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7 आसान और यूनिक रंगोली डिज़ाइन जो बच्चे भी बना सकते हैं | 7 Easy & Unique Rangoli Designs for Kids
7 आसान और यूनिक रंगोली डिज़ाइन जो बच्चे भी बना सकते हैं | 7 Easy & Unique Rangoli Designs for Kids
दीवाली या किसी भी त्योहार पर बच्चों के लिए ये 7 आसान और यूनिक रंगोली डिज़ाइन बनाना बेहद मजेदार है। जानिए कैसे घर पर बच्चों को रंगोली बनाना सिखाएं — सरल स्टेप्स और रंगीन आइडियाज के साथ!
7 आसान और यूनिक रंगोली डिज़ाइन जो बच्चे भी बना सकते हैं
7 Easy & Unique Rangoli Designs for Kids
दीवाली, ओणम या कोई भी फेस्टिवल हो, रंगोली हर घर की शोभा बढ़ाती है। लेकिन जब बच्चे इसमें हिस्सा लेते हैं, तो रंगोली सिर्फ सजावट नहीं बल्कि एक fun art activity बन जाती है। यहाँ हम लाए हैं 7 ऐसे आसान और यूनिक रंगोली डिज़ाइन्स, जो बच्चे बहुत आसानी से बना सकते हैं और अपने क्रिएटिविटी का जादू दिखा सकते हैं।

रंगों से खेलो, खुशियों से सजाओ – बच्चों के लिए 7 आसान रंगोली आइडियाज! 1. डॉट वाली रंगोली (Dot Rangoli Design) 7 Easy & Unique Rangoli Designs for Kids

यह डिज़ाइन बच्चों के लिए सबसे आसान होती है। बस फर्श पर सफेद चॉक या पाउडर से छोटे-छोटे डॉट्स लगाएं और फिर उन्हें जोड़कर फूल या ज्योमेट्रिक शेप्स बनाएं।
Tip: 5×5 या 6×6 डॉट्स से शुरुआत करें, फिर रंगों से भरें।
2. तितली रंगोली (Butterfly Rangoli)

7 Easy & Unique Rangoli Designs for Kids तितलियाँ बच्चों की पसंदीदा होती हैं। रंग-बिरंगी पंखों वाली यह रंगोली उन्हें खूब भाती है।
Idea: पंखों में नीला, गुलाबी और पीला रंग भरें और बीच में सफेद बॉर्डर दें।
यह डिज़ाइन घर की बालकनी या दरवाजे के पास बहुत प्यारी लगती है।
3. फूल रंगोली (Flower Rangoli Design)

यह सबसे क्लासिक और सुंदर डिज़ाइन है। बच्चे इसे फूल की पंखुड़ियों, रंगीन पाउडर या पेपर कटिंग से भी बना सकते हैं।
Pro Tip: गोलाकार पैटर्न में पंखुड़ियाँ बनाएं और बीच में एक बिंदु लगाएं।
4. दीया रंगोली (Diya Shape Rangoli)

7 Easy & Unique Rangoli Designs for Kids दीवाली पर दीया थीम वाली रंगोली सबसे परफेक्ट है। बच्चे दीये का आकार बना सकते हैं और उसमें पीले-नारंगी रंग भर सकते हैं।
Extra Touch: दीये की लौ में ग्लिटर डालें, ताकि वह चमके!
5. पंजों वाली रंगोली (Paw Rangoli for Kids)

बच्चे अपने हाथों या पैरों के पंजे से रंगोली बना सकते हैं — यह बहुत मजेदार और क्रिएटिव एक्टिविटी है।
Steps: अपने हाथ या पैर को रंग में डुबोएं और फर्श पर छाप बनाएं। फिर बॉर्डर खींचें और सजाएं।
6. रेनबो रंगोली (Rainbow Rangoli)

सात रंगों का सुंदर मेल — ये डिज़ाइन बच्चों की कल्पना को उड़ान देती है।
Steps: आर्क शेप में सात रंगों की लाइन्स बनाएं और हर लेयर को अलग-अलग रंग से भरें।
इसे बच्चों की क्रिएटिविटी कॉम्पिटिशन में जरूर आजमाएं।
7. कमल रंगोली (Lotus Rangoli Design)

कमल का फूल शुभता और पवित्रता का प्रतीक है। बच्चे इसे आसानी से ड्रॉ कर सकते हैं।
Tip: बीच में हल्का गुलाबी, बाहर की पंखुड़ियों में गाढ़ा गुलाबी या लाल रंग भरें।
इस डिज़ाइन में बच्चे रंगों का कॉम्बिनेशन सीख सकते हैं।
बच्चों को रंगोली बनाते समय ये बातें सिखाएं:
- पहले ड्रॉ करें, फिर रंग भरें – इससे डिज़ाइन बिगड़ता नहीं।
- कॉर्नफ्लोर या नमक मिलाकर कलर यूज़ करें – रंग अच्छे फैलते हैं।
- सरल आकार से शुरुआत करें – जैसे सर्कल, त्रिकोण, या दिल।
- रंगों के बाद ग्लिटर से फिनिशिंग दें – यह आकर्षक बनाता है।
रंगोली बच्चों के लिए न केवल एक कला है बल्कि रंगों की दुनिया में प्रवेश करने का पहला कदम भी है। इन 7 आसान और यूनिक रंगोली डिज़ाइन्स से वे घर को सजाने के साथ अपनी कल्पनाशक्ति भी बढ़ा सकते हैं।
तो इस दीवाली, बच्चों को रंगों से खेलने दें और हर कोना रंगीन बना दें!
Diwali 2025: शुभ मुहूर्त, इतिहास और त्योहार की खूबसूरत कहानी
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Jupiter Transit in Cancer 2025: सभी 12 राशियों पर प्रभाव व कारगर उपाय
Jupiter Transit in Cancer 2025: सभी 12 राशियों पर प्रभाव व कारगर उपाय
Jupiter Transit in Cancer 2025: जानें Jupiter Transit in Cancer 2025 का हर राशि पर क्या प्रभाव होगा और कैसे आप उपाय कर सकते हैं। इस गोचर से धन, संबंध, स्वास्थ्य व करियर पर कैसे असर पड़ेगा, पूरी जानकारी।
2025 में बृहस्पति (Jupiter) कर्क राशि में गोचर करेगा — जो कि इस ग्रह के लिए एक उत्तम स्थिति मानी जाती है क्योंकि कर्क राशि में बृहस्पति को बैठने (exaltation / लाभप्रद स्थिति) की मान्यता है। यह गोचर 9 जून 2025 को प्रारंभ होगा और 30 जून 2026 तक रहेगा।
बृहस्पति कर्क में प्रवेश करेगा 18 अक्तूबर से 5 दिसम्बर तक रहेगा। जब बृहस्पति कर्क में प्रवेश करता है, तो हमारी भावनात्मक क्षमता, परिवार-कुटुंब, गृह जीवन, सुरक्षा एवं अंतर्निहित आधारों (foundations) पर अधिक प्रकाश डाला जाता है। यह समय है नर्सिंग, संवेदनशीलता, देखभाल और आंतरिक समृद्धि को बढ़ाने का।

