IIMC: मध्य प्रदेश उच्च शिक्षा विभाग ने कॉलेजों और विश्वविद्यालयों को भारतीय परंपराओं से अवगत कराने और राष्ट्रीय महत्व के संस्थानों का भ्रमण करने के लिए प्राचीन ग्रंथों को सिलेबस में शामिल करने के लिए आदेश दिए हैं।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारियों को कॉलेजों के परिणामों को बेहतर बनाने के लिए एक बैठक करने के निर्देश दिए। इसके बाद, उच्च शिक्षा विभाग ने कॉलेजों और विश्वविद्यालयों को निर्देश भेजे हैं। इसमें विद्यार्थियों को भारतीय परंपराओं से परिचित कराने के लिए प्राचीन ग्रंथों और महाकाव्यों (जैसे रामायण, वेद, पुराण, उपनिषद आदि) को स्नातक स्तर पर पाठ्यक्रम में शामिल करने की कार्ययोजना बनाने को कहा गया है। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केसी गुप्ता ने उच्च शिक्षा विभाग के आयुक्तों, सभी शासकीय विश्वविद्यालयों के कुलसचिवों और सभी शासकीय विश्वविद्यालयों के प्राचार्यों को दिशा-निर्देश भेजे हैं।
IIMC: इसरो और आईआईएमसी का दौरा
प्रदेश के कॉलेजों के विद्यार्थियों को बाहरी वातावरण का ज्ञान, आत्मविश्वास और व्यक्तित्व विकास के अवसर प्रदान करने के लिए राज्य और राष्ट्रीय महत्व के संस्थानों के भ्रमण कराने की योजना बनाने को कहा गया है। इसमें राज्य के छात्रों को आईआईएमसी और इसरो जैसे संस्थानों का दौरा कराया जाएगा। भ्रमणों में छात्रों को स्थानीय संस्कृति, परंपरा और परिवेश से भी परिचय मिलेगा।
IIMC: पायलट प्रशिक्षण कोर्स को शामिल करेंगे
विभाग ने निर्देश जारी किए हैं कि जिन विश्वविद्यालयों और कॉलेजों के पास हवाई पट्टी है, वे पायलट प्रशिक्षण कोर्स शुरू करें, जो देवी अहिल्या विश्वविद्यालय और उड्डयन संस्थानों के साथ एमओयू की तरह है। स्नातक स्तर पर व्यवसायिक शिक्षा को सुधारने का आह्वान किया गया है।
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IIMC: यूनिवर्सिटी-कॉलेज के विद्यार्थी वेद-पुराण पढ़ेंगे, इसरो और IIMC जाएंगे, दिशानिर्देश जारी
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