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति को सौंप दी है। इस रिपोर्ट का अध्ययन चुनाव आयोग कर रहा है। आने वाले दिनों में देश चुनाव करेगा ताकि विकास की रफ्तार को बढ़ा सके।
Bjp: बार-बार चुनाव, विकास को बाधित करता है—राठौड़
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ ने कहा कि हर बार चुनाव होने पर आचार संहिता की वजह से विकास कार्य बाधित हो जाते हैं। कभी-कभी लोकसभा चुनाव और कभी-कभी विधानसभा चुनाव होते हैं। फिर निर्वाचन आयोग चुनाव आचार संहिता बनाता है, जो प्रत्येक निकाय में अलग-अलग समय पर चुनाव करता है। देश और प्रदेश में निरंतर विकास के लिए एक साथ निर्णय होना चाहिए। विकास बार-बार आचार संहिता के बहाने रुक जाता है, जिससे राज्य को नुकसान होता है। राजस्थान में सभी चुनावों को एक साथ कराने के लिए निर्वाचन आयोग ने प्रयास शुरू कर दिए हैं।
एक साथ चुनाव करने से विकास तेज होगा, हालांकि इसमें कुछ समय लगेगा और नियमों को बदलना होगा।
Bjp: यूसीसी जल्द ही सभी राज्यों में लागू हो
मदन राठौड़ ने कहा कि देश के सभी राज्यों में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू होनी चाहिए ताकि धर्म के आधार पर लोगों को अलग-अलग अधिकार नहीं मिले। यूनिफॉर्म सिविल कोड (यूसीसी) को लागू करना अनिवार्य है ताकि देश के सभी नागरिकों को समान अधिकार मिले। राठौड़ ने बांग्लादेश की ओर इशारा करते हुए कहा कि वहां इतनी अराजकता है कि लोग देश छोड़ने को मजबूर हैं। यूसीसी नहीं होने से समाज में कई विकृतियां पैदा होती हैं, जो दूर करने की जरूरत है।
Bjp: PM मोदी ने भी यूसीसी का जिक्र किया
15 अगस्त के समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी समान नागरिक संहिता का उल्लेख किया था। उन्हें लगता था कि यूनिफॉर्म सिविल कोड धर्म के नाम पर भेदभाव को समाप्त करेगा। आज, धर्म के नाम पर देश को बांटने वाले कानूनों को बदलना चाहिए। मोदी ने कहा कि देश में सेक्युलर नागरिकता होनी चाहिए, न कि कम्युनिस्ट नागरिकता कानून। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने यूसीसी से बार-बार बातचीत की है। हमारे देश का एक बड़ा वर्ग जिस सिविल कोड को मानता है, इसलिए कई बार आदेश दिए गए हैं। वह वास्तव में कम्युनल और भेदभावपूर्ण है।
चुनाव पर देश की रिपोर्ट
केंद्र सरकार ने पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में कुछ समय पहले एक उच्च स्तरीय समिति बनाई थी। इसी साल मार्च में, इस समिति ने अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू को सौंप दी थी। यह रिपोर्ट सभी पक्षों, जानकारों और शोधकर्ताओं से चर्चा के बाद बनाई गई है, जैसा कि पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बताया है। इस रिपोर्ट में आगामी दिनों में होने वाले लोकसभा और विधानसभा चुनावों के साथ-साथ सभी नगर पालिकाओं और पंचायत चुनावों के बारे में सुझाव दिए गए हैं। फिलहाल अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है।
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