Jupiter Transit in Cancer 2025 आइए देखें 12 राशियों पर इसके संभावित प्रभाव और साथ में कुछ आसान उपाय:
मेष (Aries) Jupiter Transit in Cancer 2025

प्रभाव: घरेलू मोर्चे पर बदलाव हो सकता है — घर, वातावरण, भावनात्मक संबंधों में सुधार।
उपाय: अपने घर को सकारात्मक ऊर्जा से भरें, वोल्ट को साफ रखें, स्त्रियों का सम्मान करें।वृषभ (Taurus)

प्रभाव: सामाजिक जीवन और पड़ोस-सम्बंधों में वृद्धि, छोटी यात्राएँ, नए संबंध।
उपाय: सविधान व व्यवहार में सादगी रखें, मेलजोल बढ़ाएँ, दान व सेवा करें।मिथुन (Gemini)

प्रभाव: धन, आय और संपत्ति मामलों में लाभ के अवसर।
उपाय: बजट बनाएँ, निवेश समझदारी से करें, खर्च पर नियंत्रण रखें।कर्क (Cancer) Jupiter Transit in Cancer 2025

प्रभाव: यह आपके लिए “जुपिटर रिटर्न” जैसा रहेगा — वृद्धि, अवसर, शुभता बढ़ेगी।
उपाय: आत्मविश्वास बढ़ाएँ, नया शुरुआत करें, परिवार पर ध्यान दें।सिंह (Leo)

प्रभाव: स्वयं-विश्वास, लोक-प्रतिष्ठा और क्रिएटिव प्रोजेक्ट्स को बढ़त मिलेगी।
उपाय: अपनी रचनात्मकता को व्यक्त करें, दान करें और खुद को प्रशंसा दें।कन्या (Virgo)

प्रभाव: करियर और सामाजिक प्रतिष्ठा में सुधार, मान-सम्मान बढ़ सकता है।
उपाय: कार्यों में ईमानदारी रखें, जिम्मेदारियों को संभालें, गुरु या बड़ों का आशीर्वाद लें।तुला (Libra)

प्रभाव: यात्रा, उच्च शिक्षा, धर्म-आध्यात्मिक गतिविधियाँ और अद्यात्मिक विकास बढ़ेंगे।
उपाय: सही ज्ञान लें, नियमित अध्ययन करें, आध्यात्मिक साधना करें।वृश्चिक (Scorpio)

प्रभाव: साझेदारी, व्यवसाय, साझे संसाधन में सुधार संभव है।
उपाय: पारदर्शिता रखें, ऋणों से बचें, साझेदारों के साथ सामंजस्य बनाएं।धनु (Sagittarius)

प्रभाव: स्वास्थ्य, दैनिक जीवन, जीवनशैली में सुधार हो सकता है।
उपाय: नियमित व्यायाम करें, आहार संतुलित रखें, कार्य-संतुलन बनाएँ।मकर (Capricorn)

प्रभाव: आश्रितों, वंश, संपत्ति मामलों में लाभ, और पारिवारिक सौहार्द बढ़ेगा।
उपाय: पुरानी संपत्तियों की देखभाल करें, परिवार-समर्थन बढ़ाएँ।कुंभ (Aquarius)

प्रभाव: रहस्य, अंतर्मन, दूरस्थ क्षेत्रों और आध्यात्मिक मामलों में झुकाव बढ़ेगा।
उपाय: ध्यान, साधना करें, मन को शुद्ध रखें, नए रास्ते तलाशें।मीन (Pisces)

