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Haryana: हरियाणा में कांग्रेस या भाजपा!: 64.80 प्रतिशत मतदान से बढ़ा असमंजस, जानिए चार चुनावों का रुझान

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Haryana: 25 मई को हरियाणा में छठे चरण में चुनाव हो चुका है। चुनाव में 64.80% लोगों ने मतदान किया है। पिछले चार चुनावों के परिणामों से स्पष्ट है कि भाजपा को 70 प्रतिशत मतदान का लाभ मिला। कांग्रेस भी लाभ उठाया है जब मतदान 70% से कम था।

हरियाणा के लोकसभा चुनाव में इस बार 5.34% मतदान की कमी ने सभी राजनीतिक दलों को चिंतित कर दिया है। प्रत्येक व्यक्ति अपने हिसाब से गुणा-भाग लगाकर जीत का दावा कर रहा है। मतदान कम या अधिक होने से किस दल को लाभ या नुकसान हुआ है, यह स्पष्ट नहीं है। परिणाम कुछ भी नहीं है।

2019 में हरियाणा में 70.34 प्रतिशत मतदान हुआ, जिसमें भाजपा को 58.2 प्रतिशत वोट मिले और पार्टी ने सभी दस सीटें जीतीं। कांग्रेस केवल २८.५ प्रतिशत पर आकर सिमट गई। 2014 में भी, जब 71.45 प्रतिशत मतदान हुआ, भाजपा को सात सीटें मिलीं और वोट शेयर 34.8 प्रतिशत रहा। हालाँकि, 2014 के चुनाव में मोदी की प्रचंड लहर थी, जबकि सत्ता विरोधी लहर कांग्रेस के खिलाफ थी।

Haryana: कांग्रेस को बंधी आशा

2019 में भी बालाकोट, सर्जिकल स्ट्राइक और राष्ट्रवाद का दौर चला गया था। कांग्रेस की उम्मीद उधर कम हो गई है। कांग्रेस का दावा है कि इस बार चुनावी परिणाम बहुत बेहतर होंगे। कांग्रेस नेता ने राज्य में छह से आठ सीटों पर जीत का दावा किया है। 2009 में दो चुनावों से पहले मतदान 67.49% था, जिससे कांग्रेस को फायदा हुआ। कांग्रेस ने 41.8 प्रतिशत वोटों पर जीत हासिल की और राज्य में नौ सीटों पर जीत हासिल की। 2004 में, जब मतदान 66.72 प्रतिशत था, तब भी कांग्रेस ने नौ सीटों पर जीत हासिल की और 42 प्रतिशत मत प्राप्त किए।

Haryana: 5.34% मतदान घटने से कांग्रेस को क्या लाभ

कांग्रेस कम मतदान से खुद को मजबूत समझती है, लेकिन यह पार्टी के लिए कठिन है। विशेषज्ञों का कहना है कि पिछले चुनाव से 5.34% मतदान घट गया है। भाजपा को इतने ही वोटों का नुकसान हुआ है तो बड़े अंतर से जीतने वाली सीटों पर उसका मार्जिन कम हो सकता है। भाजपा ने पिछले चुनाव में कांग्रेस से लगभग 30% अधिक मत पाया

दिल्ली स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइसेंज व एमडीयू रोहतक अकेडमिक अफेयर्स के पूर्व डीन प्रोफेसर सुरेंद्र कुमार ने कहा कि इस बार स्विंग वोटर भाजपा के पक्ष में नहीं गया है क्योंकि कोई उत्साह या लहर नहीं थी। विपक्षी पक्ष इससे लाभ उठा सकता है। उन्होंने कहा कि कठिन सीटों पर विपक्ष को फायदा मिलेगा। भाजपा को सीधा लाभ मिलेगा जिन सीटों पर तीसरा उम्मीदवार मजबूत है। यह देखना होगा कि विपक्ष को मिल रहा लाभ सीटों में बदल पाएगा या नहीं।

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