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  • Aneet Padda Horror Film: सैयारा के बाद अब हॉरर में दिखेंगी अनीत पड्डा, नई फिल्म ‘शक्ति शालिनी’ अनाउंस रिलीज डेट आउट

    Aneet Padda Horror Film: सैयारा के बाद अब हॉरर में दिखेंगी अनीत पड्डा, नई फिल्म ‘शक्ति शालिनी’ अनाउंस रिलीज डेट आउट

    Aneet Padda Horror Film सैयारा फेम अनीत पड्डा पहली बार हॉरर अवतार में नज़र आएंगी! नई फिल्म ‘शक्ति शालिनी’ की अनाउंसमेंट, जानें कहानी और रिलीज डेट

    Aneet Padda की नई हॉरर फिल्म ‘Shakti Shalini’ अनाउंस। रोमांटिक गाने ‘सैयारा’ से फेम पाने के बाद अब एक डार्क और पावरफुल किरदार में नज़र आएंगी। रिलीज डेट, कहानी और फिल्म की खासियत जानें।

    अनीत पड्डा का नया अवतार — हॉरर + पावर

    Aneet Padda Horror Film
    Aneet Padda Horror Film

    ‘सैयारा’ जैसे रोमांटिक और soulful म्यूज़िक वीडियो से लाखों दिलों पर छाप छोड़ने वाली Aneet Padda अब एक डरावने और शक्तिशाली किरदार के साथ वापसी कर रही हैं। उनकी नई फिल्म का नाम है — ‘शक्ति शालिनी’, जो सुपरनैचुरल हॉरर + फेमिन पावर ड्रामा पर आधारित होगी।

    फिल्म की कहानी (अनुमानित थीम)

    फिल्म एक ऐसी लड़की की कहानी बताएगी जिसके भीतर देवी जैसी शक्ति तो है, लेकिन उसे इसके बारे में तब पता चलता है जब उसके गाँव पर दैत्य ऊर्जा का हमला होता है। ये फिल्म हॉरर जेनर में भारतीय देवी शक्ति के कॉन्सेप्ट को जोड़ती हुई लगती है, जिसमें धार्मिक रहस्य और थ्रिलर का कॉम्बिनेशन भी मिलेगा।

    रिलीज डेट

    ‘Shakti Shalini’ की रिलीज डेट 31st December 2025 के पहले हफ्ते के लिए तय मानी जा रही है
    फिल्म को Pan India मल्टीलैंग्वेज रिलीज़ देने की तैयारी में मेकर्स जुटे हैं।

    फैंस का रिएक्शन

    सैयारा के फैंस के लिए ये एक complete shock & excitement combo है — रोमांस क्वीन से देवी अवतार वाली हॉरर लीड तक का ट्रांज़िशन निश्चित रूप से चर्चा में रहेगा।

    सोशल मीडिया पर पहले से ही #ShraddhaKapoor और #AneetPadda ट्रेंड करने लगे हैं।



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  • Bhai Dooj 2025 Date: कल या परसों, कब मनाया जाएगा भाई दूज? जानें क्या रहेगी सही तिथि

    Bhai Dooj 2025 Date: कल या परसों, कब मनाया जाएगा भाई दूज? जानें क्या रहेगी सही तिथि

    Bhai Dooj 2025 Date: भाई–बहन के स्नेह का पर्व कब मनाया जाएगा? जानें सही तिथि, पूजा मुहूर्त और महत्व

    Bhai Dooj 2025 कब है? क्या इस साल भाई दूज दिवाली के अगले दिन पड़ेगा या उसके परसों? यहां जानें सही तिथि, पूजा का समय, परंपरा और इसका महत्व।

    Bhai Dooj 2025 कब है?

    दिवाली के दो दिन बाद मनाया जाने वाला भाई दूज (जिसे भाऊ बीज, भैया दूज या यम द्वितीया भी कहा जाता है) 2025 में गुरुवार, 23 अक्टूबर को मनाया जाएगा
    कुछ स्थानों पर तीथि परिवर्तन को देखते हुए 22 अक्टूबर बुधवार की शाम भी महत्वपूर्ण मानी जा सकती है, लेकिन उत्तरी भारत में मुख्य पर्व 23 अक्टूबर 2025 को ही मनाया जाएगा।

