जेएनयू में एक बार फिर विवादित स्लोगन लिखने का मामला सामने आया है। भाषा अध्ययन केंद्र की दीवारों पर यह स्लोगन लिखा है। इसमें बाबरी मस्जिद(Babri Masjid) का पुनर्निर्माण बताया गया है। यह भाषण भारतीय राष्ट्रीय विद्यार्थी संघ (एनएसयूआई) के नाम पर लिखा गया है। NSUI ने इसमें शामिल होने से इनकार कर दिया है।
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JNU और Babri Masjid विवादित स्लोगन
जेएनयू में एक बार फिर विवादित स्लोगन लिखने का मामला सामने आया है। भाषा अध्ययन केंद्र की दीवारों पर स्लोगन लिखा है। इसमें बाबरी मस्जिद(Babri Masjid) का पुनर्निर्माण बताया गया है। यह भाषण भारतीय राष्ट्रीय विद्यार्थी संघ (एनएसयूआई) के नाम पर लिखा गया है। NSUI ने इसमें शामिल होने से इनकार कर दिया है।
NSUI, JNU और Babri Masjid
NSUI की जेएनयू इकाई के अध्यक्ष सुधांशु शेखर ने बताया कि संगठन का नाम पहले से ही काले मार्कर पर लिखा गया था। बाद में, स्लोगन रेड मार्कर से लिखे गए हैं। हमारे संस्थान को बदनाम करने का प्रयास किया जा रहा है। जबकि हम जेएनयू प्रशासन से ऐसे स्लोगन पर कड़ी कार्रवाई की मांग करते रहे हैं। लेकिन जेएनयू प्रशासन ऐसे मामलों की जांच नहीं करता। भाषा अध्ययन केंद्र में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, इसलिए आरोपितों तक पहुंचा जा सकता है उनके फुटेज खंगालकर।
Babri Masjid अधिकारी घटनाक्रम से परिचित नहीं है
उन्हें लगता है कि जेएनयू प्रशासन ऐसा नहीं चाहता। जेएनयू के सुरक्षा अधिकारी नवीन ने घटना से परिचित नहीं होने का दावा किया है। जेएनयू के भाषा अध्ययन केंद्र ही विवादित भाषण लिखता है। स्लोगन कुछ महीने पहले भी लिखे गए थे। उससे पहले जाति को लक्षित करने वाले स्लोगन लिखे गए थे। इसके बावजूद, इन मामलों की कोई जांच नहीं की गई।
स्लोगन लिखने पर 10 हजार रुपये का जुर्माना लगेगा।
भाषा अध्ययन केंद्र के इस स्थान पर सीसीटीवी कैमरा भी नहीं लगाया गया है। उत्पाती तत्व इससे पूरी तरह लाभ उठाते हैं। यह तब है जब कुछ दिनों पहले ही मुख्य प्रॉक्टर ने ऐसे विवादित स्लोगन लिखने पर 10 हजार रुपये का प्रविधान जारी किया था। ऐसे मामले फिर भी थम नहीं रहे हैं।
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