ED: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत मिलने से पहले प्रवर्तन निदेशालय ने हलफनामा दिया है। Electoral Commission ने कहा कि चुनाव प्रचार कोई मौलिक, संवैधानिक या कानूनी अधिकार नहीं है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अंतरिम जमानत का प्रवर्तन निदेशालय ने सुप्रीम कोर्ट में विरोध किया है। केजरीवाल को जमानत मिलने से पहले ED ने अदालत में हलफनामा दिया। इसमें कहा गया है कि चुनाव प्रचार कोई मौलिक, संवैधानिक या कानूनी अधिकार नहीं है और कानून सभी के लिए बराबर है।
ED: ये बातें प्रवर्तन निदेशालय ने हलफनामे में बताईं
प्रवर्तन निदेशालय ने घोषणा की कि किसी भी नेता को चुनाव प्रचार के लिए जमानत नहीं दी गई है। केजरीवाल को अपनी पार्टी के उम्मीदवारों के लिए प्रचार करने के लिए जमानत देना गलत उदाहरण बनेगा। ईडी ने कहा कि राजनेताओं को किसी विशिष्ट पद का दावा नहीं करना चाहिए, और अपराध करने पर राजनेताओं को भी आम नागरिकों की तरह गिरफ्तार किया जा सकता है। जांच एजेंसी ने आगे कहा कि केजरीवाल को सिर्फ चुनाव प्रचार अभियान के लिए अंतरिम जमानत देना समानता के नियम के खिलाफ होगा।
ED: सुप्रीम कोर्ट ने क्या निर्णय लिया?
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि अरविंद केजरीवाल चुने हुए मुख्यमंत्री हैं और आदतन अपराधी नहीं हैं। न्यायालय ने कहा कि ये दिल्ली के मुख्यमंत्री के लिए असाधारण हालात हैं और चुनाव सिर पर हैं।
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सुप्रीम कोर्ट से ED की फटकार -Third Phase में हो गया खेल | Supreme Court on Arvind Kejriwal Case