प्रभाव: संचार, लेखन, सक्षमता, संपर्क क्षेत्र में नया उत्साह।
उपाय: सकारात्मक संवाद करें, पाठ-लेखन करें, नए नेटवर्क बनाएं।उपाय & रेमेडीज़ (Remedies)
- गुरु मंत्र जाप — “ॐ ग्रां गृीं ग्रौं सः गुरवे नमः”
- पीला व हल्दी से जुड़ी चीजों का दान — जैसे पीली वस्त्र, हल्दी, गुड़
- गृह पूजा / गौ माता की सेवा
- दान — जरूरतमंदों को भोजन या वस्त्र दान करें
- सप्ताह में एक दिन दूध, दही, चावल दान करना
- अपने पितरों को तर्पण देना
- रविवार या गुरुवार को नियमित व्रत या ध्यान
Jupiter Transit in Cancer 2025 वर्ष हमारे भावनात्मक, पारिवारिक और आंतरिक आधारों को सुदृढ़ करने का मौका दे रहा है। यह समय है अपनी जड़ों से जुड़ने, घर को सजाने, संबंधों को पालने और अपनी अंतरात्मा से संवाद करने का। यदि हम सही उपाय करें और सकारात्मक सोच रखें, तो यह गोचर हमारे लिए समृद्धि और संवेदनशील विकास का वरदान बन सकता है।
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Festive Detox Diwali से पहले अपने शरीर को ‘वायरस-प्रूफ’ बनाएं: पसंदीदा मिठाई खाने से पहले अपनाएं ये हेल्दी टिप्स, और जानें त्योहार के बाद शरीर को कैसे करें रीसेट
Festive Detox Diwali से पहले अपने शरीर को ‘वायरस-प्रूफ’ बनाएं: पसंदीदा मिठाई खाने से पहले अपनाएं ये हेल्दी टिप्स, और जानें त्योहार के बाद शरीर को कैसे करें रीसेट
Festive Detox Diwali दिवाली रोशनी, मिठास और खुशी का पर्व है — लेकिन साथ ही यह वो वक्त भी है जब हमारी डाइट, नींद और इम्यूनिटी सब गड़बड़ा जाती है। फरसाण, लड्डू, जलेबी, चकली, नमकीन और ढेर सारी मिठाइयाँ… सब देखकर खुद को रोकना मुश्किल होता है।
पर क्या आप जानते हैं कि कुछ आसान बदलावों से आप इस दिवाली अपने शरीर को ‘वायरस-प्रूफ’ बना सकते हैं — ताकि त्योहार की रौनक के साथ आपकी हेल्थ भी बनी रहे?1. दीवाली से पहले इम्युनिटी बूस्ट प्लान
त्योहार शुरू होने से 10 दिन पहले अपने डेली रूटीन में कुछ नेचुरल इम्युनिटी बूस्टर शामिल करें:
- नींबू, आंवला, तुलसी और अदरक की चाय — रोज सुबह खाली पेट लें। हल्दी-दूध या गोल्डन मिल्क रात में सोने से पहले लें। 10 मिनट सूर्यप्रकाश में रहें — Vitamin D natural immunity enhancer है। नियमित नींद लें (कम से कम 7 घंटे), ताकि शरीर की नैचुरल डिफेंस सिस्टम एक्टिव रहे।
2. दिवाली पर मिठाई और फरसाण का स्मार्ट तरीका
मिठाई छोड़ने की जरूरत नहीं, बस थोड़ी समझदारी अपनाएं:
- घर की बनी मिठाइयाँ या गुड़, नारियल, सूखे मेवे वाली मिठाई चुनें। तले हुए स्नैक्स की जगह बेक या एयर-फ्राई फरसाण लें। शुगर-फ्री या पाम गुड़ मिठाई आजकल बढ़िया विकल्प हैं। साथ में गुनगुना पानी या ग्रीन टी लें, ताकि शुगर जल्दी डाइजेस्ट हो सके। खाने के तुरंत बाद लेटने या मीठा ओवरईट करने से बचें।
3. त्यौहार के दौरान सक्रिय रहें Festive Detox Diwali
दिवाली की सफाई खुद करना एक नेचुरल वर्कआउट है! झाड़ू-पोछा, सजावट, रूम अरेंज करना — यह सब कार्डियो की तरह कैलोरी बर्न करता है। अगर आप एक्सरसाइज नहीं कर पा रहे, तो कम से कम रोज़ 20-30 मिनट की मॉर्निंग वॉक ज़रूर करें।

Festive Detox Diwali 4. दीवाली के बाद डीटॉस्क और रिसेट योजना Festive Detox Diwali
त्योहार खत्म होते ही शरीर को रीसेट करना जरूरी है।
यहाँ एक आसान 3-Day Detox Plan है:Day 1:
सिर्फ हल्का खिचड़ी, सूप और नारियल पानी लें।
ग्रीन टी या नींबू पानी से दिन की शुरुआत करें।Day 2:
मौसमी फल, स्टीम्ड सब्जियाँ और हल्का दलिया लें।
शाम को हल्की वॉक करें।Day 3:
छाछ, सलाद और ओट्स लें।
एक दिन में कम से कम 2.5 लीटर पानी पिएँ।इस दौरान चाय-कॉफी और तली-भुनी चीजों से बचें।
5. मानसिक रिसेट भी जरूरी है
त्योहार की भागदौड़ में शरीर ही नहीं, मन भी थकता है। थोड़ा समय अपने लिए निकालें — मेडिटेशन करें, रिलैक्सिंग म्यूजिक सुनें या किताब पढ़ें। Healthy mind = healthy body!
दिवाली सिर्फ बाहर के दीप जलाने का नहीं, बल्कि अपने भीतर रोशनी जगाने का भी मौका है। थोड़ी सावधानी, थोड़ी जागरूकता और थोड़ी हंसी-मजाक के साथ अगर आप इस त्योहार को मनाएँगे — तो मिठाई भी खाएँगे, और फिट भी रहेंगे!
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Diwali 2025: कैसे शुरू हुई दिवाली मनाने की परंपरा? जानें त्रेतायुग और सतयुग से जुड़ी पौराणिक कथा
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Diwali 2025: शुभ मुहूर्त, इतिहास और त्योहार की खूबसूरत कहानी
Diwali 2025: शुभ मुहूर्त, इतिहास और त्योहार की खूबसूरत कहानी
Diwali 2025 के लिए प्रमुख शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, दिनांक और त्योहार की दिलछूने वाली कहानी — जानिए कैसे मनाएँ दीपावली इस बार विशेष अंदाज में।
शुभ दीपावली!
दिवाली — प्रकाश का त्योहार, अंधकार पर विजय का प्रतीक — हर साल हमारे जीवन में नई उम्मीदों की किरण लाता है। Diwali 2025 इस दृष्टि से विशेष है, क्योंकि इस वर्ष कार्तिक अमावस्या की तिथि और प्रदोष-निशीथ योग का संयोग 20 अक्टूबर की रात को बन रहा है। ज्योतिषाचार्यों की मान्यता है कि मां लक्ष्मी की पूजा और दीपदान इसी संयोग में करना सबसे अधिक फलदायी माना जाता है।
Diwali 2025 तिथियाँ और शुभ मुहूर्त
- अमावस्या तिथि: 20 अक्टूबर 2025 दोपहर 3:44 बजे से शुरू होकर 21 अक्टूबर शाम 5:54 बजे तक रहेगी।
- इस कारण, दीपावली 20 अक्टूबर की रात को मनाना श्रेष्ठ माना जा रहा है।
- लक्ष्मी पूजा मुहूर्त (अनुमान): शाम 7:23 बजे से 8:27 बजे तक।
- प्रदोषकाल का समय, अमावस्या तिथि में होने के कारण, पूजा के लिए विशेष वरदान माना जाता है।
- धनतेरस: 18 अक्टूबर को — इस दिन धन, सोना-चांदी, घरेलू सामान आदि खरीदने और पूजा करने का विशेष महत्त्व है।

