Garuda Purana : मृत्यु के बाद की स्थिति गरुड़ पुराण में बताई गई है। इसके अलावा, गरुण पुराण में लोगों के विभिन्न कर्मों के लिए अलग-अलग दंड बताए गए हैं। परिवार के किसी सदस्य की मृत्यु के बाद अक्सर इस ग्रंथ का पाठ किया जाता है। इससे आत्मा को मोक्ष मिलता है और घर शुद्ध होता है।
सनातन धर्म में कई महत्वपूर्ण ग्रंथों में से एक है गरुड़ पुराण। यह जगत के मालिक भगवान विष्णु ने अपने अनुयायियों को दिया गया ज्ञान पर आधारित है। इस पुराण में मरने के बाद क्या होता है? इसके अलावा, गरुण पुराण में लोगों के विभिन्न कर्मों के लिए अलग-अलग दंड बताए गए हैं। परिवार के किसी सदस्य के निधन के बाद अक्सर इस ग्रंथ का पाठ किया जाता है। इससे आत्मा को मोक्ष मिलता है और घर शुद्ध होता है। इस लेख में हम गरुड़ पुराण के बारे में विस्तार से बताएंगे।
कब और क्यों गरुड़ पुराण पढ़ना चाहिए?
शास्त्रों के अनुसार, घर में किसी व्यक्ति की मृत्यु होने पर गरुड़ पुराण पढ़ना चाहिए। मृत व्यक्ति की आत्मा को गरुड़ पुराण सुनाया जाता है। मृत व्यक्ति की आत्मा तीस दिनों तक अपने घर पर रहती है। इसलिए वह गरुड़ पुराण का पाठ करके मोक्ष पाता है।
गरुड़ पुराण पढ़ने के नियम
गुरु पुराण एक रहस्यपूर्ण ग्रंथ है। इसका पाठ करने से पहले बहुत कुछ सोचना चाहिए।- कई लोगों का मानना है कि घर में गरुड़ पुराण नहीं रखना चाहिए। इस बारे में बहुत सारे झूठ हैं। मृत्यु के बाद आप इस ग्रंथ पढ़ते हैं। इसलिए घर में इसे रखना उचित नहीं है।
- प्रत्येक व्यक्ति को गरुड़ पुराण को पूरी तरह से शुद्ध मन से पढ़ना चाहिए।
-इसके अलावा, गरुड़ पुराण को शुद्ध स्थान पर पढ़ना चाहिए।
Garuda Purana का महत्व क्या है ?
Garuda Purana 18 महापुराणों में से एक है। इस ग्रंथ में 19 हजार श्लोक हैं, जिनमें से सात हजार मानव जीवन से संबंधित हैं। इसमें स्वर्ग, नरक, रहस्य, नीति, धर्म और ज्ञान का उल्लेख है। इस ग्रंथ को पढ़ने से व्यक्ति को ज्ञान, यज्ञ, तप, आत्मज्ञान और सदाचार का ज्ञान मिलता है।
Garuda Purana पढने के फायदे
मान्यता है कि इस ग्रंथ को मरने के बाद पाठ करने से आत्मा को मोक्ष मिलता है और नकारात्मक शक्ति खत्म होती है। इसके अतिरिक्त, घर का वातावरण स्वच्छ रहता है।
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Garuda Purana : कब और क्यों गरुड़ पुराण पढ़ना चाहिए? इसके नियमों को जानें।