Shivraj Singh: 11 अगस्त को मध्य प्रदेश सरकार ने छात्राओं को सैनेटरी पैड खरीदने के लिए धन दिया। एमपी देश में अकेला राज्य है जिसने ऐसा किया है। यूनिसेफ ने मोहन यादव की योजना की प्रशंसा की है। यह योजना पूरी दुनिया में चर्चा में है।’
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को यूएन का एक संगठन सम्मानित करता है। UNICEF इस संस्था का नाम है। भारत सहित दुनिया के 190 देशों में यह संगठन बाल हितों के लिए काम करता है। अब चर्चा हो रही है कि आखिरकार यूएन को सीएम डॉ. मोहन यादव की तारीफ क्यों करनी पड़ी। इसकी मुख्य वजह यह है कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कुछ ऐसा किया है जो भारत सहित दुनिया के कई देशों ने नहीं किया है।
वास्तव में, सीएम डॉ. मोहन यादव ने मध्य प्रदेश की बेटियों को स्वस्थ और सुरक्षित जीवनशैली के लिए प्रेरित करते हुए सैनेटरी पैड खरीदने पर धन देने की योजना शुरू की है।
भारत के किसी भी राज्य या केंद्र सरकार ने ऐसी कोई योजना नहीं की है। यही कारण है कि डॉ. मोहन यादव की सैनेटरी पैड के लिए वित्तीय मदद की योजना पूरी दुनिया में चर्चा का विषय बन गई है। यूनिसेफ भी बच्चियों के सुरक्षित स्वास्थ्य को सुनिश्चित करने के लिए कई कार्यक्रमों को लागू करता है। यूनिसेफ ने इसलिए मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री की सराहना की है। यूनिसेफ ने योजना की प्रशंसा करते हुए अपने सोशल मीडिया हैंडल पर एक कैरीकेचर पोस्ट किया है।
Shivraj Singh: योजना बहुत बदल जाएगी
यूनिसेफ मध्य प्रदेश के संचार विशेषज्ञ अनिल गुलाटी ने नवभारत टाइम्स डॉट कॉम से चर्चा में कहा कि यूनिसेफ ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की सराहना की है और यह योजना निश्चित रूप से बड़ा बदलाव लाएगी।
इस योजना की क्या विशेषता है?
11 अगस्त को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने विद्यार्थियों को सैनेटरी पेड खरीदने के लिए धन खातों में भेजा है। विद्यार्थियों के खाते में 300 से 300 रुपये दिए गए हैं। मुख्यमंत्री ने एक बार में 19 लाख 6 हजार 137 छात्राओं के खातों में 57 करोड़ 18 लाख 41 हजार 100 रुपये भेजे हैं।
Shivraj Singh: सुप्रीम कोर्ट ने हस्तक्षेप किया था
10 अप्रैल 2023 में, एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सभी स्कूलों और कॉलेजों को नैपकिन, या सैनिटरी पैड, मुफ्त में देने का आदेश दिया। शीर्ष न्यायालय ने कहा कि सभी राज्यों को पीरियड्स के दौरान स्वच्छता के बारे में अपनी योजनाओं की घोषणा करनी चाहिए। केंद्र सरकार ने फिर कहा कि राष्ट्रीय नीति छात्राओं को मुफ्त सैनिटरी पैड देने के लिए बनाई गई है। आज तक ऐसी कोई योजना सामने नहीं आई है। याद रखें कि 2019 में संस्था दसरा द्वारा दी गई एक रिपोर्ट के अनुसार, हर साल 2.3 करोड़ लड़कियां माहवारी के दौरान स्वच्छता के लिए आवश्यक सुविधाओं के अभाव में चलते स्कूल छोड़ देती हैं।
Shivraj Singh: शिवराज ने घोषणा की, लेकिन योजना नहीं शुरू हुई
6 जून 2015 को मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सैनेटरी नैपकिन मुफ्त में देने का ऐलान किया था। लेकिन तब यह योजना लागू नहीं हुई। योजना को मोहन यादव ने अपने आठ महीने के कार्यकाल में ही लागू किया था।
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Shivraj Singh: यूनिसेफ ने मोहन यादव की योजना की जमकर प्रशंसा की, लेकिन शिवराज सिंह चौहान ने सिर्फ घोषणा की
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