Welcome to WordPress. This is your first post. Edit or delete it, then start writing!
Blog
-
Bhai Dooj 2025 Date: कल या परसों, कब मनाया जाएगा भाई दूज? जानें क्या रहेगी सही तिथि
Bhai Dooj 2025 Date: कल या परसों, कब मनाया जाएगा भाई दूज? जानें क्या रहेगी सही तिथि
Bhai Dooj 2025 Date: भाई–बहन के स्नेह का पर्व कब मनाया जाएगा? जानें सही तिथि, पूजा मुहूर्त और महत्व
Bhai Dooj 2025 कब है? क्या इस साल भाई दूज दिवाली के अगले दिन पड़ेगा या उसके परसों? यहां जानें सही तिथि, पूजा का समय, परंपरा और इसका महत्व।
Bhai Dooj 2025 कब है?
दिवाली के दो दिन बाद मनाया जाने वाला भाई दूज (जिसे भाऊ बीज, भैया दूज या यम द्वितीया भी कहा जाता है) 2025 में गुरुवार, 23 अक्टूबर को मनाया जाएगा।
कुछ स्थानों पर तीथि परिवर्तन को देखते हुए 22 अक्टूबर बुधवार की शाम भी महत्वपूर्ण मानी जा सकती है, लेकिन उत्तरी भारत में मुख्य पर्व 23 अक्टूबर 2025 को ही मनाया जाएगा।
Bhai Dooj 2025 Date भाई दूज का महत्व Bhai Dooj 2025 Date
यह पर्व भाई–बहन के अटूट प्रेम और रक्षा के वचन का प्रतीक है। पौराणिक मान्यता के अनुसार, यमराज बहन यमुना के घर भोजन करने आए थे, और तभी से यह पर्व शुरू हुआ। बहनें भाई की लंबी उम्र की कामना करती हैं और भाई बदले में रक्षा का संकल्प देता है।
पूजा विधि
- सुबह स्नान के बाद शुभ मुहूर्त में पूजा की तैयारी || चौक पर चौमुखी दीपक जलाना || भाई को तिलक लगाकर हाथों से भोजन या मिठाई खिलाना || भाई द्वारा बहन को उपहार या नवीन वस्त्र देना || बहन द्वारा आरती और दीर्घायु की कामना
भाई दूज का शुभ मुहूर्त (Bhai dooj 2022 shubh muhurat)
पंचांग के अनुसार, भाई दूज कार्तिक मास के शुक्लपक्ष की द्वितीया तिथि को मनाई जाती है। 22 अक्टूबर, बुधवार को भाई दूज की तिथि रात 8 बजकर 16 मिनिट पर शुरू होगी और 23 अक्टूबर यानी दुसरे दिन रात 10 बजकर 46 मिनिट पर समाप्त होगी ।
इस दिन क्या करें
भाई को तिलक लगाएँ और आरती करें । बहन को स्नेह से उपहार दें। घर में गौ माता और तुलसी पूजन भी मंगलकारी माना जाता है ।
Saal Mubarak 2025: दिवाली के बाद क्यों मनाया जाता है नया वर्ष? जानिए इसका महत्व और परंपरा
शोर्ट वीडियोज देखने के लिए VR लाइव से जुड़िये
गुजराती न्यूज़ देखने के लिए फेसबुक पेज फोलो करने के लिए VR लाइव से जुड़िये
VR NEWS LIVE
-
Asrani Death: दिवाली के दिन 84 साल की उम्र में निधन, बॉलीवुड ने खोया अपना कॉमेडी खजाना
Asrani Death: दिवाली के दिन 84 साल की उम्र में निधन, बॉलीवुड ने खोया अपना कॉमेडी खजाना
