Jai Shri Ram: बॉम्बे हाईकोर्ट
Jai Shri Ram: बॉम्बे हाईकोर्ट में दिग्गज फिल्म निर्माता-निर्देशक के सी बोकाडिया ने अपनी फिल्म तीसरी बेगम में शरण मांगते व्यक्ति को जय श्री राम कहने पर केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड से शिकायत की है। “मेरी फिल्म का मामला पानी की तरह साफ है,” बोकाडिया ने अमर उजाला से बातचीत में कहा। मैं देश की न्यायपालिका पर भी पूरा भरोसा रखता हूँ। राम राज्य की कल्पना हमेशा से देश में रही है और मेरी फिल्म में “जय श्री राम” शब्द होगा या नहीं, इस पर भी जल्द ही निर्णय हो जाएगा क्योंकि न्यायालय भी ऐसे मामलों में देर नहीं करता।’
Jai Shri Ram: अमिताभ को एक करोड़ रुपये का भुगतान किया था
हिंदी सिनेमा की तीन पीढ़ियों के प्रसिद्ध कलाकारों के साथ दिग्गज निर्माता-निर्देशक के सी बोकाडिया ने पिछले पांच दशक में अपनी फिल्मी यात्रा में फिल्में बनाई हैं। अमिताभ को उन दिनों एक फिल्म के लिए 80 लाख रुपये मिलते थे, लेकिन वह पहले निर्माता हैं जिन्होंने अमिताभ को एक करोड़ रुपये का भुगतान किया था। बोकाडिया ने मिथुन चक्रवर्ती की तकदीर बदलने वाली फिल्म प्यार झुकता नहीं और जैकी श्रॉफ को घर घर पहुंचाने वाली फिल्म तेरी मेहरबानियां भी बनाई हैं।
Jai Shri Ram: “तीसरी बेगम”
बोकाडिया की नवीनतम फिल्म “तीसरी बेगम” इस समय चर्चा में है। फिल्म बोकाडिया ने उन लोगों का पर्दाफाश किया है जो हिंदू युवतियों को बरगला कर या बहकाकर अपने घर ले आते हैं, बिना बताने के कि उनकी शादी पहले भी हो चुकी है। फिल्म “तीसरी बेगम” में भी एक युवा महिला की कहानी है जिसे एक मुस्लिम से प्यार हो जाता है और शादी के बाद उसे पता चलता है कि उस आदमी की दो बीवियां पहले से ही हैं। लेकिन ये तीसरी बेगम परिस्थितियों से निपटने से इनकार करती है और इस परिवार में विद्रोह का बीज बो देती है।
निर्देशक के सी बोकाडिया ने पिछले साल के आखिर में अपनी नई फिल्म, “तीसरी बेगम”, के लिए सेंसर सर्टिफिकेट की मांग की। सेंसर बोर्ड की परीक्षण समिति, या एक्जामिनिंग कमेटी, ने फिल्म को देखने के बाद इसे सेंसर सर्टिफिकेट देने से इनकार कर दिया क्योंकि फिल्म समाज में आम और औचक घटनाओं को एक परंपरा के रूप में दिखाती है। सेंसर बोर्ड ने बोकाडिया को फिल्म को पुनरीक्षण समिति (रिवीजन कमेटी) के पास ले जाने के लिए चौबीस दिन का समय दिया. इसके बाद बोकाडिया ने फिल्म के सेंसर सर्टिफिकेट के लिए फिर से आवेदन किया।
Jai Shri Ram: 14 स्थानों पर कट्स या बदलाव
जैसा कि के सी बोकाडिया बताते हैं, 6 मार्च को सेंसर बोर्ज ने उन्हें एक पत्र भेजा, जिसमें रिवीजन कमेटी से मिली रिपोर्ट का उल्लेख किया गया था कि फिल्म तीसरी बेगम को केवल वयस्कों के लिए प्रमाणपत्र के साथ प्रदर्शित करने के लिए 14 स्थानों पर कट्स या बदलाव करने की जरूरत है। बोकाडिया को इन कट्स में से सबसे ज्यादा परेशान करने वाली बात यह है कि फिल्म से ‘जय श्री राम’ को हटाना होगा। वह कहते हैं कि राम हमारी आस्था का केंद्रबिंदु हैं और फिल्म में एक किरदार ये बात कहता है जो खुद पर हमला हुए व्यक्ति की शरण में है।
बोकाडिया बोर्ड की सीईओ स्मिता वत्स शर्मा और चेयरमैन प्रसून जोशी से सेंसर बोर्ड की पुनरीक्षण समिति की रिपोर्ट को लेकर मिलने की कई कोशिशें कर चुके हैं, लेकिन इसके मुंबई क्षेत्रीय कार्यालय जाने के बाद भी वह सफल नहीं हो सका। बोकाडिया ने पहले ही कहा था, “मैं मर जाऊंगा लेकिन अपनी फिल्म से “जय श्री राम” शब्द नहीं हटाऊंगा।”बोकाडिया ने बंबई उच्च न्यायालय में इस बारे में अपील की है। इस मामले को वरिष्ठ वकील अशोक सरावगी देख रहे हैं। बोकाडिया ने कहा कि बुधवार को इस मामले में नई जानकारी मिल सकती है। मामला अब न्यायालय में विचाराधीन है, इसलिए मैं इससे अधिक कुछ नहीं कह सकता।’
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सेंसर बोर्ड के इस फिल्म से जय श्री राम हटाने के आदेश पर भड़के निर्माता । Sensor Board |