    Bhai Dooj 2025 Date
    Bhai Dooj 2025 Date

    भाई दूज का महत्व Bhai Dooj 2025 Date

    यह पर्व भाई–बहन के अटूट प्रेम और रक्षा के वचन का प्रतीक है। पौराणिक मान्यता के अनुसार, यमराज बहन यमुना के घर भोजन करने आए थे, और तभी से यह पर्व शुरू हुआ। बहनें भाई की लंबी उम्र की कामना करती हैं और भाई बदले में रक्षा का संकल्प देता है।

    पूजा विधि

    • सुबह स्नान के बाद शुभ मुहूर्त में पूजा की तैयारी || चौक पर चौमुखी दीपक जलाना || भाई को तिलक लगाकर हाथों से भोजन या मिठाई खिलाना || भाई द्वारा बहन को उपहार या नवीन वस्त्र देना || बहन द्वारा आरती और दीर्घायु की कामना

    भाई दूज का शुभ मुहूर्त (Bhai dooj 2022 shubh muhurat)

    पंचांग के अनुसार, भाई दूज कार्तिक मास के शुक्लपक्ष की द्वितीया तिथि को मनाई जाती है। 22 अक्टूबर, बुधवार को भाई दूज की तिथि रात 8 बजकर 16 मिनिट पर शुरू होगी और 23 अक्टूबर यानी दुसरे दिन रात 10 बजकर 46 मिनिट पर समाप्त होगी ।

    इस दिन क्या करें

    भाई को तिलक लगाएँ और आरती करें । बहन को स्नेह से उपहार दें। घर में गौ माता और तुलसी पूजन भी मंगलकारी माना जाता है ।



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  • Asrani Death: दिवाली के दिन 84 साल की उम्र में निधन, बॉलीवुड ने खोया अपना कॉमेडी खजाना

    Asrani Death: दिवाली के दिन 84 साल की उम्र में निधन, बॉलीवुड ने खोया अपना कॉमेडी खजाना

    बॉलीवुड के दिग्गज एक्टर और कॉमेडियन असरानी अब हमारे बीच नहीं रहे। दिवाली के दिन, सोमवार 20 अक्टूबर की शाम करीब 4 बजे, 84 साल के असरानी का निधन हो गया। उनका असली नाम गोवर्धन असरानी था।

    Asrani Death
    Asrani Death

    सूत्रों के मुताबिक, असरानी पिछले कई दिनों से आरोग्य निधि अस्पताल में भर्ती थे और उनका इलाज चल रहा था। उन्हें फेफड़ों की गंभीर समस्या थी, जिसके चलते उनके स्वास्थ्य में लगातार गिरावट देखी जा रही थी। उनके मैनेजर बाबुभाई थीबा ने पुष्टि की कि उनकी तबीयत लंबे समय से खराब थी और अस्पताल में उनकी देखभाल की जा रही थी।

    Asrani Death
    Asrani Death

    असरानी ने बॉलीवुड में कई यादगार भूमिकाएँ निभाईं और कॉमेडी में अपने अनोखे अंदाज़ से हमेशा दर्शकों के दिलों में जगह बनाई। उनकी हँसी और विशिष्ट अंदाज़ अब फिल्मों और यादों में हमेशा जीवित रहेगा।

    बॉलीवुड सितारों और फैंस ने सोशल मीडिया पर उनके निधन पर शोक व्यक्त किया और उन्हें श्रद्धांजलि दी। असरानी की कला, हास्य और योगदान भारतीय सिनेमा में अमूल्य और अविस्मरणीय रहेगा।


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  • How to Make Swastik स्वस्तिक बनाने का सही तरीका – हर लाइन का अर्थ और जीवन में महत्व

    How to Make Swastik स्वस्तिक बनाने का सही तरीका – हर लाइन का अर्थ और जीवन में महत्व

    How to Make Swastik स्वस्तिक भारतीय संस्कृति और धर्म में एक अत्यंत शुभ प्रतीक माना जाता है। यह केवल धार्मिक चिन्ह नहीं है, बल्कि इसे सकारात्मक ऊर्जा, समृद्धि और आध्यात्मिक उन्नति का प्रतीक भी माना जाता है। स्वस्तिक को सही तरीके से बनाना और इसके पीछे का अर्थ समझना बहुत महत्वपूर्ण है। यहाँ हम आपको स्टेप-बाय-स्टेप गाइड देंगे कि कैसे स्वस्तिक बनाया जाए और इसके हर हिस्से का क्या महत्व है।