बॉलीवुड के दिग्गज एक्टर और कॉमेडियन असरानी अब हमारे बीच नहीं रहे। दिवाली के दिन, सोमवार 20 अक्टूबर की शाम करीब 4 बजे, 84 साल के असरानी का निधन हो गया। उनका असली नाम गोवर्धन असरानी था।

Asrani Death सूत्रों के मुताबिक, असरानी पिछले कई दिनों से आरोग्य निधि अस्पताल में भर्ती थे और उनका इलाज चल रहा था। उन्हें फेफड़ों की गंभीर समस्या थी, जिसके चलते उनके स्वास्थ्य में लगातार गिरावट देखी जा रही थी। उनके मैनेजर बाबुभाई थीबा ने पुष्टि की कि उनकी तबीयत लंबे समय से खराब थी और अस्पताल में उनकी देखभाल की जा रही थी।

Asrani Death असरानी ने बॉलीवुड में कई यादगार भूमिकाएँ निभाईं और कॉमेडी में अपने अनोखे अंदाज़ से हमेशा दर्शकों के दिलों में जगह बनाई। उनकी हँसी और विशिष्ट अंदाज़ अब फिल्मों और यादों में हमेशा जीवित रहेगा।
बॉलीवुड सितारों और फैंस ने सोशल मीडिया पर उनके निधन पर शोक व्यक्त किया और उन्हें श्रद्धांजलि दी। असरानी की कला, हास्य और योगदान भारतीय सिनेमा में अमूल्य और अविस्मरणीय रहेगा।
Vivek Oberoi ने साझा किया: कैसे दुबई शिफ्ट होने ने बनाया 1200 करोड़ रुपये का रियल एस्टेट साम्राज्य
The TAJ Story ताजमहल मंदिर था? परेश रावल का सनातन मिशन शुरू ट्रेलर ने मचा दी गरमी!
शोर्ट वीडियोज देखने के लिए VR लाइव से जुड़िये
VR News Live
-
Vivek Oberoi ने साझा किया: कैसे दुबई शिफ्ट होने ने बनाया 1200 करोड़ रुपये का रियल एस्टेट साम्राज्य
Vivek Oberoi ने साझा किया: कैसे दुबई शिफ्ट होने ने बनाया 1200 करोड़ रुपये का रियल एस्टेट साम्राज्य
विवेक ओबेरॉय ने साझा किया: कैसे दुबई शिफ्ट होने ने बनाया 1200 करोड़ रुपये का रियल एस्टेट साम्राज्य
विवेक ओबेरॉय, जिन्हें बॉलीवुड में उनकी रोमांटिक भूमिका साथिया (2002) के लिए याद किया जाता है, इस बार सुर्खियों में अपनी फ़िल्मी भूमिकाओं के बजाय व्यापारिक सफलता के कारण हैं। 48 वर्षीय अभिनेता ने कथित तौर पर 1200 करोड़ रुपये से अधिक का रियल एस्टेट पोर्टफोलियो तैयार किया है, एक ऐसा आंकड़ा जिसने प्रशंसा और चकित होने दोनों को जन्म दिया।
Vivek Oberoi ऐश्वर्या राय से मिले तब से विवादों से घिरे रहे है। सलमान खान से पंगा ले लिया था।
हाल ही में एक इंटरव्यू में, विवेक ने दुबई में शिफ्ट होने को अपनी उद्यमशीलता की यात्रा का निर्णायक मोड़ बताया। उन्होंने कहा कि दुबई की संस्कृति और स्वतंत्रता ने उन्हें व्यावसायिक अवसरों का आदर्श मिश्रण प्रदान किया। “आपको पूरी आज़ादी है। बस स्थानीय कानूनों, रीति-रिवाजों और लोगों का सम्मान करें, और आपको कोई समस्या नहीं होगी। यह एक संघर्ष-मुक्त, सुकून भरा माहौल है जहाँ आप फल-फूल सकते हैं,” उन्होंने साझा किया।