Diwali 2025 त्योहार की शुरुआत
दीवाली का उत्सव धनतेरस से आरंभ होता है — इस दिन देवी लक्ष्मी, भगवान कुबेर व धन्वंतरि की पूजा होती है। उसके अगले दिन नरक चतुर्दशी (छोटी दिवाली) मनाई जाती है। अंत में मुख्य दिन — दीपावली — जब लोग अपने घरों को दीपों और रंगोली से सजाते हैं, मिठाइयाँ बाँटते हैं, पटाखे जलाते हैं और रात के समय मां लक्ष्मी का पूजन करते हैं।
ज्योतिषी चेतन पटेल द्वारा दिवाली 2025 के शुभ मुहूर्त (Diwali 2025 Shubh Muhurat Chart)
पर्व / त्यौहार तिथि (2025) दिन पूजन / महत्व शुभ मुहूर्त (समय) धनतेरस 18 अक्टूबर शनिवार लक्ष्मी पूजा, कुबेर पूजा, धन्वंतरि पूजा सुबह 8:05 – 9:32 (शुभ)
शाम 6:10 – 7:44 (लाभ)
रात 9:17 – 10:51 (शुभ)
रात 10:51 – 12:25 (अमृत)काली चौदस (नरक चतुर्दशी) 19 अक्टूबर रविवार हनुमान पूजा, काली पूजा, अन्य देवताओं की पूजा सुबह 8:05 – 12:34 (चल, लाभ, अमृत)
शाम 6:09 – 10:51 (शुभ, अमृत, चल)दीवाली (लक्ष्मी पूजा) 20 अक्टूबर सोमवार सरस्वती पूजा, लक्ष्मी पूजा, चोपड़ा पूजन सुबह 9:32 – 10:58 (शुभ)
शाम 4:42 – 7:43 (अमृत, चल)
रात 10:50 – 12:24 (लाभ)गोवर्धन पूजा (नया वर्ष / बेस्टु वर्ष) 22 अक्टूबर बुधवार गोवर्धन पूजा, पहली खोलवाण का मुहूर्त सुबह 6:41 – 8:06 (लाभ)
सुबह 10:58 – 12:24 (शुभ)भाई दूज 23 अक्टूबर गुरुवार भाई-बहन का प्रेम पर्व — लाभ पांचम 26 अक्टूबर रविवार व्यापार आरंभ व शुभ कार्य का दिन सुबह 8:08 – 12:25 (चल, लाभ, अमृत) पूजा विधि और रस्में
रात्रि में पूजा स्थान को स्वच्छ कर लें, लाल या पीला वस्त्र बिछाएँ, गणेश-लक्ष्मी मूर्ति स्थापित करें। हल्दी, कुमकुम, चावल, फूल, नैवेद्य आदि चढ़ाएँ। दीप जलाएँ और आरती करें। पूजन के बाद प्रसाद वितरित करें।
इस दिन स्थिर लग्न (जैसे वृषभ, सिंह, कुंभ आदि) में पूजा करने का विधान है। खासकर उस समय जब अमावस्या + प्रदोष योग हो — यही वो समय है जब शुभ फल प्राप्ति होती है।
दिल को छू लेने वाला त्योहार
मेरा बचपन याद आता है — मैं और मेरी बहन रंगोली बनातीं, घर की जाली खिड़कियाँ खोलकर हवा आने देती थीं, माता हमारे लिए नए कपड़े लाती थीं। जैसे ही शाम होती, हम दीपक लेकर घर-आँगन में चलते और गिनती करते — “एक, दो, तीन …” — हर कोने में उजाला फैलता। उस उजाले में, माँ की मुस्कान और पिता की आँखों में संतुष्टि — यही सबसे प्यारा दृश्य था।
Diwali 2025 भी वैसा ही होगा — घर-घर दीपों की रौशनी, मिठाइयों की मिठास, रिश्तों की गर्माहट। इस बार, समय का संयोग हमें यही सिखाता है कि उजाले को फैलाएँ, अज्ञान को मिटाएँ, और ज्ञान व समृद्धि की ओर कदम बढ़ाएँ।
Diwali 2025 एक ऐसा अवसर है जब हम अंधकार से प्रकाश की ओर यात्रा करें। 20 अक्टूबर की रात को शुभ मुहूर्त में पूजा करें, दीप जलाएँ, नौ रूपी खुशियाँ बाँटें और इस वर्ष को रौशनी से भर दें।
शुभ दीपावली!
Diwali 2025: कैसे शुरू हुई दिवाली मनाने की परंपरा? जानें त्रेतायुग और सतयुग से जुड़ी पौराणिक कथा
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Diwali 2025: कैसे शुरू हुई दिवाली मनाने की परंपरा? जानें त्रेतायुग और सतयुग से जुड़ी पौराणिक कथा
Diwali 2025: कैसे शुरू हुई दिवाली मनाने की परंपरा? जानें त्रेतायुग और सतयुग से जुड़ी पौराणिक कथा
Diwali 2025 पर जानें दिवाली मनाने की पौराणिक परंपरा का इतिहास। त्रेतायुग और सतयुग से जुड़ी कथाओं के अनुसार यह पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत और समृद्धि का प्रतीक है।
Diwali 2025: दिवाली की शुरुआत और पौराणिक कथा
दिवाली, जिसे दीपावली भी कहा जाता है, केवल रोशनी का पर्व नहीं बल्कि धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक महत्त्व वाला त्योहार है। हिंदू धर्मग्रंथों के अनुसार, दिवाली मनाने की परंपरा सतयुग और त्रेतायुग से जुड़ी है। यह पर्व अच्छाई की विजय और अंधकार पर प्रकाश की जीत का प्रतीक माना जाता है।

