Lootere Review: OTT पर निर्देशक हंसल मेहता ने अपना ब्रांड बनाया है। “स्कूप” ने उनकी ब्रांड प्रतिष्ठा को और मजबूत किया, अब वेब सीरीज “लुटेरे” की बारी है। यहां हंसल मेहता शोरनर हैं। सीरीज को उनके बेटे जय मेहता ने स्वतंत्र रूप से निर्देशित किया है। सीरीज का केंद्र बिंदु सोमालिया के समुद्री लुटेरे हैं, जो आज भी समुद्री लहरों पर अपनी हरकतों के कारण चर्चा में हैं।
हिंदी वेब सीरीज का धरातल नया है और इसके कलाकार उतने जाने-पहचाने नहीं हैं, जितने आजकल की वेब सीरीज में होते हैं। यही शायद इस वेब सीरीज को देखने का मुख्य कारण हो। यह वेब सीरीज आम दर्शकों के लिए कुछ भारी हो सकती है, लेकिन एक क्राइम सीरीज के रूप में, “लुटेरे” अपने लक्ष्य को पूरा करती दिखती है। अभी सिर्फ दो एपिसोड सीरीज में प्रसारित हुए हैं। इसके बाद, OTT प्रत्येक हफ्ते एक नया एपिसोड प्रसारित करने की योजना है।
वेब सीरीज ‘लुटेरे’ को सुपर्ण वर्मा और अंशुमान सिन्हा ने एक ऐसी अपराध कथा के रूप में गढ़ा है जिसकी कहानी एक अलग रफ्तार से आगे बढ़ती दिखती है। कहानी का केंद्र बिंदु एक ऐसा कंटेनर है जिसके अंदर की सामग्री की जानकारी दुनिया के सामने आने से मामला बिगड़ सकता है। दूर देश के एक बंदरगाह की राजनीति से ये सीरीज शुरू होती है। वहां रह रहे भारतीय विक्रांत गांधी को फिर से बंदरगाह चलाने वाली समिति का अध्यक्ष बनना है लेकिन मामला उनकी सोची सियासत के हिसाब से आगे बढ़ नहीं पाता है।
वेब शो लुटेरे में सुपर्ण वर्मा और अंशुमान सिन्हा ने एक अलग तरह की अपराध कथा बनाई है। कहानी का केंद्र बिंदु एक ऐसा कंटेनर है जिसके अंदर की जानकारी बाहर निकलने से मामला बिगड़ सकता है। ये श्रृंखला दूर देश के एक बंदरगाह की राजनीति से शुरू होती है। भारतीय विक्रांत गांधी, जो वहाँ रहते हैं, को फिर से बंदरगाह चलाने वाली समिति का अध्यक्ष बनना है, लेकिन मामला उनकी सोची हुई राजनीति के अनुरूप नहीं चलता।
ऐसे में मामला बिगड़ सकता है अगर ये कंटेनर बंदरगाह तक पहुंचे। यह कंटेनर ला रहे जहाज को रोकने के लिए समुद्री लुटेरों की मदद ली जाती है, लेकिन लुटेरों की अति सक्रियता से स्थिति खराब हो जाती है। जहाज का कप्तान अपने कर्मचारियों को बचाने के लिए बहुत कुछ करता है। स्टाफ भी पूरी तरह से अलग-अलग है। जहाज पर समुद्री लुटेरों के मुखिया को गिरफ्तार करने के अलावा, अपने ही गैंग के सदस्यों को नियंत्रित करना भी काफी कठिन है।
Lootere Review: हंसल मेहता
बतौर शोरनर वेब सीरीज “लुटेरे”, हंसल मेहता ने सुंदर कहानी और कलाकारों की मदद से ठीक ठाक तान लिया है, लेकिन फिल्म “शाहिद” के बाद उनकी कहानियों में सामाजिक, मानसिक और व्यावसायिक ताना बाना नहीं बुना है। हिंदी वेब सीरीज के लिए, वेब सीरीज “लुटेरे” इसलिए देखने योग्य है क्योंकि यह दर्शकों को कुछ नया देती है।
निर्देशक के तौर पर, जय मेहता ने अपनी समझ और विचारों से एक रोमांच से भरी सीरीज बनाने की कोशिश की है. इसकी प्रेरणा अंग्रेजी के कई वेब सीरीजों से मिलती दिखती है। जय मेहता का निर्देशन, हालांकि, दिलचस्प है। कलाकारों को सुस्ताने का अवसर नहीं मिलता। कहानी तेजी से चलती है। रहस्य की हर परत खुलती है। यहां निर्देशकों और लेखकों का साम्य इस तरह बनता दिखता है।
कलाकारों में वेब सीरीज में रजत कपूर ही सबसे लोकप्रिय और आसानी से पहचाने जाने वाले अभिनेता हैं। पानी के जहाज की कभी यात्रा नहीं करने वाले रजत कपूर ने अपने किरदार की अंतर्धाराओं को सजगता से जीते हुए इस किरदार को हल्का नहीं बनाया है। वह अपने किरदार के प्रस्तुतीकरण में अच्छा उतार-चढ़ाव लाने में कामयाब रहे हैं, जिसमें किरदार की गंभीरता और मौके की नजाकत दोनों शामिल हैं।
Lootere Review: कथा का मुख्य पात्र
कथा का मुख्य पात्र विवेक गोम्बर है। शुरुआती दृश्यों की बाधा के बाद, ये किरदार एक तरफ अपने सामाजिक रुतबे और दूसरी तरफ अपनी आपराधिक गतिविधियों से अपने परिवार को दूर रखने की कोशिश करते हैं। सीरीज का अंत निर्भर करेगा कि विवेक का किरदार अगले एपिसोड में कैसे व्यवहार करेगा। बचामेन का अभिनय उनके रंग, रूप और कद-काठी से मदद पाता है। अगर कहानी सही ढंग से चलती है, तो वोरा, सान्याल, खानविलकर और अन्य कलाकारों का प्रदर्शन हफ्ते भर जारी रह सकता है।
Lootere Review: वेब शो “लुटेरे”
वेब शो “लुटेरे” में कुछ कमियां भी हैं। सीरीज की सबसे बड़ी कमजोरी है कि कहानी कहते हुए इसका विस्तार से बाहर निकलना है। जबकि ऐसी अपराध कथाओं में इन तीनों का योगदान काफी होता है, सीरीज का बैकग्राउंड म्यूजिक, सिनेमैटोग्राफी और संपादन सामान्य हैं। डिज्नी प्लस हॉटस्टार की फिल्में और सीरीज जल्द ही जियो सिनेमा पर देखने को मिल सकते हैं, इसलिए अभी हॉटस्टार पर ऐसी तमाम कहानियों की रिलीज जल्दी हो सकती है, जो या तो पूरी हो चुकी हैं या रिलायंस द्वारा कंपनी के अधिग्रहण की जानकारी सार्वजनिक होने से पहले खरीदी गई हैं।
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