Harda Factory :मध्यप्रदेश के हरदा में पटाखा फैक्टरी में हुआ ब्लास्ट ने जिले को ही नहीं पूरे प्रदेश को हिलाकर रखा है। विस्फोट में अब तक 11 लोग मर चुके हैं, जबकि 217 घायल हो चुके हैं। साथ ही फैक्टरी मालिक सोमेश अग्रवाल, राजेश अग्रवाल और रफीक खान को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। विस्फोट के बाद तीनों ने भागने की कोशिश की, लेकिन सारंगपुर में पुलिस ने उन्हें पकड़ लिया।
Harda Factory :प्रशासन ने कठोर कार्रवाई नहीं की।
शुरूआती जांच और सूत्रों के अनुसार, यह पहला फैक्टरी विस्फोट नहीं है। 2015 में फैक्टरी में पहली बार विस्फोट हुआ था। दो लोग मर गए। वहीं, 2017 और 2022 में भी यहां दस से बारह लोग मारे गए थे। यानी, सात साल में लगभग 12-14 लोगों की मौत हो चुकी है, लेकिन सरकार ने कोई सख्त कार्रवाई नहीं की।
Harda Factory :2009 तक चलाया गया छोटा सा स्टोर
2009 तक फैक्टरी मालिक राजेश अग्रवाल और उसका भाई सोमेश अग्रवाल एक छोटी सी पटाखे की दुकान चलाते थे, सूत्रों ने बताया। इसके बाद उन्होंने पटाखे बनाने की शुरुआत की और फिर पांच अलग-अलग फैक्टरियां खोलीं। उस बिल्डिंग में फैक्टरी चल रही थी, जिसमें ग्राउंड के अलावा दो फ्लोर थे। 2023 में जीएसटी ने इसे पकड़ा था। वहीं फैक्टरी को पहले भी सील किया गया था।
बच्चे भी पटाखा फैक्टरी में काम करते थे
जिस फैक्टरी में विस्फोट हुआ है, उसमें नाबालिग बच्चे भी काम करते थे, जो सबसे हैरानी की बात है। विस्फोट में घायल हुए कर्मचारियों ने बताया कि धमाका हुआ उस समय भी फैक्टरी में २० से २५ बच्चे काम कर रहे थे। इनमें से अधिकांश बच्चे अपनी मां की मदद करने आते थे।
गंभीर घायल इंदौर-भोपाल रेफर
विस्फोट में घायल हुए 217 में से 51 फैक्टरी के कर्मचारी थे।50 से अधिक घायलों को भोपाल, इंदौर और नर्मदापुरम भेजा गया। अन्य घायल अस्पतालों में भर्ती हैं।जिसको ज़्यादा छोटे नहीं लगी उनको अस्पताल से इलाज करके डिस्चार्ज कर दिया गया है
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Harda Factory दहलाने वाली पटाखा फैक्टरियों का मालिक कौन है, जो एक दुकान से खड़ी हुई हैं?