Gujarat ATS Terrorist Arrest डॉक्टर से बना आतंकवादी — ISIS मॉड्यूल का पर्दाफाश, तीन शहर थे निशाने पर
Gujarat ATS Terrorist Arrest चीन से MBBS करने वाला डॉक्टर बना ISIS का आतंकवादी, गुजरात ATS ने 3 शहरों में रासायनिक हमले की साजिश नाकाम की
गुजरात ATS ने चीन से MBBS कर चुके डॉक्टर अहमद मोहिउद्दीन सैयद समेत तीन ISKP आतंकियों को गिरफ्तार किया। आतंकियों के पास से हथियार और ‘रिसिन’ जैसे घातक रासायनिक पदार्थ बरामद हुए। ये मॉड्यूल अहमदाबाद, लखनऊ और दिल्ली में आतंकी हमलों की साजिश रच रहा था।
भारत की सुरक्षा एजेंसियों की बड़ी जीत — ISIS मॉड्यूल हुआ बेनकाब
Gujarat ATS Terrorist Arrest देश की सुरक्षा एजेंसियों ने एक बड़ा आतंकी साजिश का पर्दाफाश किया है। गुजरात ATS ने चीन से MBBS कर चुके एक डॉक्टर अहमद मोहिउद्दीन सैयद समेत तीन ISKP (इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रांत) से जुड़े आतंकियों को गिरफ्तार किया है। ये आतंकी अहमदाबाद, लखनऊ और दिल्ली में बड़े स्तर पर रासायनिक हमला (Chemical Attack) करने की साजिश रच रहे थे।
गुजरात ATS की बड़ी कार्रवाई Gujarat ATS Terrorist Arrest
गुजरात ATS की टीम ने गुप्त सूचना के आधार पर इन आतंकियों को हिरासत में लिया और इनके पास से घातक रासायनिक पदार्थ ‘रिसिन’ (Ricin), हथियार, लैपटॉप और संदिग्ध दस्तावेज बरामद किए। ‘रिसिन’ एक अत्यंत विषैला जैविक तत्व है, जो बेहद कम मात्रा में भी इंसान की जान ले सकता है। यह दुनिया के सबसे खतरनाक टॉक्सिन्स में से एक माना जाता है, और इसका उपयोग कई देशों में आतंकवादी गतिविधियों में किया जा चुका है।
जांच में खुलासा हुआ है कि अहमद मोहिउद्दीन सैयद ने चीन से अपनी मेडिकल डिग्री हासिल की थी। MBBS पूरा करने के बाद उसने ISIS की विचारधारा से प्रभावित होकर ISKP नेटवर्क से संपर्क किया। इसके बाद उसने देश में रासायनिक हमले की साजिश रची और अपने दो सहयोगियों के साथ आतंक का ब्लूप्रिंट तैयार किया।
सूत्रों के अनुसार, यह मॉड्यूल सोशल मीडिया और एन्क्रिप्टेड चैट ऐप्स के माध्यम से अफगानिस्तान और पाकिस्तान स्थित ISKP ऑपरेटिव्स से जुड़ा हुआ था। अहमद और उसके साथियों को ‘रिसिन’ जैसे टॉक्सिन तैयार करने और फैलाने की ट्रेनिंग दी गई थी। उनका मकसद था — भीड़भाड़ वाले इलाकों, मॉल्स, रेलवे स्टेशन और धार्मिक स्थलों पर घातक केमिकल हमला कर देश में दहशत फैलाना।
अहमदाबाद, लखनऊ और दिल्ली में खौफ फैलाने की साजिश
गुजरात ATS ने इस केस में केंद्रीय खुफिया एजेंसियों (NIA और RAW) के साथ समन्वय किया। संयुक्त अभियान में तीनों आरोपियों को हिरासत में लिया गया और उनसे पूछताछ जारी है। शुरुआती पूछताछ में अहमद ने कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। उसने बताया कि उसने डॉक्टर की पहचान का इस्तेमाल देश के अंदर नेटवर्क फैलाने और आतंकियों को मेडिकल सहायता देने के लिए किया।
एजेंसियों को शक है कि इस मॉड्यूल के तार अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क से जुड़े हैं। फिलहाल ATS ने इनके डिजिटल डिवाइस, फॉरेन्सिक रिपोर्ट्स और बैंक लेनदेन की जांच शुरू कर दी है।
सुरक्षा अधिकारियों के मुताबिक, अहमद और उसके साथियों ने लखनऊ, दिल्ली और अहमदाबाद में हमले की जगहें पहले से तय कर ली थीं। इनकी योजना थी कि त्योहारों या किसी बड़े सार्वजनिक आयोजन के दौरान रासायनिक हमला कर अफरातफरी मचाई जाए।
गुजरात ATS प्रमुख ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा —
“हमने समय रहते एक बड़ी आतंकी साजिश को नाकाम किया है। जो ‘रिसिन’ बरामद हुआ है, वह बेहद खतरनाक केमिकल है, और अगर इसका इस्तेमाल हो जाता, तो सैकड़ों लोगों की जान जा सकती थी। यह गिरफ्तारी भारत की सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता और सामूहिक प्रयासों की सफलता है।”
Gujarat ATS Terrorist Arrest सुरक्षा विशेषज्ञों ने इस मामले को “अलार्मिंग सिग्नल” बताया है। उनका कहना है कि यह पहली बार है जब किसी डॉक्टर स्तर के व्यक्ति को ISKP जैसे संगठन से जुड़ा पाया गया है। यह दर्शाता है कि आतंकवाद अब शिक्षा और पेशे के पीछे छिपकर नए तरीके अपना रहा है।
फिलहाल तीनों आतंकियों से पूछताछ जारी है और ATS अन्य राज्यों में भी छापेमारी कर रही है। एजेंसियां यह जानने की कोशिश कर रही हैं कि क्या इनके नेटवर्क में और भी डॉक्टर या प्रोफेशनल शामिल हैं।
इस कार्रवाई के बाद देशभर की सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क कर दिया गया है। अहमदाबाद, लखनऊ और दिल्ली में सुरक्षा बढ़ा दी गई है और रासायनिक पदार्थों की निगरानी पर विशेष फोकस किया गया है। इस मामले ने एक बार फिर साबित किया है कि आतंकवाद शिक्षा, पेशा या सरहद की सीमाओं से परे एक वैश्विक खतरा बन चुका है — और भारत की सुरक्षा एजेंसियां हर चुनौती का सामना करने के लिए तैयार हैं।
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