    1. शुरुआत – एक बिंदु (Dot) How to Make Swastik

    स्वस्तिक बनाना हमेशा एक छोटे बिंदु से शुरू होता है। यह बिंदु ब्रह्मांड और जीवन की उत्पत्ति का प्रतीक है।

    2. चार मुख्य लाइनों का निर्माण – धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष

    बिंदु से चार दिशाओं में लाइन खींचें। ये चार लाइनों जीवन के चार प्रमुख लक्ष्य दर्शाती हैं:

    • धर्म – नैतिकता और कर्तव्य
    • अर्थ – संपत्ति और समृद्धि
    • काम – इच्छाएँ और सुख
    • मोक्ष – आध्यात्मिक मुक्ति

    3. अगले चार लाइनों का निर्माण – सलोक्य, सामीप्य, सारूप्य, सयुज्य

    स्वस्तिक के चार कोणों में यह लाइनें खींचें। ये भगवान के साथ आध्यात्मिक संबंध को दर्शाती हैं:

    • सलोक्य – ईश्वर के समान लोक में होना
    • सामीप्य – ईश्वर के निकट होना
    • सारूप्य – ईश्वर के समान रूप में होना
    • सयुज्य – ईश्वर के साथ मिलन
    How to Make Swastik
    How to Make Swastik

    4. चार कोनों में वृत्त – मन, बुद्धि, अहंकार, चेतना

    स्वस्तिक के चार कोनों में छोटे वृत्त बनाएं। ये मन, बुद्धि, अहंकार और चेतना के संतुलन और नियंत्रण का प्रतीक हैं।

    5. चार किनारों पर बिंदु – श्रद्धा, विश्वास, प्रेम, समर्पण

    अंत में स्वस्तिक के चार किनारों पर चार छोटे बिंदु बनाएं। ये बिंदु जीवन में श्रद्धा, विश्वास, प्रेम और समर्पण का संदेश देते हैं और सकारात्मक ऊर्जा लाते हैं।

    How to Make Swastik स्वस्तिक बनाते समय ध्यान दें

    • इसे सही दिशा और संतुलन के साथ बनाना आवश्यक है। घर या पूजा स्थल पर स्वस्तिक बनाना शुभ माना जाता है, क्योंकि यह सकारात्मकता, समृद्धि और शांति को आकर्षित करता है।

    मुख्य दरवाजे पर स्वस्तिक कैसे बनाएं

    • लाल चावल, हल्दी या सिंदूर का उपयोग करें। स्वस्तिक को बाहर की दिशा की ओर बनाएं। इसे सुबह के समय या किसी शुभ अवसर पर बनाना अधिक मंगलकारी है।

    स्वस्तिक का प्रतीक और देवता

    • यह भगवान गणेश और मां लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है। घर में इसे बनाने से समृद्धि, सौभाग्य और खुशहाली आती है। स्वस्तिक जीवन के चार प्रमुख लक्ष्य धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष को दर्शाता है और श्रद्धा, विश्वास, प्रेम और समर्पण के गुणों को भी प्रदर्शित करता है।

    सिंदूर में मिश्रण

    • सिंदूर को हल्दी, चावल का आटा या थोड़ा पानी मिलाकर पेस्ट बनाएं। इससे स्वस्तिक अधिक सुंदर और टिकाऊ बनता है।

    स्वस्तिक केवल एक प्रतीक नहीं है, बल्कि जीवन में आध्यात्मिक और मानसिक स्थिरता का मार्गदर्शक भी है। इसे सही दिशा, संतुलन और श्रद्धा के साथ बनाना शुभ और लाभकारी माना जाता है।


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  • Vivek Oberoi ने साझा किया: कैसे दुबई शिफ्ट होने ने बनाया 1200 करोड़ रुपये का रियल एस्टेट साम्राज्य

    Vivek Oberoi ने साझा किया: कैसे दुबई शिफ्ट होने ने बनाया 1200 करोड़ रुपये का रियल एस्टेट साम्राज्य

    विवेक ओबेरॉय ने साझा किया: कैसे दुबई शिफ्ट होने ने बनाया 1200 करोड़ रुपये का रियल एस्टेट साम्राज्य

