VR News Live

Gorakhpur: बर्तन धंधेबाज: व्यापारी 8 प्रतिशत टैक्स जमा करते हैं, ग्राहकों से 100 प्रतिशत तक कमाते हैं

Gorakhpur:

Gorakhpur:

Gorakhpur: 10 लाख रुपये में किसी व्यापारी ने थोक में सामान खरीदा होता। यह सामान 11 लाख रुपये में बेचा जाएगा। इसका प्रभाव बिक्री फर्म के पंजीकरण बिल पर होगा। ऑडिट के दौरान अतिक्ति आय के एक लाख रुपये में 20 हजार रुपये खर्च दिखा देगा, जैसे किराया, बिजली बिल, कर्मचारी का मासिक किराया और अन्य खर्चे। 80 हजार रुपये का लाभ दिखा देगा। ऐसे में आयकर विभाग 80 हजार रुपये का आठ प्रतिशत टैक्स फर्म के नाम पर जमा करेगा।

बर्तन के धंधेबाज आयकर विभाग में 8 प्रतिशत का टैक्स देते हैं। जबकि ग्राहकों को इसी तरह की वस्तुएं बेचकर 100 से 250 प्रतिशत तक मुनाफा मिलता है। आयकर विभाग को फर्म पर किए गए बिलिंग, दुकान में रखे स्टॉक, मंगाए गए सामान और कच्चे बिल का मिलान करना एक बड़ा राजस्व नुकसान होगा।

यह स्पष्ट होगा कि सिर्फ आठ प्रतिशत टैक्स जमा करके व्यापारी विभाग से पूरी तरह से बच जाएगा। मुनाफा, हालांकि, बड़े पैमाने पर मिलते हैं।
जैसे, एक दुकानदार ने 400 रुपये की दर से एक किलो चम्मच थोक में मंगवाया और फिर फुटकर में अलग-अलग दरों पर बेच दिया, इनकम टैक्स के सूत्रों ने बताया। जब इन चम्मचों की कुल कीमत एक हजार रुपये हो गई, तो 400 रुपये की खरीदारी और अतिरिक्त खर्चों को निकालकर 600 रुपये का लाभ हुआ।


Gorakhpur: दूसरी तरह, किसी व्यापारी ने 10 लाख रुपये में थोक में सामान खरीदा होता। यह सामान 11 लाख रुपये में बेचा जाएगा। इसका प्रभाव बिक्री फर्म के पंजीकरण बिल पर होगा।

ऑडिट में 10 लाख रुपये में 20 हजार रुपये खर्च दिखाए गए, जैसे बिजली बिल, किराया, मजदूर का मासिक किराया आदि। 80 हजार रुपये का लाभ दिखाया ऐसे में आयकर विभाग 80 हजार रुपये का आठ प्रतिशत टैक्स फर्म के नाम पर जमा करेगा।

Gorakhpur: 100 से 250 प्रतिशत का मुनाफा

यहाँ, थोक उत्पादों को अलग-अलग करके एमआरपी के आधार पर कच्चे पर्ची पर बेचकर 100 से 250 प्रतिशत का मुनाफा कमाता है। आयकर विभाग के कर्मचारी फर्म की ऑडिट में सिर्फ उसके व्यवसाय के अनुरूप जमा कर की जांच करते हैं। ऐसे में दो नंबर का धंधा भी ईमानदारी से कर देता है, इससे धंधेबाज खुद मोटा मुनाफा कमाते हैं और सरकार के जीएसटी और आयकर विभाग को नुकसान पहुंचता है।

प्रत्येक जिले में जीएसटी विभाग के सचल दस्ते का मोबाइल वैन है। उन्हें सभी माल ढुलाई गाड़ियों की जांच करनी चाहिए और कोई कमी होने पर कार्रवाई करनी चाहिए। ज्वाइंट कमिश्नर ने सभी मोबाइल वैन से पिछले एक वर्ष में बर्तन वाली कितनी गाड़ियों पर कार्रवाई की गई या नहीं की जानकारी मांगी है। सूत्रों ने कहा कि लापरवाही पाए जाने पर कार्रवाई हो सकती है।

Gorakhpur: बर्तन धंधेबाज: व्यापारी 8 प्रतिशत टैक्स जमा करते हैं, ग्राहकों से 100 प्रतिशत तक कमाते हैं

30 सालों की सबसे पुरानी दुकान गोरखपुर| Baratn Wholesale Market Sadar Bazar|

Exit mobile version