Diwali 2025 Diwali 2025: त्रेतायुग और रामायण से जुड़ी कथा
त्रेतायुग में भगवान श्रीरामचंद्रजी का अयोध्या लौटना दिवाली पर्व की मुख्य कथा मानी जाती है।
- कथा के अनुसार: भगवान राम ने 14 वर्षों का वनवास और रावण का वध कर अयोध्या लौटने के बाद पूरे नगर को दीपों से जगमगाया। अयोध्यावासियों ने उनके स्वागत में दीप जलाए और खुशी का उत्सव मनाया। यही घटना आज भी दिवाली पर दीपक जलाने और घरों को सजाने की परंपरा का मूल आधार है।
इस कथा में यह संदेश छिपा है कि अच्छाई हमेशा बुराई पर विजयी होती है।
सतयुग और लक्ष्मी पूजा की परंपरा
सतयुग में दिवाली को धन, समृद्धि और सुख-शांति के लिए लक्ष्मी पूजन के रूप में मनाया जाता था।
- मान्यता है कि महा लक्ष्मी इस दिन पृथ्वी पर वास करती हैं, इसलिए इस दिन घर में साफ-सफाई, दीपक और रंगोली के माध्यम से उनका स्वागत किया जाता है। व्यापारी वर्ग में इस दिन नए खाता-बही की शुरुआत (मुखलिखनी या दीपावली खाता) का भी प्रचलन है। लक्ष्मी पूजन से न केवल धन और वैभव की प्राप्ति होती है, बल्कि परिवार में सुख, सौहार्द और खुशहाली भी बनी रहती है।
दिवाली मनाने की परंपरा
आज की दिवाली केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं बल्कि सांस्कृतिक और सामाजिक पर्व बन गई है।
- दीपक और लाइट सजाना: घरों को दीपकों, मोमबत्तियों और लाइटों से सजाना।
- रंगोली बनाना: मुख्य द्वार और पूजा स्थल पर रंगोली बनाना।
- लक्ष्मी-गणेश पूजन: आर्थिक समृद्धि और वैभव के लिए।
- मिठाइयां और गिफ्ट्स का आदान-प्रदान: परिवार और मित्रों के साथ खुशियाँ बांटना।
- पटाखे: परंपरा के अनुसार बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक।
इन परंपराओं से यह पर्व सामाजिक, पारिवारिक और आध्यात्मिक रूप से सभी के जीवन में खुशहाली लाता है।
दिवाली का आध्यात्मिक संदेश
- अंधकार पर प्रकाश की जीत का प्रतीक
- जीवन में अच्छाई और सत्य की महत्ता
- समृद्धि, सौहार्द और सुख-शांति का संदेश
- आत्मा और मन की शुद्धि का अवसर
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Rama Ekadashi Vrat 2025: इस विधि से करें भगवान नारायण की पूजा, जानें पारण समय और दीपक जलाने के शुभ स्थान
Rama Ekadashi Vrat 2025: इस विधि से करें भगवान नारायण की पूजा, जानें पारण समय और दीपक जलाने के शुभ स्थान
Rama Ekadashi Vrat 2025 पर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा विशेष फलदायी मानी जाती है। जानिए इस दिन की पूजा विधि, व्रत का महत्व, पारण का शुभ समय और दीपक जलाने का पवित्र स्थान।
रमा एकादशी व्रत 2025: विधि, मुहूर्त और महत्व
हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को रमा एकादशी कहा जाता है। यह व्रत भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी को समर्पित है। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन व्रत करने से व्यक्ति को समस्त पापों से मुक्ति मिलती है और जीवन में सुख, शांति तथा समृद्धि आती है।

Rama Ekadashi Vrat 2025 रमा एकादशी 2025 की तिथि और शुभ मुहूर्त Rama Ekadashi Vrat 2025
- रमा एकादशी तिथि प्रारंभ: 19 अक्टूबर 2025, शनिवार रात 10:12 बजे
- तिथि समाप्त: 20 अक्टूबर 2025, रविवार रात 08:47 बजे
- व्रत रखने की तिथि: 20 अक्टूबर 2025 (रविवार)
- पारण का समय: 21 अक्टूबर 2025, प्रातः 06:30 बजे से 08:45 बजे तक
(पारण सूर्योदय के बाद किया जाता है)
रमा एकादशी व्रत की पूजा विधि (Rama Ekadashi Puja Vidhi)
- प्रातः स्नान: सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- संकल्प: भगवान विष्णु के समक्ष व्रत का संकल्प लें — “मैं आज रमा एकादशी व्रत का पालन करूंगा।”
- पूजन स्थान तैयार करें: पूजन के लिए स्वच्छ चौकी पर पीला वस्त्र बिछाएं और उस पर भगवान विष्णु की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें।
- दीपक जलाना (Auspicious Place for Lamp):
- घर के उत्तर-पूर्व कोने (ईशान कोण) में घी का दीपक जलाना अत्यंत शुभ माना जाता है।
- मंदिर या तुलसी के पौधे के पास दीपक जलाना भी पुण्यदायी होता है।
- पूजा सामग्री: तुलसी पत्ते, पीले पुष्प, धूप, दीपक, चंदन, नैवेद्य, पंचामृत आदि से भगवान विष्णु का पूजन करें।
- विष्णु सहस्त्रनाम पाठ: इस दिन विष्णु सहस्त्रनाम या ॐ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जाप करना शुभ फल देता है।
- भोजन नियम: व्रत रखने वाले व्यक्ति को इस दिन अन्न, दाल, चावल का सेवन नहीं करना चाहिए। केवल फलाहार करें।
- रात्रि जागरण: भगवान विष्णु की आरती कर रात में भजन-कीर्तन करें।
रमा एकादशी का धार्मिक महत्व (Significance of Rama Ekadashi)
पुराणों के अनुसार, रमा एकादशी का व्रत करने से व्यक्ति के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है। कहा गया है कि यह व्रत धन, समृद्धि और मानसिक शांति प्रदान करता है।
शास्त्रों में उल्लेख है कि जो व्यक्ति सच्चे मन से इस दिन व्रत करता है, उसके जीवन में माता लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है और विष्णु लोक की प्राप्ति होती है।रमा एकादशी पारण विधि (Rama Ekadashi Parana Vidhi)
व्रत रखने वाले व्यक्ति को द्वादशी तिथि (अगले दिन) सूर्योदय के बाद पारण करना चाहिए।
- भगवान विष्णु को जल, पुष्प और तुलसी अर्पित करें।
- व्रत का संकल्प पूर्ण होने की प्रार्थना करें।
- दान-पुण्य करें — विशेषकर अन्न, वस्त्र या दीपदान।
- फलाहार या सात्त्विक भोजन ग्रहण करें।
रमा एकादशी पर दीपदान का महत्व Rama Ekadashi Vrat 2025
शास्त्रों के अनुसार, इस दिन तुलसी के पौधे के पास दीपक जलाने से पाप नष्ट होते हैं और घर में लक्ष्मी का वास होता है।
दीपक जलाते समय यह मंत्र बोले —“दीपं देहि जगन्नाथ त्रैलोक्य तिमिरापहं।”
Diwali Shopping 2025 भारत की टॉप 5 शॉपिंग डेस्टिनेशन जहां दिवाली की खरीदारी बनती है यादगार
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Diwali Shopping 2025 भारत की टॉप 5 शॉपिंग डेस्टिनेशन जहां दिवाली की खरीदारी बनती है यादगार
Diwali Shopping 2025 भारत की टॉप 5 शॉपिंग डेस्टिनेशन जहां दिवाली की खरीदारी बनती है यादगार
Diwali Shopping 2025 दिवाली की खरीदारी के लिए भारत में कई बेहतरीन जगहें हैं जहां पारंपरिक और आधुनिक दोनों तरह की चीज़ें मिलती हैं। जानिए दिल्ली, मुंबई, जयपुर, अहमदाबाद और वाराणसी जैसे शहरों के टॉप मार्केट्स जो इस त्योहारी सीजन में रोशनी, रंग और रौनक से भर गए हैं।

