Flood in UP: यूपी में अब तक बाढ़ ने 15 लोगों को मार डाला है। लखीमपुर खीरी में सबसे अधिक चार लोग मारे गए। यही नहीं, बुधवार को राज्य में बिजली गिरने से 44 लोगों की मौत हो गई।
उत्तर प्रदेश में लगातार बारिश और बांधों से पानी निकलने से बाढ़ ने हालात बिगड़ गए हैं। बरेली, पीलीभीत, लखीमपुर खीरी, बदायूं, बहराइच, श्रावस्ती, अंबेडकरनगर, बाराबंकी, आयोध्या, गोंडा और बलरामपुर सबसे ज्यादा बाढ़ से प्रभावित हैं। बुधवार को बाढ़ ने इन्हीं जिलों में 15 लोगों की जान ले ली। लखीमपुर खीरी में सबसे अधिक चार लोग मारे गए। बहराइच में तीन लोग डूबने से मर गए, सीतापुर, पीलीभीत बदायूं और श्रावस्ती में एक-एक और बरेली और बलरामपुर में दो-दो लोगों की मौत हो गई।
अवध में बारिश कम होने से बुधवार को बाढ़ से प्रभावित श्रावस्ती व बहराइच में कुछ राहत मिली, लेकिन गोंडा व बलरामपुर में हालात बदतर रहे। बाढ़ ने अयोध्या, अंबेडकरनगर और बाराबंकी के कुछ हिस्सों में भी हालात खराब कर दिए हैं। सुबह सरयू नदी बहराइच में खतरे के निशान से 49 सेंटीमीटर ऊपर बहने लगी, क्योंकि शारदा, गिरिजा और सरयू बैराज से 3.6 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था। यहां के लगभग २४ गांवों में पानी भर गया है।
अंबेडकरनगर में नदी का लाल निशान 85.19 मीटर था। इसके परिणामस्वरूप अराजी देवारा संपर्क मार्ग बन गया। मंगलवार की रात, बलरामपुर जिले के लखमा गांव के पास राप्ती नदी का तटबंध टूट गया। कटान को छह घंटे के भीतर ही रोका गया, जब प्रशासनिक दल मौके पर पहुंचे। यह करीब बीस गांवों के लोगों को राहत दी। बाराबंकी में बाढ़ ने 36 गांव को बर्बाद कर दिया है। सिरौलीगौसपुर और रामनगर तहसील क्षेत्र के ग्रामीण क्षेत्रों में तटबंध पर आश्रित हैं। अयोध्या में सरयू 27 सेमी लाल निशान से ऊपर पहुंच गई। इससे कई गांव बाढ़ में बह गए। सरयू गोंडा में खतरे के निशान से 58 सेमी ऊपर है।
शाहजहांपुर शहर भी मंगलवार रात बाढ़ की चपेट में आ गया था। यहां के लगभग दो दर्जन गांवों में नदियों का पानी घुस गया। 20 हजार लोग शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में इससे प्रभावित हुए हैं। सेना को घायलों को सुरक्षित स्थान तक ले जाना पड़ा। एनडीआरएफ ने वहाँ मोर्चा संभाल लिया।
डेढ़ सौ गांव लखीमपुर खीरी में बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में विद्युत आपूर्ति का संकट है। वहीं लोग छतों पर खाने को तरस रहे हैं। प्रशासन बाढ़ पीड़ितों को हर संभव मदद करने का दावा करता है। पीलीभीत शहर के बाद मंगलवार देर शाम को देवहा नदी का पानी बीसलपुर कस्बे के 60 गांवों और पांच मोहल्लों में भी घुस गया। लेकिन शहर को कुछ राहत मिली। बुधवार को शाहजहांपुर में गर्रा और खन्नौत नदियों का पानी शहर में घुस गया, जो खतरे के निशान से ऊपर बह रहा था। इन्हीं दो नदियों के बीच में बसा है यह शहर।
Flood in UP: बिजली गिरने से 44 लोग मारे गए
यही नहीं, बुधवार को राज्य में बिजली गिरने से 44 लोगों की मौत हो गई। प्रयागराज मंडल में सबसे ज्यादा बारह लोग मारे गए। इसके अलावा बिजली गिरने से देवरिया और सिद्धार्थनगर में एक-एक व्यक्ति की मौत हो गई, जबकि कानपुर और बुंदेलखंड में 6, वाराणसी मंडल में 9 और मैनपुर में 5। अवध क्षेत्र में भी दस लोग मारे गए। इनमें सुल्तानपुर में छह, अमेठी में तीन और रायबरेली में एक किसान की मौत हो गई। तीन छात्राएं भी झुलसी हैं।
Flood in UP: CM ने पीलीभीत-खीरी का हवाई दौरा कर राहत सामग्री बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में दी
मुख्यमंत्री योगी ने बुधवार को पीलीभीत और लखीमपुर खीरी का हवाई दौरा किया, ताकि बाढ़ से प्रभावित लोगों की स्थिति का पता लगाया जा सके। साथ ही लोगों को दोनों जिलों में पहुंचकर राहत सामग्री बांटी। उनका भरोसा था कि बाढ़ पीड़ितों को हर संभव सहायता दी जाएगी। बर्बाद हुई फसलों का मुआवजा दिया जाएगा और मरने वालों के परिजनों को चार-चार लाख रुपये का भुगतान किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने पीलीभीत के ट्रांस शारदा क्षेत्र के चंदिया हजारा गांव में राहत और बचाव कार्यों को तेज करने के लिए अफसरों को निर्देश दिए। उन्हें शहर और बीसलपुर का भी हवाई दौरा करना पड़ा। उन्होंने पूरनपुर के रूदपुर गांव में भी प्रभावितों से मुलाकात की। वह पीलीभीत से लखीमपुर खीरी गए। वहां बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई दौरा किया और स्टीमर से महदेवा गांव पहुंचकर स्थानीय लोगों से बातचीत की। शारदा नगर कॉलोनी में मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार आपके साथ आपदा में खड़ी है।
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Flood in UP: यूपी में बाढ़ से हालात खराब होने से 15 लोगों की मौत, 44 की मौत बिजली गिरने से
UP Flood : पीलीभीत में बाढ़ से हाहाकार, भावित इलाकों का दौरा करेंगे सीएम योगी | Assam Flood | Bihar