    विवेक ओबेरॉय, जिन्हें बॉलीवुड में उनकी रोमांटिक भूमिका साथिया (2002) के लिए याद किया जाता है, इस बार सुर्खियों में अपनी फ़िल्मी भूमिकाओं के बजाय व्यापारिक सफलता के कारण हैं। 48 वर्षीय अभिनेता ने कथित तौर पर 1200 करोड़ रुपये से अधिक का रियल एस्टेट पोर्टफोलियो तैयार किया है, एक ऐसा आंकड़ा जिसने प्रशंसा और चकित होने दोनों को जन्म दिया।

    Vivek Oberoi ऐश्वर्या राय से मिले तब से विवादों से घिरे रहे है। सलमान खान से पंगा ले लिया था।

    हाल ही में एक इंटरव्यू में, विवेक ने दुबई में शिफ्ट होने को अपनी उद्यमशीलता की यात्रा का निर्णायक मोड़ बताया। उन्होंने कहा कि दुबई की संस्कृति और स्वतंत्रता ने उन्हें व्यावसायिक अवसरों का आदर्श मिश्रण प्रदान किया। “आपको पूरी आज़ादी है। बस स्थानीय कानूनों, रीति-रिवाजों और लोगों का सम्मान करें, और आपको कोई समस्या नहीं होगी। यह एक संघर्ष-मुक्त, सुकून भरा माहौल है जहाँ आप फल-फूल सकते हैं,” उन्होंने साझा किया।

    Vivek Oberoi
    Vivek Oberoi

    राम गोपाल वर्मा की फ़िल्म कंपनी से बॉलीवुड में कदम रखने वाले विवेक ओबेरॉय, अनुभवी अभिनेता और व्यवसायी सुरेश ओबेरॉय के बेटे हैं। युवा, ओमकारा, और शूटआउट एट लोखंडवाला जैसी फिल्मों के लिए मशहूर होने के बावजूद, विवेक को लंबे समय से बिज़नेस का शौक रहा है। बताया जाता है कि शुरुआती निवेश के जरिए उन्होंने किशोरावस्था में ही अपनी पहली बड़ी सफलता हासिल कर ली थी।

    आज विवेक ओबेरॉय यूएई स्थित बीएनडब्ल्यू डेवलपमेंट्स के प्रमुख हैं, एक लग्ज़री रियल एस्टेट फर्म। फॉर्च्यून इंडिया के अनुसार, कंपनी की वर्तमान संपत्ति का मूल्यांकन लगभग 7 अरब अमेरिकी डॉलर है। विवेक का मानना है कि दुबई का स्वागतपूर्ण माहौल, सुरक्षा और व्यावसायिक स्वतंत्रता ने उनके व्यवसाय को फल-फूलने का मौका दिया, और अब यह उनके लिए ऐसा महसूस होता है जैसे यह उनका दूसरा घर हो।

    Vivek Oberoi Net Worth: विवेक ओबेरॉय, जिनकी नेटवर्थ 1200 करोड़ रुपये है, अब भारत छोड़कर दुबई में बस गए हैं. कोविड के दौरान शिफ्ट हुए विवेक को वहां का बिजनेस-फ्रेंडली माहौल इतना पसंद आया कि परिवार समेत वहीं रहने लगे. अब उनका बिजनेस तेजी से बढ़ रहा है.

    विवेक ओबेरॉय का बिजनेस पोर्टफोलियो

    Vivek Oberoi
    Vivek Oberoi

    BNW Real Estate Developers: दुबई में BNW Real Estate Developers के नाम से विवेक ने रियल एस्टेट कंपनी शुरू की. आज यह लग्जरी प्रोजेक्ट्स में बड़ा नाम बन चुका है. इस कंपनी के बड़े प्रोजेक्ट्स में Taj Wellington Mews (Al Marjan Island) जैसे प्रीमियम प्रोजेक्ट शामिल हैं. वर्तमान में BNW 23 अल्ट्रा-लक्जरी प्रोजेक्ट्स पर काम कर रही है, जिनकी कुल वैल्यू लगभग $7 बिलियन बताई जाती है.

    लैब-ग्रो डाइमंड ब्रांड Solitario: विवेक ने Solitario नाम से लैब-ग्रो डाइमंड ब्रांड लॉन्च किया. इसके पीछे उनका मकसद ‘रक्त हीरे’ (Blood Diamonds) के अवैध कारोबार के खिलाफ एक नैतिक स्टैंड लेना था. “Blood Diamond” फिल्म देखने के बाद उन्होंने यह फैसला लिया.