Vivek Oberoi राम गोपाल वर्मा की फ़िल्म कंपनी से बॉलीवुड में कदम रखने वाले विवेक ओबेरॉय, अनुभवी अभिनेता और व्यवसायी सुरेश ओबेरॉय के बेटे हैं। युवा, ओमकारा, और शूटआउट एट लोखंडवाला जैसी फिल्मों के लिए मशहूर होने के बावजूद, विवेक को लंबे समय से बिज़नेस का शौक रहा है। बताया जाता है कि शुरुआती निवेश के जरिए उन्होंने किशोरावस्था में ही अपनी पहली बड़ी सफलता हासिल कर ली थी।
आज विवेक ओबेरॉय यूएई स्थित बीएनडब्ल्यू डेवलपमेंट्स के प्रमुख हैं, एक लग्ज़री रियल एस्टेट फर्म। फॉर्च्यून इंडिया के अनुसार, कंपनी की वर्तमान संपत्ति का मूल्यांकन लगभग 7 अरब अमेरिकी डॉलर है। विवेक का मानना है कि दुबई का स्वागतपूर्ण माहौल, सुरक्षा और व्यावसायिक स्वतंत्रता ने उनके व्यवसाय को फल-फूलने का मौका दिया, और अब यह उनके लिए ऐसा महसूस होता है जैसे यह उनका दूसरा घर हो।
Vivek Oberoi Net Worth: विवेक ओबेरॉय, जिनकी नेटवर्थ 1200 करोड़ रुपये है, अब भारत छोड़कर दुबई में बस गए हैं. कोविड के दौरान शिफ्ट हुए विवेक को वहां का बिजनेस-फ्रेंडली माहौल इतना पसंद आया कि परिवार समेत वहीं रहने लगे. अब उनका बिजनेस तेजी से बढ़ रहा है.
विवेक ओबेरॉय का बिजनेस पोर्टफोलियो

Vivek Oberoi BNW Real Estate Developers: दुबई में BNW Real Estate Developers के नाम से विवेक ने रियल एस्टेट कंपनी शुरू की. आज यह लग्जरी प्रोजेक्ट्स में बड़ा नाम बन चुका है. इस कंपनी के बड़े प्रोजेक्ट्स में Taj Wellington Mews (Al Marjan Island) जैसे प्रीमियम प्रोजेक्ट शामिल हैं. वर्तमान में BNW 23 अल्ट्रा-लक्जरी प्रोजेक्ट्स पर काम कर रही है, जिनकी कुल वैल्यू लगभग $7 बिलियन बताई जाती है.
लैब-ग्रो डाइमंड ब्रांड Solitario: विवेक ने Solitario नाम से लैब-ग्रो डाइमंड ब्रांड लॉन्च किया. इसके पीछे उनका मकसद ‘रक्त हीरे’ (Blood Diamonds) के अवैध कारोबार के खिलाफ एक नैतिक स्टैंड लेना था. “Blood Diamond” फिल्म देखने के बाद उन्होंने यह फैसला लिया.
Rutland Square Spirits Ltd में निवेश: विवेक ने Rutland Square Spirits Ltd में भी निवेश किया है. उन्होंने इस जिन ब्रांड में 21% हिस्सेदारी खरीद ली है. कंपनी की वैल्यूएशन लगभग 30 मिलियन यूरो बताई जाती है.
विवेक ओबेरॉय के द्वारा और अलग-अलग सेक्टर में निवेश
- AgriTech कंपनी Agribid में स्ट्रैटेजिक रोल || EdTech स्टार्टअप iScholar में निवेश || वाहन सर्विस प्लेटफॉर्म ReadyAssist में भागीदारी || ग्लोबल ब्रांड एक्सीलरेटर Impresario Global में भी विवेक का योगदान है.
The TAJ Story ताजमहल मंदिर था? परेश रावल का सनातन मिशन शुरू ट्रेलर ने मचा दी गरमी!
