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UP: भाजपा की पराजय के ‘विलेन’ हैं..। कई सीटों के परिणाम चिंता का कारण हैं; इस समाज का वोट नहीं मिला!

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UP: भाजपा को यूपी में लोकसभा चुनाव में मिली कम सीटों पर विवाद जारी है। प्रदेश अध्यक्ष और संगठन महामंत्री ने लोकसभा चुनावों का विश्लेषण किया। टास्क फोर्स 20 तक भाजपा नेतृत्व को हर सीट की रिपोर्ट कार्ड देगी।
भाजपा ने लोकसभा चुनाव में उम्मीद से कम सफलता मिलने के कारणों की जांच शुरू कर दी है। पार्टी ने सत्तर पदाधिकारियों, जनप्रतिनिधियों और वरिष्ठ नेताओं को प्रत्येक लोकसभा सीट पर निगरानी के लिए भेजा है।
इसके लिए ४० टीमें बनाई गई हैं, जो २० जून तक प्रदेश नेतृत्व को अपनी रिपोर्ट देंगे, दो-दो सीटों की वास्तविकता का पता लगाने के बाद। विस्तृत रिपोर्ट बाद में बनाई जाएगी और भाजपा के शीर्ष नेतृत्व को भेजी जाएगी।

यह भी कहा गया है कि भाजपा को किन सीटों पर भितरघात से नुकसान हुआ है और किन मुद्दों ने उसे सबसे ज्यादा नुकसान पहुँचाया है, इसका विस्तार करने को कहा गया है। ताकि सही चित्र मिल सके, उन्होंने कहा कि जमीनी फीडबैक प्राप्त करने के लिए सीधे कार्यकर्ताओं से बात की जाए। भाजपा के पक्ष में मतदान की कमी का भी अध्ययन किया जाएगा। प्रेक्षक भी विजेता और विजेता प्रत्याशियों से बात करें।

UP: विधायकों पर

शुक्रवार को कानपुर-बुंदेलखंड के प्रत्याशियों से चुनाव नतीजों पर चर्चा करते हुए, अधिकांश ने विधायकों पर हार का आरोप लगाया। बांदा के प्रत्याशी आरके सिंह पटेल ने सीधे विधायकों को दोष देते हुए कहा कि भितरघात के कारण उन्हें कुर्मी वोट तक नहीं मिले।
बहुत से प्रत्याशियों ने कहा कि उनके क्षेत्र के विधायक चुनाव के दौरान चुप रहे और अपनी ही पार्टी को हराने की कोशिश करते रहे। ओबीसी वोट बैंक के विघटन को रोका नहीं जा सका, हालांकि कई प्रयासों के बावजूद। पार्टी ने बृहस्पतिवार को अवध क्षेत्र में भी एक बैठक की थी।

UP: कई सीटों के परिणाम चिंता का कारण हैं

पार्टी नेतृत्व को कई सीटों के परिणामों से चिंता है। पार्टी ने वाराणसी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और लखनऊ में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को मिले वोटों को गम्भीरता से लेते हुए उनकी वजहों की खोज शुरू कर दी है। पार्टी ने भी अमेठी में स्मृति ईरानी, सुल्तानपुर में मेनका गांधी और चंदौली में डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय जैसे नेताओं की पराजय के कारणों को खोजने के लिए पूरी कोशिश की है।

UP: ये समीक्षा करेंगे

1. भूपेंद्र सिंह चौधरी- बरेली, अमेठी, 2. धर्मपाल सिंह- लखऊ, रायबरेली, 3. सुभाष यदुवंश व गोपाल अंजान भुर्जी- सुल्तानपुर, प्रतापगढ़ 4. अमरपाल माैर्या व हर्षवर्धन आर्य- कानपुर, कन्नौज, 5. गोविंद नारायण शुक्ला व आशीष सिंह आशू- सहानपुर, कैराना, 6. संजय राय व संतविलास शिवहरे- फूलपुर, कौशाम्बी, सलेमपुर, 7. मानवेंद्र सिंह व रामचंद्र प्रधान- रामपुर, संभल, 8. दिनेश शर्मा व शंकर लोधी- गौतमबुद्धनगर, बुलंदशहर, 9. नवीन जैन व रणजीत सिंह कुशवाहा- भदोही, मिर्जापुर, 10. ब्रज बहादुर- मुरादाबाद, नगीना, 11. सुरेश राणा – अकबरपुर, जालौन, 12. शिवभूषण सिंह- चंदौली, गाजीपुर, 13. समीर सिंह – आगरा, फतेहपुर, 14. कौशलेंद्र पटेल- लालगंज, बासगांव 15. अनिल यादव -संतकबीरनगर, बस्ती, 16. राजेश चौधरी- डुमरियागंज, गोंडा, 17. विजय बहादुर पाठक- इलाहाबाद, राबर्ट्सगंज।

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