VR News Live

Prabhat Jha: प्रभात झा, पत्रकार से भाजपा सांसद अध्यक्ष तक, कर्मभूमि छोड़ जन्मभूमि पर बिहार पहुंचा

Prabhat Jha:

Prabhat Jha:

Prabhat Jha: मध्य प्रदेश को कर्मभूमि बनाने वाले पत्रकार से राजनेता बनने वाले प्रभात झा का पार्थिव शरीर बिहार आ गया है। गुरुग्राम में निधन के बाद, बिहार के कई नेताओं ने वहां अपना अंतिम दर्शन किया। सीतामढ़ी के पैतृक गांव में अब जमावड़ा लगा हुआ है।

भाजपा के वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रभात झा का पार्थिव शरीर दरभंगा एयरपोर्ट पर एयर एंबुलेंस से पहुंचा है। उनकी पार्थिव शरीर वहां से सीतामढ़ी भेजी गई है। सीतामढ़ी में उनके पैतृक गांव कोरियाही में लोगों की भीड़ जुटी हुई है, जो उनके पार्थिव शरीर के आने का इंतजार कर रहे हैं। अधिक पुलिस बल भी तैनात किए गए हैं। भाजपा सहित विभिन्न दलों के नेता मौके पर पहुंच रहे हैं। उनके गांव में नेताओं का जमावड़ा है। दरभंगा में बहुत से भाजपा कार्यकर्ता अंतिम दर्शन को आए।

भाजपा के वरिष्ठ नेता प्रभात झा का पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव कोरियाही में जाएगा। परिवार यहीं अपना अंतिम संस्कार करेगा। पार्टी के वरिष्ठ नेता का अंतिम संस्कार बिहार में किया जा रहा है, और मध्य प्रदेश के सभी नेता सीतामढ़ी पहुंच रहे हैं। गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में 26 जुलाई को प्रभात झा ने अंतिम सांस ली। वह बिहार में रहते थे। उन्होंने बिहार से वापस आकर एक मीडिया संस्थान में रिपोर्टर की नौकरी से अपने करियर की शुरुआत की। वह अपने संघर्षशील और जुझारू व्यक्तित्व से करियर में शीर्ष पर पहुंचा।

Prabhat Jha: भाजपा के सदस्यों ने भावुक श्रद्धांजलि दी

भाजपा के पूर्व सांसद आर के सिन्हा और राष्ट्रीय मंत्री ऋतुराज सिन्हा ने गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में पूर्व सांसद प्रभात झा के पार्थिव शरीर और चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर भावभीनी श्रद्धांजलि दी। Prabhat Jha का निधन कल हुआ था, और आज उनके पार्थिव शरीर को बिहार के सीतामढ़ी में अंत्योष्टि के पूर्व मेदांता परिसर में श्रद्धांजलि दी गई। भाजपा के संगठन महामंत्री बीएल संतोष, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव, वरिष्ठ मंत्री कैलाश विजयवर्गीय और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ नेता सुरेश सोनी ने पार्थिव शरीर को नम आंखों से श्रद्धांजलि दी, पूर्व सांसद आरके सिन्हा ने बताया।

Prabhat Jha: बचपन में एक मित्र के साथ ग्वालियर आया था

ग्वालियर के जेसी मिल इलाके में बचपन में प्रभात झा अपने एक रिश्तेदार के साथ आए। वह वहां पहुंचते ही भाजपा और आरएसएस के लोगों से संपर्क करने लगा। वह जल्द ही जेसी मिल इलाके के नेता भाऊ साहब पोटनिस के साथ रहने लगे। भाजपा कार्यालय उनका स्थान था। ग्वालियर में प्रभात झा ने पीजीवी कॉलेज से बीएससी और माधव कॉलेज से राजनीति शास्त्र में डिग्री ली। उसके बाद वह एलएलबी कॉलेज में कानून की पढ़ाई करने गया। 1986 में उनकी शादी रंजना झा से बिहार में हुई।

वह विवाह करने के बाद एक किराए के घर में रहने लगे और घरेलू अखबार में पत्रकारिता करने लगे। उस समय मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी और भाजपा सत्ता में थी। कुशाभाऊ ठाकरे मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री थे और मीडिया में उनके लिए स्थान नहीं था। बाद में उन्होंने राज्य में एक मीडिया केंद्र बनाने की सलाह दी। भाजपा ने राज्य में मीडिया सेंटर बनाए और प्रभात झा को भोपाल का प्रभारी बनाया गया। 1993 से 2002 तक, झा ने मीडिया में काम किया और भाषण दिया।

Prabhat Jha: प्रभात झा इसलिए दिल्ली भेजा गया।

पुराने पत्रकार देवश्री माली ने बताया कि प्रभात झा को भोपाल से दिल्ली भेजा गया था, जबकि उमा भारती को दिल्ली से मध्य प्रदेश भेजा गया था। प्रभात झा की मीडिया और नेताओं के साथ अच्छी पकड़ इसका कारण बताया जाता है। झा 2003 से 2005 तक भाजपा के अखिल भारतीय साहित्य एवं प्रकाशन प्रभारी रहे। 2005 से कमल संदेश का संपादक था।

दिल्ली में भी अपने काम से पहचान बनाई

पार्टी ने प्रभात झा को दिल्ली में प्रकाशन का काम सौंपा। वे इस अवसर को अवसर में बदल गए। 2007 में, राजनाथ सिंह के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने पर उन्हें संगठन में राष्ट्रीय सचिव नियुक्त किया गया था। उन्हें एक साल बाद अप्रैल 2008 में राज्यसभा भेजा गया। अगस्त 2009 से संचार और सूचना प्रौद्योगिकी संबंधी स्थायी समिति में शामिल हो गया। प्रभात झा दोबारा राज्यसभा के लिए चुनाव जीतने के बाद मजबूत होकर मध्य प्रदेश लौटे। 8 मई 2010 को पार्टी ने उन्हें मध्य प्रदेश भाजपा का प्रदेश अध्यक्ष बनाया। दिसंबर 2012 तक वह राज्य अध्यक्ष रहे। 2015 में वे भाजपा का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बने।

Prabhat Jha: प्रभात झा, पत्रकार से भाजपा सांसद अध्यक्ष तक, कर्मभूमि छोड़ जन्मभूमि पर बिहार पहुंचा


BJP के वरिष्ठ नेता Prabhat Jha का निधन, जानिए पत्रकार से सांसद बनने तक का सफर

Exit mobile version