Slaughtering: मीट फैक्टरी प्रबंधन ने सोशल मीडिया पर वायरल रिश्वत की सूची को सिरे से खारिज कर दिया है। फैक्टरी प्रबंधन का कहना है कि इस तरह का पत्र पूरी तरह फर्जी है किसी ने बनाया है।
बरेली में एक पत्र ने सोशल मीडिया पर धूम मचा दी है। इसमें मीट फैक्टरी प्रबंधन से दूरदराज के जिलों में पदस्थ अधिकारियों तक धन और उपहार भेजे जाते हैं। आयकर विभाग ने ऐसा कोई पत्र प्राप्त करने से इनकार कर दिया है। वहीं, फैक्टरी प्रबंधन ने संबंधितों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की घोषणा की है।
सोशल मीडिया पर वायरल पत्र में दो अलग-अलग स्थिति बताई गई हैं। दो पेजों के पत्र का एक हिस्सा प्रश्नों और उत्तरों से भरा हुआ है। इसमें आय सहित कई प्रश्न पूछे गए हैं। प्रबंधन ने संतुलित उत्तर दिया है। डाटा शीट का दूसरा भाग है। उसमें बताया गया है कि बहराइच, लखीमपुर खीरी और अन्य जिलों के कई विभागों के अधिकारियों को विभिन्न प्रकार की रिश्वत दी गई है।
600 पशुओं के कटान के लिए रिश्वत को अधिकारी के ड्राइवर या दरोगा ने भेजा है, इसका नाम और पद खाने में दर्ज हैं। डाटा शीट में होटलों और शराब के खर्चों का विवरण भी है। दिसंबर 2020 में दस हजार से 50,000 रुपये तक की राशि दी गई है, लिखा है। एक महीने में 2,68,694 रुपये देने का उल्लेख है।
Slaughtering: साथ ही प्रशासनिक अधिकारी को धन देने का जिक्र
यह भी कहा गया है कि बरेली में पूर्व में तैनात रहे एक प्रशासनिक अधिकारी को पैसे दिए गए हैं। यद्यपि, इस डाटा में दर्ज समय उनकी वास्तविक तैनाती से मेल नहीं खा रहा है। बाद में उनके स्थान पर अन्य अधिकारी नियुक्त किए गए। आयक विभाग के अधिकारियों ने फैक्टरी से किसी भी तरह की सूची मांगने या मिलने से इनकार कर दिया है। वहीं, सीओ प्रथम पंकज श्रीवास्तव ने भी सूचना को नहीं माना।
Slaughtering: प्रबंधन ने आरोपों को खारिज कर दिया
संबंधित फैक्टरी के प्रबंधक ने कहा कि कुछ लोगों ने फर्जी शिकायतें कीं। फैक्टरी में काम शुरू होने की उम्मीद है और जांच में आरोपों को खारिज कर दिया गया है। ऐसे में किसी ने ऐसा फर्जी पत्र बनाकर डाला है। ऐसा करने वालों की जानकारी प्रबंधन जुटा रहा है। उनके खिलाफ कानून लागू होगा।
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Slaughtering: 600 पशु कटान के लिए अधिकारियों को जा रहे पैसे और उपहार की सूची, सोशल मीडिया पर वायरल
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