    Rutland Square Spirits Ltd में निवेश: विवेक ने Rutland Square Spirits Ltd में भी निवेश किया है. उन्होंने इस जिन ब्रांड में 21% हिस्सेदारी खरीद ली है. कंपनी की वैल्यूएशन लगभग 30 मिलियन यूरो बताई जाती है.

    विवेक ओबेरॉय के द्वारा और अलग-अलग सेक्टर में निवेश

    • AgriTech कंपनी Agribid में स्ट्रैटेजिक रोल || EdTech स्टार्टअप iScholar में निवेश || वाहन सर्विस प्लेटफॉर्म ReadyAssist में भागीदारी || ग्लोबल ब्रांड एक्सीलरेटर Impresario Global में भी विवेक का योगदान है.

    The TAJ Story ताजमहल मंदिर था? परेश रावल का सनातन मिशन शुरू ट्रेलर ने मचा दी गरमी!

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  • The TAJ Story ताजमहल मंदिर था? परेश रावल का सनातन मिशन शुरू ट्रेलर ने मचा दी गरमी!

    The TAJ Story ताजमहल मंदिर था? परेश रावल का सनातन मिशन शुरू ट्रेलर ने मचा दी गरमी!

    The TAJ Story परेश रावल जल्द ही “द ताज स्टोरी” नाम की फिल्म में मुख्य भूमिका में नजर आएंगे और इसका ट्रेलर रिलीज़ हो चुका है। सच कहें तो यह शायद साल का सबसे हाई-वोल्टेज ड्रामा है — लेकिन अच्छे तरीके से नहीं। यह एक कोर्टरूम बैटल की कहानी है जिसमें एक टूरिस्ट गाइड ताजमहल की असली “उत्पत्ति” की सच्चाई जानने के लिए कानूनी मोर्चा खोल देता है।

    टूर गाइड विष्णु दास के किरदार में परेश रावल वाकई दमदार लगते हैं — और यही इस ट्रेलर का सबसे मज़बूत पहलू भी है। बाकी कंटेंट ऐसा प्रतीत होता है जैसे किसी वायरल व्हाट्सएप यूनिवर्स से सीधे स्क्रिप्ट उठाकर अदालत में पेश कर दिया गया हो। पूरे ट्रेलर का नैरेटिव इस जुनून के इर्द-गिर्द घूमता है कि ताजमहल दरअसल एक मंदिर था। यह वही टोन है जो हाल ही में वायरल हुए उस इंस्टाग्राम रील की याद दिलाता है, जिसमें दावा किया गया था कि “सभी मुसलमान शूर्पणखा के वंशज हैं।”

    The TAJ Story क्या है फिल्म का प्लॉट

    The TAJ Story
    The TAJ Story

    ट्रेलर लगातार अदालत में तीखी बहस और भड़काऊ तर्कों का माहौल बनाता है — उदाहरण के तौर पर वो डायलॉग:
    “कहीं शाहजहाँ कन्फ्यूज तो नहीं था — मकबरा बनवाऊँ या मंदिर?”
    और सबसे विचित्र मोड़ तब आता है जब परेश रावल ताजमहल का “DNA टेस्ट” कराने का सुझाव दे डालते हैं, सिर्फ इसलिए कि उसकी आर्किटेक्चर में एक ‘कलश’ मौजूद है।

    ट्रेलर विजुअली और भावनात्मक रूप से असरदार ज़रूर दिखता है, लेकिन इसके संवाद जिस तरह राजनीतिक और धार्मिक बहस को हवा देते हैं, वह कई जगह अनावश्यक रूप से सनसनीखेज प्रतीत होता है। परेश रावल ने “ओह माय गॉड” में धर्म और तर्क का बेहद संतुलित चित्रण किया था — लेकिन “द ताज स्टोरी” उस रास्ते से हटकर बहुत अधिक उकसाने वाले नैरेटिव को चुनती दिखती है।