शोर्ट वीडियोज देखने के लिए VR लाइव से जुड़िये
VR News Live
-
The TAJ Story ताजमहल मंदिर था? परेश रावल का सनातन मिशन शुरू ट्रेलर ने मचा दी गरमी!
The TAJ Story ताजमहल मंदिर था? परेश रावल का सनातन मिशन शुरू ट्रेलर ने मचा दी गरमी!
The TAJ Story परेश रावल जल्द ही “द ताज स्टोरी” नाम की फिल्म में मुख्य भूमिका में नजर आएंगे और इसका ट्रेलर रिलीज़ हो चुका है। सच कहें तो यह शायद साल का सबसे हाई-वोल्टेज ड्रामा है — लेकिन अच्छे तरीके से नहीं। यह एक कोर्टरूम बैटल की कहानी है जिसमें एक टूरिस्ट गाइड ताजमहल की असली “उत्पत्ति” की सच्चाई जानने के लिए कानूनी मोर्चा खोल देता है।
टूर गाइड विष्णु दास के किरदार में परेश रावल वाकई दमदार लगते हैं — और यही इस ट्रेलर का सबसे मज़बूत पहलू भी है। बाकी कंटेंट ऐसा प्रतीत होता है जैसे किसी वायरल व्हाट्सएप यूनिवर्स से सीधे स्क्रिप्ट उठाकर अदालत में पेश कर दिया गया हो। पूरे ट्रेलर का नैरेटिव इस जुनून के इर्द-गिर्द घूमता है कि ताजमहल दरअसल एक मंदिर था। यह वही टोन है जो हाल ही में वायरल हुए उस इंस्टाग्राम रील की याद दिलाता है, जिसमें दावा किया गया था कि “सभी मुसलमान शूर्पणखा के वंशज हैं।”
The TAJ Story क्या है फिल्म का प्लॉट

The TAJ Story ट्रेलर लगातार अदालत में तीखी बहस और भड़काऊ तर्कों का माहौल बनाता है — उदाहरण के तौर पर वो डायलॉग:
“कहीं शाहजहाँ कन्फ्यूज तो नहीं था — मकबरा बनवाऊँ या मंदिर?”
और सबसे विचित्र मोड़ तब आता है जब परेश रावल ताजमहल का “DNA टेस्ट” कराने का सुझाव दे डालते हैं, सिर्फ इसलिए कि उसकी आर्किटेक्चर में एक ‘कलश’ मौजूद है।ट्रेलर विजुअली और भावनात्मक रूप से असरदार ज़रूर दिखता है, लेकिन इसके संवाद जिस तरह राजनीतिक और धार्मिक बहस को हवा देते हैं, वह कई जगह अनावश्यक रूप से सनसनीखेज प्रतीत होता है। परेश रावल ने “ओह माय गॉड” में धर्म और तर्क का बेहद संतुलित चित्रण किया था — लेकिन “द ताज स्टोरी” उस रास्ते से हटकर बहुत अधिक उकसाने वाले नैरेटिव को चुनती दिखती है।
The TAJ Story मज़बूत कलाकारों की टीम
परेश रावल के साथ ज़ाकिर हुसैन, अमृता खानविलकर, स्नेहा वाघ और नमित दास जैसे मज़बूत कलाकारों की टीम होने के बावजूद, ट्रेलर एक गंभीर सामाजिक विमर्श से ज़्यादा हाइपरड्रामा पर जोर देता नज़र आता है। फिल्म खुद को इस सवाल के जरिए बहुत गहरे और बहादुर अंदाज़ में पेश करने की कोशिश करती है —
“आज़ादी के 79 साल बाद भी, क्या हम अब भी बौद्धिक आतंकवाद के गुलाम हैं?”
