High Court: हाईकोर्ट ने सरकार से पूछा है कि शहरों में प्रचलित ई-रिक्शे के लिए क्या निर्देश बनाए गए हैं। मेरठ के मनोज कुमार चौधरी की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए, मुख्य न्यायाधीश अरुण भंसाली और न्यायमूर्ति विकास ने यह आदेश दिया है। 23 मई को अगली सुनवाई होगी।
High Court: 23 मई को अगली सुनवाई होगी
मेरठ शहर में बेतरतीब चल रहे ई-रिक्शा को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की गई है। सुनवाई करते हुए कोर्ट ने राज्य सरकार से तीन सप्ताह में उत्तर मांगा है। सरकार से पूछा गया है कि शहरों में दौड़ रहे ई-रिक्शे के लिए क्या दिशानिर्देश बनाए गए हैं? मेरठ के मनोज कुमार चौधरी की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए, मुख्य न्यायाधीश अरुण भंसाली और न्यायमूर्ति विकास ने यह आदेश दिया है। 23 मई को अगली सुनवाई होगी।
याची सौरभ सिंह ने कोर्ट को बताया कि राज्य के हर शहर में हजारों गैर-रजिस्टर्ड ई-रिक्शा चल रहे हैं। इनके संचालन के लिए कोई मार्गदर्शिका या रूट नहीं है। लोग इससे परेशान हो रहे हैं। याची अधिवक्ता ने कहा कि 30 लाख जनसंख्या वाले मेरठ शहर में 13443 ई-रिक्शा पंजीकृत हैं, जबकि 50 हजार से अधिक चल रहे हैं। इससे ट्रैफिक व्यवस्था प्रभावित होती है। याचिका मेरठ के ट्रैफिक एसपी और मुख्य सचिव को भेजी गई, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।
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High Court: प्रदेश में ई-रिक्शा के लिए गाइडलाइन क्या है, सरकार
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