Diwali Shopping 2025 Diwali Shopping 2025 भारत की 5 बेहतरीन जगहें जहां दिवाली की शॉपिंग बनती है खास
दिवाली का त्योहार आते ही हर किसी के घर में शॉपिंग की तैयारी शुरू हो जाती है। नए कपड़े, सजावट का सामान, दीये, मिठाइयाँ और गिफ्ट्स — सबकुछ इस त्योहारी माहौल को और भी रौनकदार बना देता है। भारत में ऐसे कई शहर और बाजार हैं जो अपनी दिवाली शॉपिंग के लिए प्रसिद्ध हैं।
चलिए जानते हैं भारत की 5 सबसे बेहतरीन जगहें जहां दिवाली की खरीदारी करना एक यादगार अनुभव बन जाता है।1. दिल्ली – चांदनी चौक और दिल्ली हाट (Delhi – Chandni Chowk & Dilli Haat)

राजधानी दिल्ली का चांदनी चौक हर सीजन में रौनक से भरा रहता है, लेकिन दिवाली के वक्त यह जगह किसी सपनों के बाजार से कम नहीं लगती। यहां आपको पारंपरिक कपड़े, ज्वेलरी, मिठाइयाँ, पूजा सामग्री और सजावट का पूरा सामान मिल जाएगा।

वहीं, दिल्ली हाट हस्तशिल्प प्रेमियों के लिए स्वर्ग समान है — यहां देशभर के कलाकार अपने बनाए उत्पाद बेचते हैं, जो दिवाली गिफ्ट्स के लिए परफेक्ट हैं। Diwali Shopping 2025🪔 Highlight: किफायती दरों पर बेहतरीन क्वालिटी के स्वदेशी उत्पाद
🎁 What to Buy: सजावट की लाइट्स, पारंपरिक ज्वेलरी, दीये, हैंडलूम ड्रेस2. मुंबई – क्रॉफर्ड मार्केट और कोलाबा कॉजवे (Mumbai – Crawford Market & Colaba Causeway)

भारत की आर्थिक राजधानी मुंबई में दिवाली के दौरान क्रॉफर्ड मार्केट और कोलाबा कॉजवे जगमगाते नजर आते हैं। यहां लोकल ब्रांड्स से लेकर इंटरनेशनल प्रोडक्ट्स तक सब मिलता है।

Diwali Shopping 2025
फूलों की माला, दीये, लैंप, कैंडल्स और डेकोरेशन आइटम्स से यह बाजार भर जाता है। साथ ही, कोलाबा कॉजवे की गलियों में मिलने वाले हस्तनिर्मित गिफ्ट्स दिवाली के लिए एकदम परफेक्ट हैं।🪔 Highlight: ट्रेंडी और ट्रेडिशनल प्रोडक्ट्स का अनोखा मिक्स
🎁 What to Buy: डेकोरेटिव लाइट्स, आर्टिस्टिक कैंडल्स, फैशन ज्वेलरी3. जयपुर – जोहरी बाजार और बापू बाजार (Jaipur – Johari Bazaar & Bapu Bazaar)

Diwali Shopping 2025 ‘पिंक सिटी’ जयपुर की बात करें तो दिवाली के समय इसकी सड़कों पर जगमगाहट देखने लायक होती है।
जोहरी बाजार में पारंपरिक राजस्थानी ज्वेलरी और बापू बाजार में हस्तनिर्मित कपड़े, जूते (मोजरी), और सजावट के सामान की भरमार होती है।
राजस्थानी मिट्टी के दीये और हस्तकला से बने उपहार इस दिवाली को खास बना देते हैं।
🪔 Highlight: पारंपरिक कला और संस्कृति की झलक
🎁 What to Buy: लहंगा, बंधेज साड़ियाँ, राजस्थानी ज्वेलरी, मिट्टी के दीये4. अहमदाबाद – लॉ गार्डन और माणेक चौक (Ahmedabad – Law Garden & Manek Chowk)

गुजरात की धरती पर दिवाली का उल्लास देखते ही बनता है।

लॉ गार्डन मार्केट अपने हैंडमेड एथनिक कपड़ों और चोकर ज्वेलरी के लिए प्रसिद्ध है।
वहीं माणेक चौक मिठाइयों और फूड लवर्स के लिए स्वर्ग है — दिवाली की शॉपिंग के साथ स्वाद का भी आनंद लें।🪔 Highlight: पारंपरिक गुजराती कपड़े और ज्वेलरी
🎁 What to Buy: बंधनी ड्रेस, चोकर सेट, हैंडमेड तोरण, दीये5. वाराणसी – विशेश्वरगंज और ठठेरी बाजार (Varanasi – Visheshwarganj & Thatheri Bazaar)