    The TAJ Story मज़बूत कलाकारों की टीम

    परेश रावल के साथ ज़ाकिर हुसैन, अमृता खानविलकर, स्नेहा वाघ और नमित दास जैसे मज़बूत कलाकारों की टीम होने के बावजूद, ट्रेलर एक गंभीर सामाजिक विमर्श से ज़्यादा हाइपरड्रामा पर जोर देता नज़र आता है। फिल्म खुद को इस सवाल के जरिए बहुत गहरे और बहादुर अंदाज़ में पेश करने की कोशिश करती है —
    “आज़ादी के 79 साल बाद भी, क्या हम अब भी बौद्धिक आतंकवाद के गुलाम हैं?”
    लेकिन स्क्रीन पर जो दिखता है, वह ज्यादा एक बिना आवश्यकता की उत्तेजना पैदा करने वाला बहस-केंद्रित तमाशा प्रतीत होता है।

    फिल्म 31 अक्टूबर को सिनेमाघरों में रिलीज़ होने जा रही है।
    यदि अभी तक ट्रेलर नहीं देखा है, तो उसे यहाँ देख सकते हैं।


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  • Saal Mubarak 2025: दिवाली के बाद क्यों मनाया जाता है नया वर्ष? जानिए इसका महत्व और परंपरा

    Saal Mubarak 2025: दिवाली के बाद क्यों मनाया जाता है नया वर्ष? जानिए इसका महत्व और परंपरा

    Saal Mubarak 2025 क्यों दिवाली के ठीक बाद मनाया जाता है? जानिए इसका धार्मिक, सांस्कृतिक और व्यापारी महत्व। गुजराती न्यू ईयर की परंपरा, पूजा-विधि और इससे जुड़ी मान्यताएँ विस्तार से।

    साल मुबारक 2025: क्यों मनाया जाता है दिवाली के बाद नया वर्ष?

    भारत एक विविधताओं से भरा देश है, जहां हर संस्कृति और समुदाय की अपनी अनूठी औऱ गहरी परंपराएँ हैं। इन्हीं में से एक है — दिवाली के अगले दिन मनाया जाने वाला नया वर्ष, जिसे गुजराती समुदाय में “साल मुबारक” कहकर मनाया जाता है। यह दिन मुख्य रूप से गुजराती विक्रम संवत का पहला दिन माना जाता है, जिसे ‘Bestu Varas’ या ‘Nutan Varsh’ भी कहते हैं।

    साल मुबारक दिवाली के बाद ही क्यों?

    दिवाली की रात अमावस्या होती है जिसे अंत का प्रतीक माना जाता है — अंधकार का अंत। उसके अगले दिन कार्तिक महीने का पहला दिन शुभ आरंभ और प्रकाश की नई ऊर्जा का संकेत देता है। इसलिए इसे नए वर्ष की शुरुआत के रूप में मनाया जाता है।

    Saal Mubarak 2025 धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व

    • इस दिन भगवान विष्णु के वामन अवतार द्वारा राजा बलि को पाताल लोक भेजे जाने की कथा जुड़ी है।
    • व्यवसायी वर्ग के लिए यह दिन नए लेखा-जोखा (बही-खाते) शुरू करने का बेहद शुभ अवसर माना जाता है।
    • लोग एक-दूसरे से मिलकर कहते हैं — “साल मुबारक”, जिसका अर्थ है समृद्ध नया वर्ष
    Saal Mubarak 2025
    Saal Mubarak 2025

    घरों और दुकानों में क्या होता है विशेष?

    • सुबह-सुबह लक्ष्मी और गणेश की आरती करके नया वर्ष स्वागत किया जाता है।
    • व्यापारी नई बही (चोपड़ा) पूजन करते हैं – जिसे चोपड़ा पूजा कहते हैं।
    • रिश्तेदारों और ग्राहकों के यहां जाकर मिठाई, उपहार और शुभकामनाएं दी जाती हैं।
    • यह दिन सिर्फ त्यौहार नहीं, आर्थिक शुभारंभ और संबंधों की मजबूती का उत्सव है।

    साल मुबारक का संदेश

    दिवाली जहां अंधकार से प्रकाश की यात्रा है, वहीं साल मुबारक नए अवसर, नई शुरुआत और नई उम्मीदों की प्रतीक है। यह त्योहार हमें सिखाता है कि हर नया साल केवल कैलेंडर नहीं बदलता, बल्कि हमारे विचार, रिश्ते और कर्मों को भी नया रूप देता है।


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  • Diwali 2025 Laxmi Puja Muhurat: दिवाली पर दुकान, कारखाने और ऑफिस में लक्ष्मी पूजन का सबसे शुभ समय जानें

