Jpnic: निर्माण शुरू होने से पहले, जेपीएनआईसी ने 265.58 करोड़ रुपये का अनुमान लगाया था। 2014 में इसे 350 करोड़ कर दिया गया। 2015 में 142 करोड़ रुपये। 2016 में यह 107 करोड़ रुपये बढ़ा। कुल 864.99 करोड़ रुपये खर्च किए गए। बाद में, एलडीए ने 2023 में शासन से 60.43 करोड़ रुपये मांगे।
वर्तमान परिस्थितियों में गोमतीनगर स्थित जयप्रकाश नारायण इंटरनैशनल कन्वेंशन सेंटर (जेपीएनआईसी) को खोलने की योजना नहीं है। एलडीए इस प्रस्ताव को बना रहा है शासन के निर्देश पर। 2013 में इस सेंटर का निर्माण शुरू हुआ था, लेकिन लगातार लागत बढ़ती रही। 2017 में जांच शुरू हुई थी और तब से काम ठप रहा है। इसलिए यहां लगे उपकरण खराब हैं। स्थानों पर झाड़ियां उग आई हैं। फॉल्स की सीलिंग भी तोड़ दी गई है। कन्वेंशन सेंटर, पार्किंग, म्यूजियम ब्लॉक और स्विमिंग पूल खराब हो गए हैं। ऐसे में एलडीए इन्हें ठीक करने और सेंटर को खोला जाएगा।
निर्माण शुरू होने से पहले, जेपीएनआईसी ने 265.58 करोड़ रुपये का अनुमान लगाया था। 2014 में इसका बजट 350 करोड़ बढ़ा। 2015 में 142 करोड़ रुपये और 2016 में 107 करोड़ रुपये की लागत बढ़कर 864.99 करोड़ रुपये हो गई। बाद में, एलडीए ने 2023 में शासन से 60.43 करोड़ रुपये मांगे। यह प्रस्ताव शासन से मंजूर होने के बाद वित्त विभाग को भेजा गया था, लेकिन अभी तक उसे मंजूरी नहीं मिली है।
Jpnic: जांच तीन बार हो चुकी है
जेपीएनआईसी के बढ़े हुए खर्च की तीन बार जांच हुई है। राइट्स ने एक बार और शासन ने दो बार जांच की। हालाँकि जांच अभी भी जारी है, जांच कमिटी ने तत्कालीन एलडीए वीसी, चीफ इंजिनियर और फाइनेंस कंट्रोलर सहित कई अफसरों को दोषी ठहराया है।
Jpnic: 50 करोड़ रुपये के खराब उपकरण
जेपीएनआईसी में कई फर्मों को बिजली उपकरण लगाने का टेंडर दिया गया था। केंद्र में फर्म्स ने लगभग 50 करोड़ रुपये के विदेशी उपकरण लगाए थे। लाइट और स्पीकर लाखों में हैं। स्पीकर और प्रकाश के वायर चूहों ने काट दिए हैं। बारिश ने कई उपकरणों को खराब कर दिया है। साथ ही उनकी वारंटी और गारंटी भी खत्म हो गई हैं।
Jpnic: स्विमिंग पूल में एक बड़ी
स्विमिंग पूल के चारों ओर बैठने वाले रैंप विदेशी लकड़ी से बनाए गए थे। रैंप से लकड़ी गायब है। पूल बहुत जम गया है।
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Jpnic: 7 साल से काम बंद, करोड़ों का सामान कबाड़, अब JPNIC को अधूरा खोलने की तैयारी, कभी अखिलेश का सपना था
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