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UP: विपक्षी दलों में उत्तर प्रदेश से सबसे वरिष्ठ अखिलेश यादव ने भी बिना हारे सबसे ज्यादा बार जीतने का रिकॉर्ड बनाया है।

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UP: यूपी के 80 लोकसभा क्षेत्रों से चुने गए 44 सांसद विपक्षी दल से हैं। इनमें 37 सपा, छह कांग्रेस और एक आजाद समाज पार्टी के सदस्य हैं। विपक्षी दल के सभी सांसदों में सबसे ज्यादा बार जीतने का रिकॉर्ड है, बिना किसी पार्टी के मुखिया के नाम हारे हों।

देश की नई सरकार के गठन के बाद 18 जून से शुरू होने वाले लोकसभा के पहले सत्र में कन्नौज संसदीय सीट को एक विशिष्ट उपलब्धि मिलेगी। यहां से चुने गए सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव सदन में उत्तर प्रदेश के विपक्षी सांसदों में सबसे वरिष्ठ सदस्य होंगे। यूपी से सपा और कांग्रेस से चुने गए सांसदों में अखिलेश यादव सबसे ज्यादा पांच बार चुने गए हैं।

कांग्रेस के राहुल गांधी भी पांचवीं बार जीते हैं, लेकिन पिछला चुनाव वह यूपी से हारे थे और वायनाड से चुने गए थे। यूपी की 80 लोकसभा सीट में से जीत कर दिल्ली पहुंचे सांसदों में विपक्षी खेमे के 44 सदस्य हैं। इसमें सबसे ज्यादा 37 सदस्य समावाजवादी पार्टी हैं। छह सदस्य कांग्रेस से और आजाद समाज पार्टी से एक सदस्य हैं। इन सभी 44 सांसदों में सिर्फ सपा मुखिया अखिलेश यादव ही सबसे ज्यादा बार जीतकर पहुंचे हैं।

कन्नौज में चौथी बार विजयी हुए अखिलेश यादव ने पिछली बार 2019 में आजमगढ़ में जीत हासिल की थी। 2000 में, वह कन्नौज से पहली बार उपचुनाव जीते थे। इसके बाद, वह हर बार लोकसभा चुनाव जीता। 2014 में राज्य का मुख्यमंत्री होने के कारण वह लोकसभा चुनाव नहीं लड़े थे। 2009 में वह कन्नौज और फिरोजाबाद से भी चुनाव जीत चुके थे। दोनों चुनाव जीतकर कन्नौज की सीट बचाई और फिरोजाबाद छोड़ दिया। उन्होंने पांच में से छह चुनाव जीते हैं।

UP: छह बार चुनाव जीता, कभी नहीं हारे

अब तक, समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव पांच बार लोकसभा और एक बार विधानसभा चुनाव जीत चुके हैं। हर बार वे सफल रहे हैं। 2000 में कन्नौज से लोकसभा का पहला चुनाव जीते थे। 2004 और 2009 में भी वे लगातार जीते। 2014 में प्रदेश की मुख्यमंत्री थी, इसलिए लोकसभा चुनाव में भाग नहीं लिया। 2019 में आजमगढ़ से चुनाव जीता गया था। 2022 में मैनपुरी की करहल विधानसभा सीट से चुनाव जीते। अब 2024 में कन्नौज से चुनाव जीतेंगे। उनके पास पांच साल तक उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री पद पर रहने के अलावा लोकसभा में हैट्रिक जीत का भी अनुभव है।

UP: डिंपल और धर्मेंद्र ने अखिलेश के बाद चौथी बार चुनाव जीता है।

सपा के नेता अखिलेश यादव के बाद उनके भाई धर्मेंद्र यादव और पत्नी डिंपल यादव चौथी बार सांसद चुने गए हैं। 2012 और 2014 में डिंपल यादव दो बार कन्नौज से सांसद चुनी गईं। उसने 2022 में मैनपुरी के उपचुनाव में जीत हासिल की और अब 2024 में फिर से लगातार चुनाव जीता है। 2004 में धर्मेंद्र यादव मैनपुरी से चुनाव जीते थे। 2009 और 2014 में बदायूं से सांसद रहे। 2019 में आजमगढ़ से हारने के बाद इस बार चौथी बार सांसद बने हैं।

UP: आधे से अधिक पहली बार सांसद

भाजपा के 37 प्रत्याशी में से अधिकांश पहली बार सांसद बने हैं। उनके भाई आदित्य यादव बदायूं से इसमें पहली बार जीते हैं। साथ ही कैराना से इकरा हसन, रामपुर से मुहिबुल्ला नदवी, संभल से जियाउर्रहमान बर्क, मुरादाबाद से रुचिवीरा, आंवला से नीरज मौर्य, धौरहरा से आनंद भदौरिया, इटावा से जितेंद्र दोहरे, एटा से देवेश शाक्य, बांदा से कृष्णा पटेल, फतेहपुर से नरेश उत्तम पटेल, फैजाबाद से अवधेश प्रसाद, प्रतापगढ़ से एस

राहुल सबसे अनुभवी कांग्रेसी

यूपी से चुने गए कांग्रेस सांसदों में पूर्व राष्ट्रपति राहुल गांधी सबसे अनुभवी हैं। वह चौथी बार उत्तर प्रदेश से सांसद चुने गए हैं। वह पिछले चुनाव में केरल के वायनाड से जीत हासिल की थी। 2019 में, वह अमेठी से हैट्रिक लेने के बाद चौका लगाने से चूक गए। वह इस बार अपने आसपास के शहर रायबरेली से सांसद चुने गए हैं। उनकी पार्टी के अमेठी, इलाहाबाद, बाराबंकी, सीतापुर और सहारनपुर के पांच सांसद पहली बार लोकसभा चुनाव जीते हैं।

UP: विपक्षी दलों में उत्तर प्रदेश से सबसे वरिष्ठ अखिलेश यादव ने भी बिना हारे सबसे ज्यादा बार जीतने का रिकॉर्ड बनाया है।

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