    Diwali 2025 Laxmi Puja Muhurat: दिवाली पर दुकान, कारखाने और ऑफिस में लक्ष्मी पूजन का सबसे शुभ समय जानें

    दिवाली 2025 पर व्यापारी, कारोबारी और ऑफिस मालिक लक्ष्मी पूजन कब करें? दुकान, फैक्ट्री और बिज़नेस प्लेस पर धनलक्ष्मी को प्रसन्न करने का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और विशेष उपाय जानें — संपूर्ण जानकारी

    दिवाली 2025 का पर्व इस बार अत्यंत शुभ संयोग लेकर आ रहा है। हिंदू पंचांग के अनुसार धनतेरस से लेकर दीपावली तक लक्ष्मी और कुबेर की कृपा प्राप्त करने का उत्तम समय माना जाता है। लेकिन व्यापारियों, दुकान और फैक्ट्री मालिकों के लिए सबसे महत्वपूर्ण प्रश्न यही होता है — “लक्ष्मी पूजन का सबसे सटीक और लाभदायक मुहूर्त कौन सा है?”

    दिवाली सिर्फ प्रकाश और खुशियों का त्योहार नहीं, बल्कि समृद्धि, धनवर्षा और व्यापार वृद्धि का आध्यात्मिक प्रवेश द्वार है। खासतौर पर दुकान, ऑफिस, गोदाम, शोरूम, मैन्युफैक्चरिंग यूनिट और कॉर्पोरेट स्पेस में यह पूजन एक बेहद शक्तिशाली ज्योतिषीय महत्व रखता है।

    दिवाली का महत्व

    दिवाली सिर्फ एक धार्मिक त्योहार नहीं, बल्कि भारत की आर्थिक जीवनधारा के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण अवसर है। इस पर्व के आते ही बाजारों में फिर से रौनक लौट आती है — छोटे दुकानदारों से लेकर बड़ी कंपनियों तक, सभी के लिए यह कमाई का स्वर्णिम समय माना जाता है। नए कपड़े, मिठाइयाँ, उपहार और सजावट की सामग्रियों की खरीद से हर घर में नए आरंभ और समृद्धि का संदेश गूंजता है।

    साथ ही, दिवाली सिर्फ रोशनी का उत्सव ही नहीं, बल्कि रिश्तों को जोड़ने का भी पर्व है। इस समय लोग दूरियों को भुलाकर एक-दूसरे के साथ खुशी बाँटते हैं, पुरानी नाराज़गियाँ मिटाते हैं और नए विश्वास के साथ रिश्तों की नई शुरुआत करते हैं। यह त्योहार सामाजिक एकता, प्रेम, सद्भाव और समृद्धि का अद्वितीय प्रतीक है।

    Diwali 2025 Laxmi Puja Muhurat पूजन कैसे करें? (Business Focus Tips)

    • मुख्य द्वार पर कमलगट्टा और श्रीयंत्र रखें
    • कैश काउंटर / सेफ / अकाउंट रूम में लक्ष्मी-कुबेर की प्रतिमा रखें
    • पहली आरती धनलक्ष्मी को — दूसरी कार्यलक्ष्मी को (Business Success)
    • चांदी का सिक्का या नोट लक्ष्मी चरणों में रखकर पूरे वर्ष तिजोरी में रखें
    • ऑफिस/शॉप के सभी इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों पर गुलाल या पीले फूल रखें — टेक्निकल ग्रोथ हेतु शुभ

    दिवाली 2025 — मुख्य लक्ष्मी पूजन तिथि

    तारीख: सोमवार, 20 अक्टूबर 2025 (अमावस्या तिथि)
    दिन: सोमवार (चंद्र और शिव योग का अद्भुत संयोग)
    तिथि शुरू: 20 अक्टूबर सुबह 06:11 AM से
    तिथि समाप्त: 21 अक्टूबर 04:28 AM तक

    व्यापारी वर्ग के लिए विशेष शुभ मुहूर्त Diwali 2025 Laxmi Puja Muhurat

    मुहूर्तसमय (भारतीय मानक समय)उपयोग के लिए उत्तम
    वृश्चिक लग्नशाम 06:59 PM से 08:47 PM तकदुकान, फैक्ट्री और बिज़नेस पूजन के लिए सर्वश्रेष्ठ
    प्रदोष काल + निशीथ काल07:11 PM से 10:55 PM तककॉर्पोरेट ऑफिस और बैंकिंग से जुड़े लोग
    सिंह लग्न (Optional)दोपहर 01:23 PM से 03:42 PM तकविशेष Corporate Puja या विदेशी क्लाइंट संबंधित बिज़नेस के लिए

