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Indian Air Force: 200 लोगों का हो सकता है इलाज, भारतीय वायुसेना ने हवा में गिराया ‘अस्पताल’

Indian Air Force: 

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Indian Air Force: राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद, रक्षा मंत्रालय और स्वास्थ्य मंत्रालय ने मिलकर योजना भीष्म बनाई, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में शुरू हुई थी। भीष्म प्रोजेक्ट (बैटलफील्ड हेल्थ इंफॉर्मेशन सिस्टम फॉर मेडिकल सर्विसेज) भारत और विदेश में प्राकृतिक आपदाओं, मानवीय संकटों और शांति और युद्ध के दौरान तेजी से तैनाती के लिए बनाया गया है।

पोर्टेबल हॉस्पिटल भीष्म को बुधवार को आगरा में जहाज से भारतीय वायुसेना ने एयरड्रॉप किया। यह पहली परीक्षण है जिसमें एयर फोर्स ने हॉस्पिटल क्यूब्स को जहाज से नीचे गिराया है। ये जहाज से उड़ान भरने वाले हॉस्पिटल आपातकालीन परिस्थितियों में बहुत उपयोगी हो सकते हैं।

राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद, रक्षा मंत्रालय और स्वास्थ्य मंत्रालय ने मिलकर योजना भीष्म बनाई, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में शुरू हुई थी। भीष्म प्रोजेक्ट (बैटलफील्ड हेल्थ इंफॉर्मेशन सिस्टम फॉर मेडिकल सर्विसेज) भारत और विदेश में प्राकृतिक आपदाओं, मानवीय संकटों और शांति और युद्ध के दौरान तेजी से तैनाती के लिए बनाया गया है। ताकि इस दौरान तत्काल चिकित्सा सहायता देने के लिए भीष्म पोर्ट्बल हॉस्पिटल्स का उपयोग किया जा सके।

Indian Air Force: 200 लोगों का इलाज किया जा सकता है।

Air Force सूत्रों ने कहा कि इस मोबाइल क्यूब हॉस्पिटल में 200 लोगों का इलाज किया जा सकता है। इन मॉड्यूलर मेडिकल यूनिट्स को दूरस्थ या आपदाग्रस्त इलाकों में तेजी से तैनात करने के लिए बनाया गया है, जो कठिन परिस्थितियों में भी चिकित्सा सहायता प्रदान करने में मदद करते हैं। साथ ही, एयर फोर्स ने भीष्म को आगरा में सफलतापूर्वक उड़ाकर दिखाया कि वे आपातकालीन मानवीय संकट के दौरान जरूरतमंद क्षेत्रों में चिकित्सा सामग्री को तेजी से वितरित कर सकते हैं।

भीष्म पोर्टेबल हॉस्पिटल क्यूब्स में कई चिकित्सा सुविधाएं हैं, सूत्रों ने बताया। इन्हें डिजाइन भी ऐसा किया गया है कि वे आसानी से वायु, भूमि और समुद्र में ले जा सकें। प्रत्येक क्यूब में सर्जिकल, डायग्नोस्टिक और रोगी की देखभाल की सुविधाएं हैं। भारतीय वायु सेना, भारतीय स्वास्थ्य सेवा संस्थानों और डिफेंस टेक्नोलॉजी एक्सपर्ट्स ने मिलकर पोर्टेबल हॉस्पिटल क्यूब्स बनाए और परीक्षण किए हैं।

Indian Air Force: वहीं ये क्यूब सिर्फ बारह मिनट में बन जाते हैं। इसमें दो मास्टर क्यूब केज सेट हैं, प्रत्येक में 36 मिनी क्यूब हैं। ये क्यूब्स बहुत हल्के, बहुत मजबूत और वाटरप्रूफ हैं। प्रत्येक मिनी-क्यूब को मास्टर केज के भीतर सावधानीपूर्वक पैक किया जाता है, ताकि खुलने में कोई परेशानी न हो। इसे फिर से इस्तेमाल कर सकते हैं। हाल ही में जी20 शिखर सम्मेलन में विभिन्न देशों से आए वरिष्ठ प्रतिनिधियों ने भी इस योजना को प्रस्तुत किया था, जो बहुत पसंद किया गया था।

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Indian Air Force: भारतीय वायुसेना ने किया Emergency Landing की सुविधा का संचालन

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