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Paris Olympics: विनेश फोगाट ने चुनौतियों से नहीं मानी हार, मां-ताऊ ने उड़ान भरी; पदक की प्रबल दावेदार

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Paris Olympics: विनेश की तैयारी बेहतर चल रही है, ससुर राजपाल राठी ने बताया। विनेश ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। उनका कहना था कि विनेश पिछले साल पहलवानों के धरने में डगमगा गया था।

खेल प्रेमियों को इस बार पदक की उम्मीद है क्योंकि पहलवान विनेश फोगाट ने तीसरी बार ओलंपिक खेलों में देश का प्रतिनिधित्व किया है। विनेश फोगाट का जीवन कठिन रहा है। विनेश ने बचपन में पिता राजपाल फोगाट के निधन से सदमा लगा, लेकिन मां प्रेमलता और ताऊ महाबीर फोगाट ने उसे उत्कृष्ट पहलवान बनाया। विनेश अब पेरिस में देश को पदक दिलाने के लिए कड़ी मेहनत कर रही हैं। मूलरूप से चरखी दादरी की निवासी विनेश की शादी 2018 में सोमवीर राठी से हुई थी, और वह फिलहाल सोनीपत के खरखौदा में अपने परिवार के साथ रहते हैं।

Paris Olympics: विनेश फोगाट महज नौ वर्ष की थी जब उनके पिता का साया उनके सिर से उठ गया, और मां प्रेमलता उनकी जिम्मेदारी उठाई। मां ने उन्हें हर हालात में खुद पर विश्वास करने की प्रेरणा दी। वहीं, ताऊ महाबीर फोगाट ने सुबह-शाम कड़ी मेहनत करके देश को ओलंपिक में प्रतिनिधित्व करने के योग्य बनाया।

Paris Olympics: विनेश बताती हैं कि उनके पति पहलवान सोमबीर राठी ने शादी के बाद मेरे हर निर्णय में मदद की है। वह हमेशा मेरे साथ रहता है और मेरे अभ्यास, भोजन और हर छोटी-छोटी बात का ध्यान रखता है, ताकि मैं खुश होकर अपने अभ्यास पर ध्यान दे सकूँ। उनका कहना था कि 53 से 50 किलो भारवर्ग में आना बहुत कठिन था, लेकिन मैंने मान लिया और पेरिस ओलंपिक में 50 किलो में देश को पदक दिलाने का पूरा प्रयास करूंगा।

विनेश की तैयारी बेहतर चल रही है, ससुर राजपाल राठी ने बताया। विनेश ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। उनका कहना था कि विनेश पिछले साल पहलवानों के धरने में डगमगा गया था। विनेश का मनोबल इतना गिर गया था कि वह पहलवानी छोड़ना चाहती थी, लेकिन वह हार नहीं मानते हुए फिर से तैयारी की और अब देश के लिए पेरिस ओलंपिक में पदक जीतने के लिए एक बड़ी दावेदार हैं। उसने विनेश को कुछ दिन पहले रक्षात्मक खेलने और अपने पैर बचाने की सलाह दी है। हमें विनेश के स्वर्ण पदक की उम्मीद है।

श्रीमती सरोज राठी ने बताया कि विनेश को उनके हाथ से बनाए गए अलसी के लड्डू बहुत अच्छे लगते हैं और वे वजन नहीं बढ़ाते। इसलिए विनेश को इस बार पेरिस ओलंपिक में अलसी के लड्डू बनाकर भेजा गया है। उनका कहना था कि विनेश की तैयारी बहुत अच्छी चल रही है। मुझे पूरा भरोसा है कि विनेश इस बार पेरिस ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतकर आएगी क्योंकि वह बहुत मेहनत की है। (बातचीत)

Paris Olympics: इसलिए विनेश एक प्रमुख दावेदार है

द्रोणाचार्य अवॉर्डी प्रशिक्षक ओम प्रकाश दहिया ने बताया कि विनेश का प्रदर्शन पिछले कुछ समय में काफी बेहतर रहा है। 50 किलो भार वर्ग में वह और भी बेहतर बन गई है। हाल ही में स्पेन में आयोजित ग्रैंड प्रिक्स में विनेश ने स्वर्ण पदक जीता था। रियो और टोक्यो की विनेश भी देश का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं। वह इस बार टोक्यो ओलंपिक के मुकाबले अधिक मजबूत और संयमी हो गई हैं।

विनेश अच्छी तरह से प्रदर्शन कर रहा है। 2018 के एशियाई खेल में विनेश ने स्वर्ण पदक जीता था, साथ ही 2014, 2018 और 2022 के राष्ट्रमंडल खेलों में भी स्वर्ण पदक जीता था। रियो ओलंपिक में वे क्वार्टर फाइनल में पहुंचीं। 2019 में विश्व कुश्ती प्रतियोगिता में कांस्य पदक, 2021 में एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता। अब उन्होंने अपनी तकनीक में नए दांव जोड़े हैं, जिससे वह ओलंपिक पदक की बड़ी दावेदार है।

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