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Indore: मां-बेटी की जोड़ी ने नाट्य संगीत का सर्वश्रेष्ठ दर्शन कराया, चोला माटी के राम ने दर्शकों को भा गया

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Indore: संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित पूनम तिवारी विराट ने अपने पक्के सच्चे सुरों और बेलौस बातचीत के भोलेपन से अभिनव कला सभागार में दर्शकों को अपना मुरीद बना लिया।

जब वे बोलतीं और गातीं, तो लगता था कि वे सुनते ही रहें. वे सीधे उस कालखंड में ले जातीं जिसका बखान उस नाट्यगीत में किया गया था। विभिन्न भावनाओं के बीच कभी हंसता तो कभी रुलाता ‘चोला माटी के राम’, मध्यप्रदेश हिन्दी साहित्य सम्मेलन की इंदौर इकाई का आयोजन था, जो अपनी विविधता, भावों की तीव्रता और उसमें समाहित नवीन आनंद के कारण यादगार बन गया।

Indore: ‘चोला माटी के राम’, मप्र हिंदी साहित्य सम्मेलन की इंदौर इकाई द्वारा आयोजित हुआ, समय से पहले ही सभागार में पहुंच गया। हबीब तनवीर के नाटकों में गीतों का प्रमुख स्वर रहीं रंगकर्मी पूनम तिवारी विराट कोई बीस साल के अंतराल पर इंदौर पधारीं. इस दौरान समय का चक्र इतना बदल गया कि नाट्य संगीत के जादुई असर और थिएटर के इतने तीव्र चुंबकीय सम्मोहन को पहली बार कई दर्शकों ने अनुभव किया। दर्शक ने नाट्य संगीत के कौशल और रंगमंच के सर्वोत्कृष्ट स्तर को देखकर पूनम तिवारी को सलाम कर दिया।

कार्यक्रम की शुरुआत में पूनम तिवारी विराट, उनकी सुपुत्री दिव्या और हबीब तनवीर साहब के नाटकों में महत्वपूर्ण किरदार निभाने वाली फ्लोरा बोस ने रंग संवाद में रंगमंच से जुड़ने और फिर उसी के होकर रहने की बात बताई। पूनम तिवारी ने बताया कि वे बचपन से थिएटर से जुड़ गए क्योंकि उनकी मां छत्तीसगढ़ी नाचा की कलाकार थीं।

Indore: मां ने बहुत कोशिश की, लेकिन उनका मन थिएटर में नहीं बल्कि पढ़ाई में था। उन्हें लगता था कि वे बहुत छोटे थे, इसलिए हबीब साहब ने उन्हें थिएटर में काम करने के लिए कहा। एक बार मना करने के बाद वे अंततः हबीब साहब के नए थिएटर में गए और फिर रंगमंच में गए।

हबीब साहब और उनकी टीम हर रात नाटकों के लिए गीत बनाते रहते थे, कभी छत्तीसगढ़ी धुनों पर शब्द बनाते थे। एक दूसरे से बहुत कुछ सीखते थे और समय को भूलकर काम करते थे। थिएटर चार चार बच्चों की देखभाल, उनकी शिक्षा और अन्य दायित्वों के बीच अनवरत चलता रहा।

आज की पीढ़ी यह नहीं समझती कि लक्ष्य के प्रति समर्पण करने से लक्ष्य प्राप्त होगा ही। उसने अपने जीवन की कठिनाइयों को याद करते हुए कहा कि जब उनके पति की लंबी बीमारी के दौरान उनके युवा इकलौते सुपुत्र का आकस्मिक निधन हुआ, तो उसे नाचते गाते बिदा करना उनके भीतर के कलाकार की परीक्षा थी।

Indore: फ्लोरा ने कॉरपोरेट नौकरी छोड़ दी

रंग संवाद में अभिनेत्री फ्लोरा बोस ने बताया कि कैसे उन्होंने अपनी उत्कृष्ट कॉरपोरेट नौकरी छोड़ दी जब उनके जीएम ने अखबार में छपी रिपोर्ट देखकर कहा कि आप ड्रामेबाजी भी करती हैं! उनका कहना था कि ड्रामा शिक्षा प्रणाली में अनिवार्य होना चाहिए क्योंकि यह परिपूर्णता देता है। नाटक अभिव्यक्ति का सबसे प्रभावी तरीका है।

दिव्या तिवारी ने स्पष्ट रूप से कहा कि अगर रंगकर्म नहीं होता तो दुनिया क्या खो देगी? हम जीवन को एक नाटक की तरह खेलना चाहिए और ऐसा करना चाहिए कि लोग हमारा किरदार याद रख सकें। प्रगतिशील लेखक संघ और IPTA के विनम्र तिवारी ने कहा कि नाटक हमें विविधता और सामूहिकता सिखाता है। 

Indore: आयोजन के दूसरे चरण में पूनम तिवारी विराट और उनकी सुपुत्री दिव्या तिवारी ने हबीब तनवीर के नाटकों के गीतों से दर्शकों को भावुक कर दिया। अपनी दमदार आवाज के साथ उनके नृत्य ने दर्शकों को नाट्य संगीत की ऐसी बेमिसाल दावत दी कि हर दर्शक इस कार्यक्रम में शामिल होना अपना सौभाग्य मानने लगा।

वरिष्ठ लेखक हरेराम बाजपेयी, डॉ. राजेश दीक्षित ‘नीरव’, वरिष्ठ पत्रकार श्री कीर्ति राणा, विनीत तिवारी, प्रमोद बागड़ी, सोनाली यादव, मीना राणा शाह, प्रदीप नवीन काले, पंकज दीक्षित, मिर्ज़ा जाहिद बेग, दिव्या दीक्षित, शिवाकांत बाजपेयी, बंशी लालवानी और रंगकर्मी प्रांजल क्षोत्रिय ने कार्यक्रम में अतिथियों का स्वागत किया।

कार्यक्रम में नवजात शायर अभय शुक्ला को भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी गई। स्टाट प्रेस क्लब के अध्यक्ष प्रवीण कुमार खारीवाल ने अभय शुक्ला की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया और सभी ने श्री शुक्ला के असमय निधन को बहुत दुखद और गहरा दुःख व्यक्त किया। अंत में, मध्य प्रदेश हिन्दी साहित्य सम्मेलन की इंदौर इकाई के सचिव आलोक बाजपेयी ने आभार व्यक्त किया।

Indore: मां-बेटी की जोड़ी ने नाट्य संगीत का सर्वश्रेष्ठ दर्शन कराया, चोला माटी के राम ने दर्शकों को भा गया

Chola Maati Ke He Ram – चोला माटी के हे राम || Abdul Raziq Khan || New Viral – CG Song – HD Video

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