वाराणसी न सिर्फ धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है बल्कि अपने बनारसी सिल्क और पीतल के सामान के लिए भी मशहूर है।
दिवाली के समय विशेश्वरगंज मार्केट में बनारसी साड़ियाँ और पूजा सामग्री की रौनक बढ़ जाती है।
ठठेरी बाजार में मिलने वाले पारंपरिक दीये, पीतल के दीपदान और सजावट के आइटम आपकी दिवाली को पवित्रता से भर देते हैं।🪔 Highlight: बनारसी परंपरा और शुद्धता का संगम
🎁 What to Buy: बनारसी साड़ी, पीतल के दीप, पूजा सामग्रीभारत के ये बाजार न सिर्फ खरीदारी का आनंद देते हैं, बल्कि भारतीय संस्कृति, परंपरा और हस्तकला का जीवंत उदाहरण भी हैं। इस दिवाली, इन जगहों पर जाकर शॉपिंग करने का अनुभव आपको न सिर्फ खुशी देगा, बल्कि ‘वोकल फॉर लोकल’ के मंत्र को भी साकार करेगा।
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Aatma Nirbhar Bharat दिवाली पर स्वदेशी उत्पादों की धूम: ‘मेक इन इंडिया’ और ‘वोकल फॉर लोकल’ से जगमगा रहा बाजार
Aatma Nirbhar Bharat दिवाली पर स्वदेशी उत्पादों की धूम: ‘मेक इन इंडिया’ और ‘वोकल फॉर लोकल’ से जगमगा रहा बाजार
Aatma Nirbhar Bharat इस दिवाली बाजारों में स्वदेशी उत्पादों की जबरदस्त मांग देखी जा रही है। प्रधानमंत्री मोदी के ‘वोकल फॉर लोकल’ और ‘मेक इन इंडिया’ अभियान से लोगों की सोच में बड़ा बदलाव आया है। जानिए कैसे कारीगरों की मेहनत और ग्राहकों के बदलते रुझान ने आत्मनिर्भर भारत की राह को और मजबूत किया है।
दिवाली पर स्वदेशी उत्पादों की धूम: ‘मेक इन इंडिया’ को मिल रहा नया आयाम
दिवाली का त्योहार जैसे-जैसे नजदीक आता जा रहा है, देशभर के बाजारों में रौनक लौट आई है। सड़कों पर जगमगाती लाइट्स, मिठाइयों की खुशबू, और रंग-बिरंगी सजावट के बीच इस बार एक खास बात सामने आई है—स्वदेशी उत्पादों के प्रति बढ़ता उत्साह।
ग्राहक अब विदेशी सामानों की जगह ‘मेक इन इंडिया’ और ‘वोकल फॉर लोकल’ के तहत बने देशी उत्पादों को प्राथमिकता दे रहे हैं।
Aatma Nirbhar Bharat ग्राहकों की सोच में बड़ा बदलाव
कई ग्राहकों का कहना है कि अब वे अपनी खरीदारी के दौरान सबसे पहले यह देखना चाहते हैं कि उत्पाद भारतीय है या नहीं।
एक ग्राहक ने कहा,“पहले हम सिर्फ ब्रांड और पैकेजिंग देखते थे, लेकिन अब हमें यह समझ में आया है कि स्वदेशी उत्पाद खरीदना देश की अर्थव्यवस्था में हमारा योगदान है। इससे गांवों में रोजगार बढ़ेगा और छोटे उद्योगों को भी बढ़ावा मिलेगा।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘वोकल फॉर लोकल’ पहल ने लोगों के भीतर आत्मनिर्भरता की भावना को मजबूत किया है। अब उपभोक्ता खुद को देश की आर्थिक प्रगति से जुड़ा हुआ महसूस कर रहे हैं।
दुकानदारों के चेहरे पर मुस्कान
स्वदेशी उत्पादों की बढ़ती मांग से स्थानीय दुकानदारों और छोटे उद्योगों में उत्साह है।
एक दुकानदार ने बताया,“इस बार हमारे पास जो भी सामान है, वह पूरी तरह से भारतीय है — चाहे वह दीये हों, मिठाई के डिब्बे, पूजा सामग्री या सजावट के सामान। ग्राहक अब ‘मेड इन इंडिया’ टैग को देखकर ही सामान खरीद रहे हैं।”
कई दुकानदारों ने बताया कि मिट्टी के दीये, हस्तनिर्मित तोरण, गोबर से बने दीप और पर्यावरण-हितैषी सजावट की बिक्री में भारी बढ़ोतरी हुई है।