लेकिन स्क्रीन पर जो दिखता है, वह ज्यादा एक बिना आवश्यकता की उत्तेजना पैदा करने वाला बहस-केंद्रित तमाशा प्रतीत होता है।फिल्म 31 अक्टूबर को सिनेमाघरों में रिलीज़ होने जा रही है।
यदि अभी तक ट्रेलर नहीं देखा है, तो उसे यहाँ देख सकते हैं।
शोर्ट वीडियोज देखने के लिए VR लाइव से जुड़िये
VR News Live
-
Diwali 2025 Laxmi Puja Muhurat: दिवाली पर दुकान, कारखाने और ऑफिस में लक्ष्मी पूजन का सबसे शुभ समय जानें
Diwali 2025 Laxmi Puja Muhurat: दिवाली पर दुकान, कारखाने और ऑफिस में लक्ष्मी पूजन का सबसे शुभ समय जानें
दिवाली 2025 पर व्यापारी, कारोबारी और ऑफिस मालिक लक्ष्मी पूजन कब करें? दुकान, फैक्ट्री और बिज़नेस प्लेस पर धनलक्ष्मी को प्रसन्न करने का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और विशेष उपाय जानें — संपूर्ण जानकारी
दिवाली 2025 का पर्व इस बार अत्यंत शुभ संयोग लेकर आ रहा है। हिंदू पंचांग के अनुसार धनतेरस से लेकर दीपावली तक लक्ष्मी और कुबेर की कृपा प्राप्त करने का उत्तम समय माना जाता है। लेकिन व्यापारियों, दुकान और फैक्ट्री मालिकों के लिए सबसे महत्वपूर्ण प्रश्न यही होता है — “लक्ष्मी पूजन का सबसे सटीक और लाभदायक मुहूर्त कौन सा है?”
दिवाली सिर्फ प्रकाश और खुशियों का त्योहार नहीं, बल्कि समृद्धि, धनवर्षा और व्यापार वृद्धि का आध्यात्मिक प्रवेश द्वार है। खासतौर पर दुकान, ऑफिस, गोदाम, शोरूम, मैन्युफैक्चरिंग यूनिट और कॉर्पोरेट स्पेस में यह पूजन एक बेहद शक्तिशाली ज्योतिषीय महत्व रखता है।

दिवाली का महत्व
दिवाली सिर्फ एक धार्मिक त्योहार नहीं, बल्कि भारत की आर्थिक जीवनधारा के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण अवसर है। इस पर्व के आते ही बाजारों में फिर से रौनक लौट आती है — छोटे दुकानदारों से लेकर बड़ी कंपनियों तक, सभी के लिए यह कमाई का स्वर्णिम समय माना जाता है। नए कपड़े, मिठाइयाँ, उपहार और सजावट की सामग्रियों की खरीद से हर घर में नए आरंभ और समृद्धि का संदेश गूंजता है।
साथ ही, दिवाली सिर्फ रोशनी का उत्सव ही नहीं, बल्कि रिश्तों को जोड़ने का भी पर्व है। इस समय लोग दूरियों को भुलाकर एक-दूसरे के साथ खुशी बाँटते हैं, पुरानी नाराज़गियाँ मिटाते हैं और नए विश्वास के साथ रिश्तों की नई शुरुआत करते हैं। यह त्योहार सामाजिक एकता, प्रेम, सद्भाव और समृद्धि का अद्वितीय प्रतीक है।

Diwali 2025 Laxmi Puja Muhurat पूजन कैसे करें? (Business Focus Tips)
- मुख्य द्वार पर कमलगट्टा और श्रीयंत्र रखें
- कैश काउंटर / सेफ / अकाउंट रूम में लक्ष्मी-कुबेर की प्रतिमा रखें
- पहली आरती धनलक्ष्मी को — दूसरी कार्यलक्ष्मी को (Business Success)
- चांदी का सिक्का या नोट लक्ष्मी चरणों में रखकर पूरे वर्ष तिजोरी में रखें
