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Khandwa: 50 हजार से अधिक लोगों ने गुरु पूर्णिमा पर श्री दादाजी धाम में महाआरती की

Khandwa: गुरुपूर्णिमा के महत्वपूर्ण पर्व पर देर रात श्री दादाजी धूनीवाले दरबार में महाआरती हुई। यह भी बड़ी आरती कहलाता है। इस आरती में पाँच हजार से अधिक लोग उपस्थित हुए।

खंडवा, मध्य प्रदेश में गुरु पूर्णिमा का पर्व मनाया जा रहा है। रविवार को महोत्सव का अंत होगा, जो शुक्रवार से शुरू हुआ था और जिले के श्री दादाजी धाम मंदिर में तीन दिनों तक चलेगा। रविवार को देश भर में गुरु पूर्णिमा का मुख्य पर्व मनाया जा रहा है, लेकिन श्री दादाजी धाम मंदिर में शनिवार को ही महोत्सव मनाया गया। उस दिन सुबह से दादा जी के भक्तों के निशान लेकर समाधि स्थल तक पहुंचने का क्रम देर रात तक चलता रहा। यह आज रविवार को भी इसी तरह रहेगा। शनिवार को मंदिर परिसर में लगभग डेढ़ लाख लोगों ने दर्शन किए, स्थानीय लोगों ने बताया। आज रविवार है।

Khandwa: 50000 से अधिक लोग महा आरती में शामिल हुए

गुरुपूर्णिमा के महत्वपूर्ण पर्व पर देर रात श्री दादाजी धूनीवाले दरबार में महाआरती हुई। यह भी बड़ी आरती कहलाता है। रात करीब 8 बजे शुरू हुई महाआरती में बड़े दादाजी केशवानंद जी महाराज और छोटे दादाजी हरिहर भोले भगवान के साथ धुनिमाई की आरती की गई. 108 दीपों का इस्तेमाल किया गया था।

महाआरती के दौरान मंदिर परिसर और पूरा प्रांगण भक्तों से भरा हुआ था। महाआरती से लगभग पाँच हजार भक्तों ने लाभ लिया। आरती शुरू होने से पहले ही प्रांगण में लोग आ गए। भक्तों के लिए यहां दर्शन की व्यवस्था भी बंद कर दी गई थी।

Khandwa: महाआरती के बाद लगभग दो घंटे में देखा गया

महा आरती के दौरान यहां आने वाले लोगों की संख्या इतनी अधिक थी कि डोम पर स्थित जिगजैग बैरिकेडिंग भर गई। 6 नंबर गेट से श्रद्धालुओं को प्रवेश दिए जाने के दौरान चलते महाआरती के बाद लगभग 1 से 2 घंटे के इंतजार के बाद श्रद्धालुओं को दर्शन मिल सकता था। महाआरती के दौरान धुनी माई में भी करीब साठ डिग्री सेल्सियस का तापमान था। श्री धुनी वाला आश्रम पब्लिक ट्रस्ट के संचालक सुभाष नागोरी ने गुरुपूर्णिमा पर्व की महा आरती की व्यवस्था की।

Khandwa: गुरुपूर्णिमा पर बड़ी आरती का क्या महत्व है?

श्री दादा दरबार में गुरुपूर्णिमा पर होने वाली बड़ी आरती बहुत महत्वपूर्ण है। यहां हर वर्ष सात बड़ी आरतियां होती हैं। गुरु पूर्णिमा इनमें से एक है। यहां महाशिवरात्रि, रामनवमी, जन्माष्टमी, बड़े दादाजी की बरसी और दीपावली के पर्व पर भी बड़ी आरतियां होती हैं। गुरु पूर्णिमा के दिन होने वाली बड़ी आरती बहुत महत्वपूर्ण है, इसलिए दादा दरबार से जुड़े जो भक्त हैं, वे हर संभव कोशिश करते हैं कि इस दिन दादाजी की समाधि पर मत्था टेककर महाआरती में शामिल हों।

Khandwa: मंदिर परिसर में रोजाना चार आरतियां होती हैं

मंदिर परिसर में हर दिन चार आरतियां होती हैं, श्री धुनी वाला आश्रम पब्लिक ट्रस्ट से जुड़े मुकेश नागौरी ने बताया। प्रातः 5 बजे इनमें छोटी आरती होती है। 7:45 बजे सुबह बड़ी आरती होती है और 5 बजे शाम को छोटी आरती होती है। फिर देर शाम 7:45 पर एक बड़ी आरती होती है। सत्यनारायण भगवान की कहानी प्रारंभ और अंत की आरती भी उस दिन होती है।

Khandwa: 50 हजार से अधिक लोगों ने गुरु पूर्णिमा पर श्री दादाजी धाम में महाआरती की

के भक्तों में इसलिए है गुरु पूर्णिमा का महत्त्व, विशेष रूप से पहुंचते है श्रद्धालु!

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