Padma Shri: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मुरादाबाद के शिल्प गुरु बाबूराम यादव को पद्मश्री से सम्मानित किया। यह उनके परिवार में खुशी लाता है। पद्मश्री बाबूराम ने अपने जीवन के अनुभव बताए।
सोमवार को दिल्ली में मुरादाबाद के 74 वर्षीय शिल्प गुरु बाबूराम यादव को पद्मश्री से सम्मानित किया गया। मुरादाबाद में बनाई जाने वाली ब्रास प्लेट पर उनकी विशिष्ट नक्काशी के हुनर की वजह से बाबूराम को यह सम्मान दिया गया है। 25 जनवरी को, मुरादाबाद के बंगलागांव में रहने वाले बाबूराम यादव ने दिल्ली से फोन पर बताया कि इस सम्मान के लिए चयन की पहली सूचना मिली थी। कुछ दिन पहले उन्हें इस विषय में पत्र मिल गया था।
वह रविवार को परिवार के साथ दिल्ली चले गए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, विदेश मंत्री एस जयशंकर सहित कला, संस्कृति और खेल जगत की कई हस्तियां सोमवार को दिल्ली में हुए समारोह में मौजूद थे। बाबूराम यादव ने पीतल पर दस्तकारी की कला सीखना शुरू किया था, जिस आयु में आम बच्चे खेलकूद में समय बिताते हैं। 1962 से, बाबूराम ने कक्षा नौ में पढ़ाई की और नक्काशी करने लगे।
उस समय के प्रसिद्ध शिल्प गुरु अमर सिंह से काम करना सीखा। उन्हें पहले भी घरों और प्रतिष्ठानों की सजावट में उपयोग की जाने वाली मुरादाबाद की प्रसिद्ध ब्रास प्लेट पर उत्कृष्ट नक्काशी के लिए कई सम्मान मिल चुके हैं। 1985 में उनको राज्य पुरस्कार मिला था। 1992 में उसे नेशनल अवार्ड मिला। 2014 में पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी को शिल्प गुरु अवार्ड दिया गया था। इससे पहले मुरादाबाद के लेखक दिलशाद हुसैन ने भी पद्मश्री पुरस्कार जीता था।
पीतलनगरी के शिल्पगुरु बाबूराम यादव ने राष्ट्रपति भवन में पद्मश्री सम्मान प्राप्त करने के बाद कुछ इस तरह अपने अनुभव बताए। कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नाम लेकर पुकारा और हाथ मिलाया, उन्होंने कहा। तो मैं खुश नहीं था। उन्हें अपनापन महसूस हुआ जब उन्होंने हाथ पकड़कर हालचाल पूछा। प्रधानमंत्री ने सोचा कि मैं पहले से जानता था। बंगला गांव के शिल्पगुरु बाबूराम यादव ने बताया कि उन्हें दस दिन पहले पद्मश्री से सम्मानित किया जाएगा।
बाबूराम यादव ने बताया कि कार्यक्रम शुरू होने पर उनका नाम पुकारा गया था। मैं इस बीच प्रधानमंत्री का नाम लेकर बुलाया गया था, लेकिन मुझे यकीन नहीं था। नजदीक आते ही प्रधानमंत्री ने उठकर हाथ मिलाया। हालचाल पूछा तो अवार्ड खुश हो गया। सम्मान पत्र राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें प्रदान किया। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रात में डिनर का आयोजन किया।
जब केंद्रीय गृहमंत्री ने खाना खाते समय मेरी हाल चाल पूछा, तो मैंने सोचा कि मैंने जिंदगी में कुछ अच्छा काम किया है। जीवन अब सफल हो गया है। दिल्ली उनका वर्तमान स्थान है। वह मंगलवार शाम को अवार्ड के साथ अपने घर पहुंच जाएगा। बाबूराम के करीबी शिल्पगुरु चिरंजी लाल यादव और उनके पुत्र खूबलाल यादव ने कहा कि राष्ट्रपति से पद्मश्री सम्मान मिलने से पूरा परिवार खुश है।
Padma Shri: बाबूराम ने एक हजार से अधिक लोगों को कला की शिक्षा दी
शिल्पगुरु बाबूराम यादव ने बताया कि अभी तक उन्होंने एक हजार से अधिक लोगों को दस्तकारी की कला सिखाई है। इनमें दो सौ महिलाएं हैं। रोगियों और शारीरिक रूप से अक्षम व्यक्तियों को भी प्रशिक्षित किया गया है। प्रत्येक व्यक्ति अपने कार्यक्षेत्र में उत्कृष्ट काम कर रहा है। 1962 में, बाबूराम ने कक्षा नौ में पढ़ाई करने के बाद ब्रास पर नक्काशी करना सीखा। शहर के प्रसिद्ध शिल्प गुरु अमरसिंह ने उनको नक्काशी की कला सिखाई।
Padma Shri: बाबूराम को सम्मान देते हुए मिठाई बांटी
बंगला गांव के लोगों ने शिल्पगुरु बाबूराम यादव को पद्मश्री मिलने पर खुशी से मिठाइयां बांटी और उत्सव मनाया। बताया कि मुरादाबाद की कला आज पूरे देश में प्रसिद्ध है। शिल्पगुरु के पड़ोसी सोनू सुमन के नेतृत्व में रामू, अकरम, नीरज कुमार, रवि सैनी, प्रेम सैनी, शकील और अन्य लोग खुशी से झूम उठे।
Padma Shri: बहू को भी राज्य पुरस्कार मिला है
शिल्पगुरु बाबूराम के तीनों बेटे ब्रास पर नक्काशी का काम करते हैं। कुछ दिन पहले उनकी बहू शीतल यादव को राज्य पुरस्कार मिला था। बाबूराम ने अपने पूरे परिवार को प्रतिभाशाली बनाया है।
पुरस्कार मिलने से खुशी हुई
पद्मश्री दिलशाद हुसैन ने कहा कि बाबूराम यादव को अवार्ड मिलने से वे बहुत खुश हैं। एक शहर में दो विजेता होना गर्व की बात है। इससे आनेवाली पीढ़ी भी पीतल का काम करना चाहेगी।
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Padma Shri: प्रधानमंत्री मोदी ने नाम लेकर पुकारा, हाथ मिलाया, और गृहमंत्री अमित शाह ने घर पर भोजन दिया।
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