Mahakaleshwar: सोमवार को भगवान श्री महाकालेश्वर की दूसरी सवारी होगी। मनमहेश हाथी पर चलेंगे और श्री चंद्रमौलेश्वर को पालकी में देखेंगे।
Mahakaleshwar: उज्जैन में 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक, दक्षिणमुखी भगवान श्री महाकालेश्वर की श्रावण/भाद्रपद महीने में निकलने वाली सवारी के क्रम में, दूसरे सोमवार 29 जुलाई को भगवान श्री महाकालेश्वर श्री चंद्रमौलेश्वर के रूप में पालकी पर तथा हाथी पर श्री मनमहेश के रूप में विराजित होकर नगर भ्रमण करेंगे। श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक और अपर कलेक्टर मृणाल मीना ने बताया कि श्री महाकालेश्वर भगवान की सवारी निकलने से पहले भगवान श्री चन्द्रमौलेश्वर का विधिवत पूजन-अर्चन होगा। भगवान श्री चन्द्रमोलेश्वर रजत पालकी पर बैठकर शहर घूमेंगे।
मंदिर के मुख्य द्वार पर पालकी में विराजित भगवान को सलामी दी जाएगी। बाद में सवारी परंपरागत रास्ते से महाकाल चौराहा, गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार और कहारवाडी से रामघाट पहुंच जाएगी। जहां मां क्षिप्रा नदी के जल से भगवान को पूजा और अभिषेक किया जाएगा। तब सवारी रामानुजकोट, मोढ की धर्मशाला, कार्तिक चौक, खाती का मंदिर, सत्यीनारायण मंदिर, ढाबा रोड, टंकी चौराहा, छत्री चौराहा, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार और गुदरी बाजार से होकर पुन: श्री महाकालेश्वर मंदिर पहुंचेगी।
Mahakaleshwar: छिंदवाड़ा के जनजाति कलाकार भाग लेंगे
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की मंशानुसार, जनजातीय लोक कला एवं बोली विकास अकादमी मध्यप्रदेश संस्कृति परिषद भी श्री महाकालेश्वर भगवान की दूसरी सोमवार की सवारी में भाग लेंगे। 29 जुलाई को श्री महाकालेश्वर भगवान की दूसरी सवारी में भारिया जनजातीय भड़म नृत्य छिंदवाड़ा के मौजीलाल पचलिया के नेतृत्व में एवं बैगा जनजातीय करमा नृत्य डिंडोरी के धनीराम बगदरिया के नेतृत्व में चलेंगे।
विभिन्न जातिगत दल श्री महाकालेश्वर भगवान की सभी यात्राओं में भाग लेंगे। भारिया जनजाति का प्रमुख नृत्य भड़म है। इस नृत्य को कार्तिक पूर्णिमा से जून तक किया जाता है। शादी और भीम देवता की पूजा में इसे किया गया
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Mahakaleshwar: सोमवार को महाकालेश्वर की दूसरी सवारी में मनमहेश हाथी पर जाएंगे, जबकि चंद्रमौलेश्वर पालकी पर जाएंगे।
श्रावण में महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग संपूर्ण दर्शन । महाकाल की सवारी | कालभैरव | Mahakal Ki Sawari