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Ujjain: उज्जैन में खुदाई के दौरान ३०० वर्ष पुराना गुफानुमा रास्ता मिला! बाजीराव की गुप्त धरोहर की खोज?

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Ujjain: उज्जैन में एक खुदाई में ३०० वर्ष पुराना गुफानुमा रास्ता मिला। स्थानीय लोगों और पुरातत्त्व प्रेमियों में इस खोज ने उत्सुकता पैदा की। अधिकारियों ने स्थान की जांच की और एक व्यापक जांच रिपोर्ट बनाई। Dr. RC Thakur ने इस गुफा का ऐतिहासिक महत्व बताया। आगे की कार्रवाई के लिए रिपोर्ट भोपाल भेजी गई।

हाल ही में जगोटी पंचायत भवन और आयुर्वेद औषधालय के बीच चबूतरे के निर्माण के दौरान खुदाई कार्य में एक बहुत महत्वपूर्ण पुरातात्त्विक खोज हुई है। खुदाई के दौरान खोजा गया लगभग 300 साल पुराना रास्ता पुरातत्त्व प्रेमियों और इतिहासकारों को आकर्षित किया है। स्थानीय लोग इस पुरानी गुफानुमा संरचना की खोज से उत्साहित हैं। लोगों में भी कई तरह की बहसें हैं।

Ujjain: मौके पर वरिष्ठ अधिकारी

अधिकारियों ने मौके की जांच करते हुए इस महत्वपूर्ण खोज की जानकारी प्राप्त की। स्थिति की गम्भीरता को देखते हुए एक व्यापक जांच रिपोर्ट बनाई गई है, जो भोपाल भेजी गई है। आगे की कार्रवाई पुरातात्त्विक महत्व को देखते हुए बनाई जाएगी।

Ujjain: डॉ. आरसी ठाकुर ने राज को बताया

डॉ. आरसी ठाकुर, अश्विनी शोध संस्थान के प्रमुख, ने इस स्थान की व्यापक जांच की। उन्हें इस गुफानुमा रास्ते की उम्र और ऐतिहासिक महत्व के बारे में बहुत कुछ पता चला। डॉ. ठाकुर ने बताया कि 20 जनवरी 1734 को पेशवा बाजीराव पृथम ने मालवा को दिया था। यह विभाजन होलकर को दो, सिंधिया को दो और पंवार घराने को एक हिस्सा देता था। इस विभाजन में गौतमबाई को महिदपुर और जगोटी उपहार दिए गए।

Ujjain: पूरी जांच के बाद भविष्य तय होगा 

इस गुफानुमा मार्ग की खोज से स्थानीय सांस्कृतिक सम्पदा को नई दिशा मिलेगी। यह खोज इस क्षेत्र के ऐतिहासिक महत्व को उजागर करेगी और पुरातात्त्विक संरक्षण और खोज के लिए नए अवसर भी देगी। इस महत्वपूर्ण खोज को बचाने और व्यापक अध्ययन करने के लिए आवश्यक उपाय किए जाएंगे। इस गुफानुमा मार्ग की ऐतिहासिक और वैज्ञानिक जांच पूरी होने के बाद भविष्य की योजना बनाई जाएगी।

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