    सबसे शक्तिशाली मुहूर्त: शाम 06:59 PM से 08:47 PM (वृश्चिक लग्न)
    यह मुहूर्त विशेषतः व्यापार, धन आगमन और फाइनेंशियल ग्रोथ के लिए उत्तम है।



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  • Indian Fashion 14c to 21c भारतीय महिलाओं के फैशन का विकास: परंपरा से ग्लोबल ट्रेंड तक का अनोखा सफर

    Indian Fashion 14c to 21c भारतीय महिलाओं के फैशन का विकास: परंपरा से ग्लोबल ट्रेंड तक का अनोखा सफर

    भारतीय महिलाओं का फैशन कैसे घूंघट और साड़ी से शुरू होकर इंडो-वेस्टर्न और सस्टेनेबल फैशन तक पहुंचा? जानें इसका पूरा विकास — संस्कृति, सिनेमा और आधुनिक सोच के प्रभाव के साथ।

    Indian Fashion 14c to 21c भारतीय महिलाओं के फैशन का विकास

    भारतीय फैशन का इतिहास सिर्फ कपड़ों का नहीं, बल्कि संस्कृति, पहचान और स्वतंत्रता की सोच का भी विकास है। भारतीय महिलाओं का पहनावा समय के साथ समाज, सिनेमा और ग्लोबल exposure के प्रभाव से बदला है — लेकिन rooted हमेशा अपनी भारतीयता से ही रहा है

    प्राचीन और मध्यकालीन दौर

    भारत में महिलाओं का पारंपरिक पहनावा साड़ी, घूंघट और लहंगा-चोली था।

    • यह पहनावा सिर्फ सौंदर्य नहीं, संस्कार का प्रतीक माना जाता था । कपड़ों में अधिकतर कॉटन, सिल्क और हैंडवोवन फैब्रिक का उपयोग होता था। क्षेत्र के अनुसार स्टाइल बदलता था। बनारसी साड़ी, कांजीवरम, गोटा-पत्ती लहंगा, फुलकारी दुपट्टा आदि
    Indian Fashion 14c to 21c
    Indian Fashion 14c to 21c

    स्वतंत्रता आंदोलन और बदलाव की शुरुआत

    गांधी आंदोलन के समय खादी एक विचारधारा बनी। महिलाओं ने साड़ियाँ इस अंदाज़ में पहनना शुरू किया, जो आरामदायक और सादगीपूर्ण हो।

    • यहाँ से “simplicity is elegance” philosophy शुरू हुई
    • यह पहला मोड़ था, जब फैशन statement नहीं, expression बना

    60s–90s: बॉलीवुड का स्वर्ण युग

    Cinema ने फैशन को सीधे घर-घर पहुँचाया

    • मधुबाला और नरगिस ने grace और elegance को define किया
    • हेमा मालिनी, श्रीदेवी, माधुरी दीक्षित ने “बोल्ड लेकिन भारतीय” फैशन को रफ्तार दी
    • 90s में अर्जुन स्टाइल साड़ी, पतियाला सूट और शिफॉन साड़ी iconic बन गई

    2000s: Indo-Western का युग

    इस दौर ने पहली बार Fashion को “Global Language” बनाया

    • कुर्ती + जींस
    • अनारकली सूट
    • fusion शर्ट + शरारा
    • बेल्ट वाली साड़ी
    • crop टॉप + लहंगा

    Comfort + Glamour = New Indian Fashion Identity

    आज का दौर: स्वतंत्रता और Sustainability

    आज का Indian Women Fashion सबसे ज़्यादा inclusive & expressive है

    • साड़ी को Cape, Jacket और बेल्ट के साथ styling
    • Office + Festive दोनों के लिए wearable fashion
    • Zero Waste & Organic fashion का trend
    • Global runways पर भी Indian designers की धूम

    भारतीय महिलाओं का फैशन एक सफर है — घूंघट से Global Ramp तक, जहाँ हर दौर ने उसे और ज्यादा powerful और expressive बनाया। यह केवल कपड़ों का बदलाव नहीं, बल्कि महिलाओं की सोच और स्वतंत्रता का reflection है।



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