Aatma Nirbhar Bharat Aatma Nirbhar Bharat कारीगरों के लिए दिवाली बनी उम्मीद की किरण
इस बदलाव का सबसे बड़ा फायदा कारीगरों और ग्रामीण शिल्पकारों को हुआ है।
‘त्रिवेणी’ जैसे संस्थान इन कारीगरों को बाजार से जोड़ने में अहम भूमिका निभा रहे हैं। ये संस्थान न केवल उनके बनाए उत्पादों को प्लेटफॉर्म दे रहे हैं, बल्कि उन्हें डिज़ाइन और पैकेजिंग के नए तरीकों से भी परिचित करा रहे हैं।एक बुनकर ने बताया,
“पहले हमें अपने उत्पादों की बिक्री में मुश्किल आती थी, लेकिन अब ऑनलाइन और लोकल मेलों में हमें ग्राहक खुद ढूंढने आते हैं।”
आत्मनिर्भर भारत की ओर मजबूत कदम Aatma Nirbhar Bharat
इस दिवाली स्वदेशी की गूंज हर ओर सुनाई दे रही है। जहां पहले विदेशी लाइट्स और गिफ्ट्स का चलन था, अब लोग भारतीय ब्रांड्स, हस्तनिर्मित उत्पादों और देसी मिठाइयों की ओर रुख कर रहे हैं।
यह न केवल हमारी परंपरा को सहेज रहा है, बल्कि देश को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने में भी अहम भूमिका निभा रहा है।
‘मेक इन इंडिया’ अब केवल एक सरकारी अभियान नहीं रहा, बल्कि यह एक जन आंदोलन बन चुका है, जिसमें हर भारतीय की भागीदारी है।इस बार की दिवाली सिर्फ रोशनी का नहीं, बल्कि स्वदेशी जागरूकता का पर्व बन गई है। हर दीया, हर तोरण, हर मिठाई का डिब्बा अब “मेड इन इंडिया” की चमक से जगमगा रहा है।
यह बदलाव न केवल देश की अर्थव्यवस्था को नई दिशा देगा, बल्कि आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने की ओर भी एक सुनहरा कदम है।
Home Minister Amit Shah – देश में मुस्लिम आबादी तेजी से बढ़ रही, हिंदू जनसंख्या में गिरावट की दी वजह
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Chopping Board Cleaning Tips : चॉपिंग बोर्ड में जम गए हैं दाग? इन आसान घरेलू टिप्स से मिनटों में करें साफ
Chopping Board Cleaning Tips : चॉपिंग बोर्ड में जम गए हैं दाग? इन आसान घरेलू टिप्स से मिनटों में करें साफ
Chopping Board Cleaning Tips : दीवाली बस आने ही वाली है घरों में दीवाली की तैयारीया भी शुरू हो चुकी है दिवाली पर घर की क्लीनिंग तो आप लोंगो की हो ही चुकी होगी पर आप जानते है आपका खाना बनाने के बोर्ड को कैसे क्लीन रखा जा सकता है। अगर आपके किचन का चॉपिंग बोर्ड दागदार हो गया है तो परेशान न हों। नींबू, बेकिंग सोडा और नमक जैसी चीज़ों से आप उसे मिनटों में साफ कर सकते हैं। जानिए 5 आसान घरेलू उपाय जो आपके बोर्ड को फिर से नया बना देंगे।
लेकिन बिजी लाइफ में हर चीज़ डिटेल में सफाई करना थोडा मुश्कल भरा है पर फटाफट काम और एकदम एक्सपर्ट्स जेसा करना हो तो स्मार्ट प्लानिंग के साथ कीजिए। कई चीज छुट जाती है उसमे रोजमर्रा की रसोई में इस्तेमाल होने वाला चॉपिंग बोर्ड (Chopping Board) हर घर का अहम हिस्सा होता है। चाहे सब्जी काटनी हो, फल या मांस, हर चीज इसी बोर्ड पर तैयार होती है। लेकिन कुछ समय बाद इस पर दाग, तेल के निशान और बदबू जम जाती है जिन्हें साफ करना मुश्किल लगता है।
अगर आप भी सोच रही हैं कि नया बोर्ड खरीदना ही एकमात्र उपाय है, तो ज़रा रुकिए!
यहां हम बता रहे हैं कुछ आसान घरेलू टिप्स (Chopping Board Cleaning Tips) जिनसे आपका बोर्ड फिर से नया जैसा चमकने लगेगा।
Chopping Board Cleaning Tips 1. नींबू और नमक का जादू
नींबू और नमक आपके पुराने दागों को मिटाने का सबसे असरदार तरीका है।
कैसे करें इस्तेमाल:- चॉपिंग बोर्ड पर मोटा नमक छिड़कें। आधा नींबू लेकर बोर्ड पर रगड़ें ताकि उसका रस नमक के साथ मिल जाए। इसे 5–10 मिनट तक ऐसे ही छोड़ दें, फिर गुनगुने पानी से धो लें।
➡️ इससे जमी हुई गंध और दाग दोनों गायब हो जाएंगे।
2. बेकिंग सोडा और सिरका Chopping Board Cleaning Tips
अगर दाग बहुत पुराने हैं तो बेकिंग सोडा और सफेद सिरका का कॉम्बिनेशन बेहद कारगर है।
कैसे करें:- एक कटोरे में एक चम्मच बेकिंग सोडा और आधा कप सिरका मिलाएं। इस मिश्रण को बोर्ड पर लगाएं और 10 मिनट के लिए छोड़ दें। फिर ब्रश या स्पॉन्ज से हल्के हाथों से रगड़ें।
यह उपाय तेल, हल्दी या प्याज के दागों के लिए सबसे अच्छा है।
3. हाइड्रोजन पेरॉक्साइड का उपयोग
अगर आपका बोर्ड सफेद या प्लास्टिक का है, तो हाइड्रोजन पेरॉक्साइड की मदद से उसे डिसइंफेक्ट किया जा सकता है।
कैसे करें:- बोर्ड पर थोड़ी मात्रा में हाइड्रोजन पेरॉक्साइड डालें। कुछ मिनट के लिए छोड़ दें और फिर गीले कपड़े से पोंछ दें। यह बैक्टीरिया और कीटाणुओं को खत्म करने का एक वैज्ञानिक और सुरक्षित तरीका है।
4. सिरके से रोजाना सफाई
अगर आप चाहते हैं कि चॉपिंग बोर्ड पर दाग जमा ही न हों, तो रोजाना सफाई में सिरके का इस्तेमाल करें।
कैसे करें:- आधा कप सफेद सिरका और आधा कप पानी मिलाएं। इस मिश्रण से बोर्ड को पोंछें।
➡️ यह न केवल दाग हटाएगा बल्कि बदबू को भी दूर करेगा।
5. लकड़ी के बोर्ड के लिए नारियल तेल
लकड़ी के चॉपिंग बोर्ड को बार-बार पानी में धोने से उसकी सतह फटने लगती है। ऐसे में नारियल तेल लगाना बहुत फायदेमंद है।
कैसे करें:- बोर्ड धोकर सुखा लें। उस पर थोड़ा सा नारियल तेल लगाएं और सूखे कपड़े से पॉलिश करें।
यह उसकी नमी बरकरार रखेगा और बोर्ड को लंबे समय तक टिकाऊ बनाएगा।
अतिरिक्त टिप्स (Bonus Tips): Chopping Board Cleaning Tips
- कभी भी लकड़ी के चॉपिंग बोर्ड को डिशवॉशर में न डालें।
- गर्म पानी से धोने के बाद तुरंत सुखाएं ताकि बोर्ड टेढ़ा न हो।
- समय-समय पर बोर्ड को धूप में रखें ताकि बैक्टीरिया न पनपें।
सफाई ही सेहत की पहली सीढ़ी
किचन की साफ-सफाई का सीधा असर परिवार की सेहत पर पड़ता है। चॉपिंग बोर्ड पर कटने वाली चीज़ें अगर दूषित सतह से गुजरेंगी, तो बैक्टीरिया आसानी से भोजन में जा सकते हैं। इसलिए हर दिन कुछ मिनट निकालकर अपने बोर्ड को साफ करना न भूलें।
Diwali Kitchen Deep Cleaning : ऑर्गनाइजेशन और डेकोर: त्योहार से पहले घर का दिल बनाएं चमकदार
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- चॉपिंग बोर्ड पर मोटा नमक छिड़कें। आधा नींबू लेकर बोर्ड पर रगड़ें ताकि उसका रस नमक के साथ मिल जाए। इसे 5–10 मिनट तक ऐसे ही छोड़ दें, फिर गुनगुने पानी से धो लें।