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Lucknow: बकरीद पर 300 करोड़ रुपये का कारोबार हुआ, सिर्फ दो मंडियों में 35 करोड़ से अधिक के बकरे बिके।

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Lucknow: ईद-उल-अजहा पर लखनऊ में बकरा बाजार से लेकर कपड़ा बाजार तक काफी व्यस्त रहे। इस मौके पर लगभग ३०० करोड़ रुपये की खरीददारी हुई।

राजधानी में ईद-उल-अजहा का त्योहार अकीदत के साथ मनाया जा रहा है। इस बार कुर्बानी ने 300 करोड़ रुपये के बड़े जानवरों और बकरे खरीदे। रविवार देर रात तक इन मंडियों और अमीनाबाद, मौलवीगंज और नक्खास बाजारों में बकरीद की रौनक छाई रही।

मुसलमान ईद-उल-अजहा पर भेड़, बकरा और दुम्बा की कुर्बानी करते हैं। इस्लाम में बड़े जानवरों में सात लोगों का हिस्सा लेने की अनुमति भी दी गई है जो महंगे बकरे खरीद नहीं पाते हैं। मुसलमान एक भैंसा पर सात लोग मिलकर पड़वा कुर्बानी देते हैं। बीते छह दिनों में, दुबग्गा और खदरा में बनाए गए नए पुल के नीचे गोमती किनारे लगे बकरा बाजार में लगभग 35 करोड़ रुपये से अधिक के बकरे खरीदे गए। वहीं, बड़े जानवरों में कुर्बानी के हिस्से के लिए करीब 15 करोड़ पड़वों का कारोबार हुआ।

दुबग्गा और खदरा स्थित नए पुल के नीचे लगे बकरा बाजार में देर रात तक लोग बकरों की खरीदारी करते रहे। दुबग्गा मंडी कमेटी के सदस्य अबरार अहमद ने बताया कि पिछले छह दिनों में 15 हजार से अधिक बकरे बिके हैं। उनका कहना था कि बकरीद के दिन सबसे अधिक बिक्री होती है, जो पूरी रात चलती है। खदरा पुल के नीचे मंडी कमेटी के सदस्य शावेज ने बताया कि बीते छह दिनों में यहां पर चार हजार से अधिक बकरे बेचे गए हैं। रविवार रात को लगभग दो हजार बकरे बेचे जाएंगे।

Lucknow: दो लाख से अधिक लोग बकरे को मार डालते हैं

बकरा कारोबारी शावेज ने बताया कि शहर में लगभग आठ लाख मुसलमान रहते हैं। दो लाख मुस्लिमों में से २०% कुर्बानी के लिए बकरा खरीदते हैं। बकरों का कारोबार इसलिए तीन सौ करोड़ तक पहुंच जाता है अगर एक बकरे की कीमत 15 हजार रुपये होती है। कुरैश वेलफेयर फाउंडेशन के महासचिव शहाबुद्दीन कुरैशी ने कहा कि अपार्टमेंट में रहने वाले ज्यादातर लोग जगह नहीं होने के कारण बड़े जानवरों को कुर्बानी देते हैं। यही कारण है कि पड़वों का भी शहर में बहुत सारा कारोबार होता है। शहर की मंडियों में लगभग 15 करोड़ रुपये से अधिक के पड़वे बिक चुके हैं, अनुमान है।

Lucknow: देर रात तक कपड़ा और चूड़ी बाजार में खरीदारी

राजधानी में तैयारियों में जुटे लोग देर रात तक अमीनाबाद, नक्खास, खदरा, डालीगंज और निशातगंज की बाजारों में जमे रहे। चूड़ी, कंगन और कपड़े की दुकानों पर महिलाओं की भीड़ जमा हुई। खानपान करने वाले लोग भी देर रात तक ईद-उल-अजहा की धूम का आनंद लेते रहे। नक्खास और अकबरी गेट लगभग पूरी रात खुले रहे। यहां नमाज के लिए चूड़ी-कंगन और कपड़ों के साथ कुर्ता-टोपी खरीदने के लिए लोगों की भीड़ लगी रही। देर रात तक चौक की गलियां रोशन रहती थीं। वहीं, खदरा दुकानों में पूरी रात खरीदारी हुई।

Lucknow: बकरीद पर 300 करोड़ रुपये का कारोबार हुआ, सिर्फ दो मंडियों में 35 करोड़ से अधिक के बकरे बिके।

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