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Tehsildar: स्कूली बच्चों को किसान बनाकर जीवित को मार डाला..। PM किसान सम्मान निधि में तहसीलदार का उत्कृष्ट कार्य!  

Madhya Pradesh

Tehsildar: एमपी के डिंडोरी जिले में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि में गड़बड़ी हुई है। तीन हजार से अधिक विद्यार्थियों को पूर्व तहसीलदार बिसन सिंह ठाकुर ने इसका लाभ दिया है। लापरवाही इतनी थी कि स्कूली बच्चों को भी खेती करना पड़ा। 2700 लोगों को जमीन नहीं थी।

डिंडोरी जिले के तत्कालीन तहसीलदार बिसन सिंह ठाकुर को जबलपुर कमिश्नर अभय वर्मा ने PM किसान सम्मान निधि में गड़बड़ी का दोषी ठहराया है। तत्कालीन तहसीलदार को सही ठहराया गया है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में सुशीला बाई और कीरत सिंह को पुरस्कार दिया गया। दोनों को 5 सितंबर 2019 से 20 अक्टूबर 2019 तक और 25 नवंबर 2019 से 7 अगस्त 2021 तक पीएम किसान योजना की किस्त दी गई। इन लाभुकों को बाद में मर गए और योजना का लाभ नहीं दिया गया। बाद में जांच में पता चला कि दोनों जीवित हैं।

Tehsildar: तहसीलदार आईडी से  मार हुआ घोषित 

इसके अलावा, जांच ने बताया कि दोनों लाभुक जीवित हैं। तहसीलदार की ID से सुशीला बाई और कीरत सिंह को मृत घोषित किया गया है। जबलपुर कमिश्नर ने पाया कि यह काम तहसीलदार की गंभीर लापरवाही का संकेत है।

Tehsildar: भूमिहीन किसान सम्मान निधि का लाभ

वहीं, तहसील डिंडोरी में मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना के सत्यापन के दौरान लगभग 2700 किसानों को भूमि नहीं थी। इन्हें पीएम किसान योजना का लाभ दिया जा रहा था, जो तहसीलदार द्वारा सत्यापित किया गया था। सेल्फ रजिस्ट्रेशन के माध्यम से किसान सिर्फ अपना पंजीयन कर सकते हैं, लेकिन उनकी योग्यता की जांच कर तहसीलदार की आईडी से मंजूरी मिलती है। हितग्राहियों की योग्यता की जांच तहसीलदार ठाकुर ने नहीं की है।

Tehsildar: 2.83 करोड़ रुपये का नुकसान

इसलिए अयोग्य लोगों को योजना का लाभ मिला। साथ ही, शासन को 2,83,00,000 रुपये का नुकसान हुआ है। 6.85 लाख रुपए (2.42 प्रतिशत की क्षति) ही वसूली की गई। तहसीलदार का कार्य वित्तीय अनियमितता है। सत्यापन के दौरान लगभग 300 हितग्राही पाए गए, जिनमें परिवार के मुखिया और अन्य सदस्य भी शामिल थे। इनमें से कुछ नाबालिगों और स्कूल में पढ़ने वालों को फायदा देते हैं।

योग्यता की जांच नहीं की गई

इससे स्पष्ट होता है कि पूर्ववर्ती तहसीलदार ठाकुर द्वारा अनुमोदन से पूर्ववर्ती संबंधित हितग्राहियों की योग्यता की जांच नहीं की गई है। इसके अलावा, अधीनस्थ अमले से कोई जांच नहीं की गई है। यह काम में गंभीर लापरवाही का संकेत है।

अपात्रों को लाभ

तत्कालीन तहसीलदार ठाकुर ने पीएम किसान सम्मान शासन के निर्देशों के खिलाफ निधि योजना से लगभग 3916 अपात्र कृषकों को लाभांवित किया। शासन को लगभग 2,83,00,000 रुपये की क्षति हुई है। ऐसे लोगों को लाभ मिला है, जिनके नाम पर जमीन नहीं है। श्री ठाकुर का उक्त कार्य वित्तीय अनियमितता है। परीक्षण के दौरान पीएम किसान पोर्टल पर योजना का लाभ ले चुके अपात्र किसानों से 3,68,70,000 रुपये की जगह 15,17,000 रुपये वसूले गए हैं।

सामने आई वित्तीय अनियमितता

जबलपुर कमिश्नर अभय वर्मा ने कहा कि तहसीलदार बिसन सिंह ठाकुर ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के धन को लापरवाही से वितरित किया था। उनका यह कार्य कदाचार की श्रेणी में आता है और मध्य प्रदेश सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 के नियम-3 के विपरीत है। उन्हें तुरंत निलंबित कर दिया गया है। निलंबन अवधि में, तहसीलदार का कार्यालय कार्यालय कलेक्टर, सिवनी है।

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