Red Alert: राजस्थान के दौसा जिले में भारी बारिश ने मोरल बांध का निर्माण कर दिया है। खतरे के कारण कोटा रेल मंडल ने 24 घंटे की निगरानी शुरू की है और रेड अलर्ट जारी किया है। 32 फीट के बांध की भराव क्षमता लगभग पूरी हो गई है। 1981 में पहले भी यह बांध टूट गया था, जिससे रेलवे को बहुत नुकसान हुआ था।
प्रदेश में लगातार हो रही बारिश अब पूरी तरह से खराब हो चुकी है। जब लगातार बारिश हुई तो जिले का मोरल बांध टूट गया। तीन से चार इंच की चादर बांध पर चल रही है। कोटा रेल मंडल के सवाई माधोपुर के पास नारायणपुर टटवाड़ा और मलारना स्टेशनों के बीच रेलवे ट्रैक पर खतरा पैदा हो गया है क्योंकि बांध छलक गया है। इसके परिणामस्वरूप कोटा मंडल रेल प्रशासन ने रेड अलर्ट घोषित किया है।
Red Alert: 24 घंटे की निगरानी
रेलवे ने खतरे को देखते हुए 24 घंटे की निगरानी शुरू की है। यहां पर निरंतर गश्त होती रहती है। रेलवे अधिकारी स्थिति पर निरंतर निगरानी रखते हैं। बुधवार को भी अधिकारी मौके पर पहुंचे और हालात की जांच की। अधिकारियों ने बताया कि अभी कोई खतरा नहीं है। ऐतिहासिक दृष्टि रखी जा रही है। लेकिन बांध गिरने पर रेलवे ट्रैक को बहुत नुकसान हो सकता है।
Red Alert: यदि बांध टूट जाए तो आसपास के कई गांवों में बाढ़ आने का खतरा है
1952 में निर्मित मोरेल बांध एशिया का सबसे बड़ा मिट्टी का बांध है। इसमें 32 फिट भर सकते हैं। 31 फीट पानी इसमें है। और पानी निरंतर बढ़ता जा रहा है। Kanota Dem खतरे के निशान पर चल रहा है। चाकसू डेम गिर गया है। यदि कानोता डेम भी टूट जाएगा, तो सारा पानी मोरल बांध में जाएगा। इससे बांध भी टूट सकता है।