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Commissionerate: आगरा की नई कमिश्नरेट भवन में वीडियो सर्विलांस और मॉनिटरिंग के लिए अलग वॉर रूम होगा

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Commissionerate: नई कमिश्नरेट बिल्डिंग के सभी निर्माण और विकास कार्यों को 18 महीनों की अवधि में पूरा करने का लक्ष्य पीएमसी एजेंसी के निर्धारण और कार्यावंटन के बाद निर्धारित किया गया है। आर्किटेक्चरल डिजाइन व डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट को पहले 75 दिनों में बनाया जाएगा।

यूपी की सुरक्षा आवश्यकताओं को देखते हुए, सीएम योगी ने एक व्यापक कार्ययोजना बनाई है क्योंकि राज्य में अपराध के खिलाफ स्पष्ट जीरो टॉलरेंस की नीति है। वर्तमान में, आगरा में नई कमिश्नरेट भवन और जीआरपी लाइन में रेजिडेंशियल और गैर-रेजिडेंशियल भवनों का निर्माण कार्य इसी कार्ययोजना के तहत चल रहा है। CM योगी की मंशा के अनुसार, नियोजन विभाग ने प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कन्सल्टेंसी एजेंसी की नियुक्ति और कार्यान्वयन की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

उल्लेखनीय है कि आगरा में नई कमिश्नरेट भवन को 65 करोड़ रुपये की लागत से बनाया जाएगा, जो कई आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित होगा। इन सुविधाओं में एडवांस्ड डेडिकेटेड वॉर रूम भी होगा, जो वीडियो मॉनिटरिंग और सर्विलांस के लिए उपयुक्त होगा, जिससे पूरे आगरा क्षेत्र के विभिन्न इलाकों की आवश्यकताओं के अनुसार सर्विलांस और मॉनिटरिंग प्रक्रियाओं को पूरा किया जा सकेगा। 55 करोड़ रुपये की लागत से जीआरपी लाइन में बनने वाली रेजिडेंशियल और गैर-रेजिडेंशियल इमारतों में फ्यूचरिस्टिक डिजाइन और आधुनिक सिविक एमिनिटीज भी होंगे।

Commissionerate: ईपीसी मोड पर सभी निर्माण कार्य होंगे, और डीपीआर 75 दिन में बनाया जाएगा।

CM योगी के विजन के अनुसार, आगरा में नई कमिश्नरेट बिल्डिंग व जीआरपी लाइन में सभी निर्माण और विकास कार्य इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट और कंस्ट्रक्शन (EPC) मोड में किए जाएंगे। नई कमिश्नरेट बिल्डिंग के सभी निर्माण और विकास कार्यों को 18 महीनों की अवधि में पूरा करने का लक्ष्य पीएमसी एजेंसी के निर्धारण और कार्यावंटन के बाद निर्धारित किया गया है। योजना के पहले 75 दिनों में एजेंसी द्वारा आर्किटेक्चरल डिजाइन व डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनाई जाएगी। स्वीकृति मिलने पर आगे की मरम्मत शुरू हो जाएगी।

PCM एजेंसी को इस दौरान 36 महीने का अनिवार्य जीवनकाल भी देना होगा। वहीं, जीआरपी लाइन के 2.12 एकड़ क्षेत्र में बनने वाले रेजिडेंशियल और गैर-रेजिडेंशियल इमारतों का निर्माण और विकास 18 महीने में पूरा किया जाएगा, जो एजेंसी का चयन और कार्यावंटन के बाद होगा। यहां भी, एजेंसी को पहले 75 दिनों में डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) और आर्किटेक्चरल डिजाइन रिपोर्ट (डीपीआर) बनानी होगी। साथ ही, इस परियोजना का असल जीवनकाल 36 महीने है। माना जाता है कि अगस्त माह में एजेंसी निर्धारण और कार्यावंटन प्रक्रिया पूरी हो जाएगी. इसके बाद इन दोनों परियोजनाओं पर तेजी से काम शुरू हो जाएगा।

Commissionerate: निर्माण कार्यों में नवीनतम नवाचार तकनीक का उपयोग किया जाएगा

परियोजना का हर निर्माण कार्य एनर्जी कन्जर्वेशन बिल्डिंग कोड के अनुसार पूरा किया जाएगा। निर्माण कार्यों में बिल्डिंग मटीरियल एंड टेक्नोलॉजी प्रमोशन काउंसिल के मानकों के अनुसार नवीनतम इनोवेशन तकनीक का उपयोग किया जाएगा। इन इमारतों में ऑटोमैटिक फायर फाइटिंग और फायर अलार्म सिस्टम होंगे, साथ ही सोलर वॉटर हीटर्स, सीसीटीवी, लिफ्ट्स, डीजी सेट्स, इलेक्ट्रिक सब स्टेशन और सोलर पावर जेनरेशन यूनिट भी होंगे।

वैसे, इन उद्देश्यों को पूरा करने से पहले पीएमसी एजेंसी द्वारा विस्तृत मास्टर प्लान बनाया जाएगा, जो आर्किटेक्चरल डिजाइन, कॉन्सेप्ट प्लान, 3D व्यू और एनिमेटेड वॉक थ्रू मॉडल पर आधारित होगा। निर्माण कार्यों को इस पर स्वीकृति मिलने के बाद ही तेजी से चलाया जाएगा। ध्वनि और वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए भी सभी निर्माण कार्यों की निगरानी की जाएगी।

Commissionerate: नई कमिश्नरेट बिल्डिंग में एक हॉस्पिटल भी होगा

योजना के अनुसार, नई कमिश्नरेट भवन में एक फंक्शन मेडिकल यूनिट भी होगा जो अस्पताल की तरह काम करेगा। ऑपरेशन थिएटर, आईसीयू और सीसीयू उपकरण भी इसमें शामिल होंगे। मेडिकल गैस, कंप्रेस्ट एयर और स्टीम पीएनजी सप्लाई सिस्टम हॉस्पिटल को मिलेंगे। यहां एक बल्क स्टोरेज सिस्टम, एक सेंट्रलाइज्ड किचन और एक हॉस्पिटल वेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम भी होगा। भविष्य की आवश्यकताओं को देखते हुए, नई कमिश्नरेट बिल्डिंग स्टेट ऑफ द आर्ट फैसिलिटी बनेगी। साथ ही, जीआरपी बिल्डिंग्स को फ्यूचरिस्टिक डिजाइन और टेक्नोलॉजी के अनुसार बनाया जाएगा और विकसित किया जाएगा।

Commissionerate: आगरा की नई कमिश्नरेट भवन में वीडियो सर्विलांस और मॉनिटरिंग के लिए अलग वॉर रूम होगा


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