- ऑफिस/शॉप के सभी इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों पर गुलाल या पीले फूल रखें — टेक्निकल ग्रोथ हेतु शुभ
दिवाली 2025 — मुख्य लक्ष्मी पूजन तिथि
तारीख: सोमवार, 20 अक्टूबर 2025 (अमावस्या तिथि)
दिन: सोमवार (चंद्र और शिव योग का अद्भुत संयोग)
तिथि शुरू: 20 अक्टूबर सुबह 06:11 AM से
तिथि समाप्त: 21 अक्टूबर 04:28 AM तकव्यापारी वर्ग के लिए विशेष शुभ मुहूर्त Diwali 2025 Laxmi Puja Muhurat
मुहूर्त समय (भारतीय मानक समय) उपयोग के लिए उत्तम वृश्चिक लग्न शाम 06:59 PM से 08:47 PM तक दुकान, फैक्ट्री और बिज़नेस पूजन के लिए सर्वश्रेष्ठ प्रदोष काल + निशीथ काल 07:11 PM से 10:55 PM तक कॉर्पोरेट ऑफिस और बैंकिंग से जुड़े लोग सिंह लग्न (Optional) दोपहर 01:23 PM से 03:42 PM तक विशेष Corporate Puja या विदेशी क्लाइंट संबंधित बिज़नेस के लिए सबसे शक्तिशाली मुहूर्त: शाम 06:59 PM से 08:47 PM (वृश्चिक लग्न)
यह मुहूर्त विशेषतः व्यापार, धन आगमन और फाइनेंशियल ग्रोथ के लिए उत्तम है।
शोर्ट वीडियोज देखने के लिए VR लाइव से जुड़िये
गुजराती न्यूज़ देखने के लिए फेसबुक पेज फोलो करने के लिए VR लाइव से जुड़िये
-
Say No To Patake Near Animals सड़क पर पटाखे फोड़ना सामान्य, पर भूखे डॉग्स को खाना खिलाना ‘समस्या’? समाज की सोच पर बड़ा सवाल
Say No To Patake Near Animals सड़क पर पटाखे फोड़ना सामान्य, पर भूखे डॉग्स को खाना खिलाना ‘समस्या’? समाज की सोच पर बड़ा सवाल
Say No To Patake Near Animals सड़क पर पटाखे फोड़ना लोगों को मंजूर, लेकिन स्ट्रीट डॉग्स को खाना खिलाने पर आपत्ति क्यों उठती है? यह स्टोरी बताती है कि असली समस्या लोग नहीं, जागरूकता की कमी है। त्योहारों पर लोग खुले रोड पर पटाखे फोड़ते हैं, जो डॉग्स और जानवरों के लिए खतरनाक और डरावना होता है। लेकिन यही लोग सड़क पर जानवरों को खाना खिलाने पर आपत्ति करते हैं। क्यों?

Say No To Patake Near Animals दिवाली और दूसरे त्योहारों पर सड़कों पर पटाखे फोड़ना हमारे समाज में एक ‘मज़े का हिस्सा’ माना जाता है। भले ही उससे बुजुर्ग, बच्चे, मरीज और खासकर सड़क पर रहने वाले डॉग्स और जानवर डर के मारे कांपते हों, लेकिन बहुत से लोग इसे “कहां मना है? ये तो त्योहार है!” कहकर सही ठहराते हैं।
दिवाली या किसी भी त्योहार पर सड़कों पर लोग पटाखे फोड़ते हैं — खुले रोड, गली, पार्किंग, यहां तक कि ट्रैफिक के बीच में भी। इसे “जश्न” का हिस्सा मान लिया जाता है। लेकिन जब कोई उसी सड़क पर किसी भूखे डॉग या स्ट्रे एनिमल को खाना खिलाता है, तो तुरंत कहा जाता है — “यह मत करो, दिक्कत होती है।”
Say No To Patake Near Animals सवाल ये नहीं कि पटाखे फोड़ने दो या मत दो।
सवाल ये है — इंसानियत कब allow होगी?लेकिन जब कोई इंसान उसी सड़क पर किसी भूखे डॉग को खाना खिलाने लगे, तो कुछ लोग तुरंत कह देते हैं —
“सड़क पर मत खिलाओ, समस्या करते हो!”
यही डबल स्टैंडर्ड आज ट्रेंडिंग बहस का विषय बन गया है।पटाखों का असर — सबसे ज्यादा डरते हैं जानवर
पटाखे हम इंसानों के लिए मनोरंजन हो सकते हैं, लेकिन सड़क पर रहने वाले डॉग्स, बिल्लियों, गायों और पक्षियों के लिए यह सीधा डर, तनाव और खतरा है।
- तेज धमाकों से उनकी सुनने की क्षमता permanent नुकसान तक पहुंच सकती है
- कई डॉग्स भागते-भागते accident का शिकार हो जाते हैं
- कुछ जानवर हार्ट अटैक तक से मर जाते हैं
- बच्चे पटाखे मज़े से फोड़ रहे होते हैं — लेकिन डॉग्स उनकी जान बचाने के लिए छिप रहे होते हैं

Say No To Patake Near Animals यानि जश्न हमारे लिए, पर जानवरों के लिए यह डर, दर्द और survival का समय होता है।
Say No To Patake Near Animals असल दिक्कत क्या है?
सच ये है कि समस्या खाना खिलाने से नहीं, संवेदनशीलता की कमी से है।
लोग पटाखे फोड़कर ध्वनि और वायु प्रदूषण फैला रहे हैं — कोई कुछ नहीं कहता।
पर जब कोई भूखे जीव को खाना खिलाए, तो तुरंत कहा जाता है — “गंदगी होगी, डॉग एडिक्ट हो जाएंगे, बच्चे डरेंगे…”यानि Noise Pollution चलेगा, लेकिन Compassion नहीं?
Law & Reality (Legal Point) Say No To Patake Near Animals
- भारत के Animal Welfare Laws के अनुसार सड़क किनारे जानवरों को खाना खिलाना कानूनी रूप से allowed है, जब तक आप ट्रैफिक को बाधित नहीं करते और सफाई का ध्यान रखते हैं।
- Supreme Court ने भी साफ कहा है — “Feeding is an act of compassion, not crime.”
लेकिन real problem यही नहीं है — लोग feeding को love नहीं, nuisance मानने लगे हैं।
समस्या पटाखों की नहीं, feeding की भी नहीं —
समस्या mindset की है।एक समाज का असली मापदंड यह नहीं कि वो त्योहार कैसे मनाता है —
बल्कि यह कि वह कमज़ोरों को कितनी इज्जत और करुणा देता है।लेकिन खाना खिलाना समस्या क्यों?
अक्सर लोग कहते हैं —
“सड़क पर खाना मत खिलाओ, डॉग्स आदत बना लेंगे, बच्चों के पीछे भागेंगे…”लेकिन असलियत यह है कि जो डॉग नियमित और safe जगह पर खाना खाते हैं, वे ज्यादा शांत और friendly बन जाते हैं।
समस्या feeding की नहीं, irresponsible feeding की है।
तय टाइम || तय स्थान || साफ-सफाई के साथयानी feeding से problem नहीं होती — ignorance से होती है।
त्योहार खुशी का समय है — दर्द और डर फैलाने का नहीं।
“Lights मनाओ — पर किसी जानवर की जिंदगी अंधेरे में मत डालो।”
पटाखे फोड़ने में कोई बुराई नहीं — लेकिन जानवरों के पास, उनके ऊपर या उनके बीच में मत फोड़ो।
और अगर कोई भूखे जानवर को खाना खिला रहा है — वो दुनिया बेहतर बनाने की कोशिश कर रहा है, परेशानी नहीं।
Karang Tel Diya करंज तेल के दीपक जलाने का विज्ञान और परंपरा
शोर्ट वीडियोज देखने के लिए VR लाइव से जुड़िये





