UP: आलू की कम पैदावार और गर्मी की मार ने आलू का मूल्य तीन गुना बढ़ा दिया है। मांग अधिक है और बाहर से आयात कम है। कोल्ड स्टोर से निकासी जल्दी नहीं होती। कुल 139 लाख मीट्रिक टन आलू खरीदा गया था, लेकिन 20 प्रतिशत निकासी हुई है। प्रति किलो आलू फुटकर में ३० रुपये बिक रहा है।
आलू की कम पैदावार और गर्मी ने उसके मूल्य को तीन गुना बढ़ा दिया है। अंतरराष्ट्रीय आयात कम है और मांग अधिक है। कोल्ड स्टोर से बाहर निकासी धीमी है। कुल 139 लाख मीट्रिक टन आलू स्टोर हुआ था, लेकिन 20% निकासी हुई है। प्रति किलो आलू फुटकर में ३० रुपये में खरीदा जाता है।
उत्तर प्रदेश में आलू बेल्ट करीब बारह जिले हैं, जिनमें आगरा, फिरोजाबाद, फर्रुखाबाद, कन्नौज, इटावा और कानपुर शामिल हैं। इस क्षेत्र में किसान दो आलू की फसल लेते हैं। दिसंबर 2023 में नया आलू बाजार में आने के बाद पुराने को फेंकने का समय आ गया।
उस समय नया आलू 500 रुपये से 724 रुपये प्रति क्विंटल था। इसके बाद कीमतें बढ़ने लगीं, जो जून में 2200 रुपये प्रति क्विंटल से अधिक हो गईं। जून 2023 में यह नौ सौ से एक हजार रुपये प्रति क्विंटल था।
मण्डी जानकारों का कहना है कि भाव अभी तीन हजार के आसपास होगा। ऐसे में आम लोगों को प्रति क्विंटल आलू के लिए लगभग ४० रुपये खर्च हो सकता है। क्योंकि थोक में २० रुपये से अधिक होने पर फुटकर में ३० रुपये प्रति किलो बिक रहा है
कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि जनवरी-फरवरी में हुई बारिश ने उत्पादन को कम किया, लेकिन अप्रैल-मई में हीटवेब रहा। इससे गर्मी में आलू की खपत बढ़ी और हरी सब्जियों का उत्पादन कम हुआ।
UP: राज्य की स्थिति
राज्य में करीब 198 कोल्ड स्टोर हैं। सीजन में 222 लाख मीट्रिक टन आलू उत्पादित हुए, जबकि उद्यान विभाग ने करीब 245 लाख मीट्रिक टन आलू उत्पादन का लक्ष्य रखा था। जिसमें 139 लाख मीट्रिक टन कोल्ड स्टोर में रखा गया था, उसमें से लगभग 20 प्रतिशत निकल चुका था। आलू की तेजी की वजह से कोल्ड स्टोर में आलू रखने वाले व्यापारी अभी आलू नहीं निकाल रहे हैं। यूपी से लगभग 102809.74 मीट्रिक टन (करीब 94.44 करोड़ रुपये) आलू नेपाल भेजा गया।
UP: विभिन्न मंडियों में यह न्यूनतम था
23 जून को विभागीय रिपोर्ट के अनुसार, जालौन में 2350 रुपये प्रति क्विंटल, झांसी में 2280 रुपये, आगरा में 1780 रुपये, आजमगढ़ में 2200 रुपये, फर्रुखाबाद में 1775 रुपये, वाराणसी में 1985 रुपये, मेरठ में 2050 रुपये और सहारनपुर में 2200 रुपये प्रति क्विंटल रहा।
क्या आपको लगता है कि जिम्मेदार आलू उत्पादक किसानों को उचित दाम मिल रहा है? कोल्ड स्टोर से निकासी की स्थिति पर निगरानी की जाती है। पैदावार में कमी और घरेलू मांग के साथ-साथ बाहर से भी मांग है। इसलिए कीमतें बढ़ी हैं। इस वर्ष आलू का उत्पादन बढ़ने की उम्मीद है।- कौशल कुमार नीरज, आलू उप निदेशक
UP: शुरूआत में आलू की मांग कम थी। व्यापारी खरीदने से भाव बढ़े। ये व्यापारी आलू अब नहीं निकाल रहे हैं। इसलिए आलू की कीमत भी बढ़ी है। आलू को स्टोर से निकाल दें। – प्रगतिशील किसान सुधीर शुक्ला, फर्रुखाबाद
हरी सब्जी कम होने से होटल से लेकर घरेलू परिवार भी आलू पर निर्भर हैं। दूसरे राज्यों में भी इसे पसंद किया जा रहा है। यही कारण है कि उत्तर प्रदेश में भी आलू की मांग बढ़ी है।- रघुनाथ सिंह, आगरा औद्यानिक उत्पाद एवं विपणन सहकारी समिति के अध्यक्ष
जून महीने में आमतौर पर 20 से 25 ट्रक प्रतिदिन मंडी में आते थे, लेकिन इन दिनों सिर्फ चार से पांच ट्रक आलू आ रहे हैं। आसाम, बिहार और अन्य राज्यों से भी लगातार मांग है। पंजाब में आलू नहीं है। इसलिए भी महंगाई है। -रिंकू वर्मा, सातनपुर आढ़ती मंडी समिति
यूपी में पंजाब का आलू पहले आया था। इस साल वह नहीं आया। आगरा का आलू महाराष्ट्र जाता है। आसाम और पश्चिम बंगाल में भी मांग अधिक है। व्यापारी इसलिए अधिक लाभ वाले स्थानों पर भेजता है। 20 प्रतिशत आलू को कोल्ड स्टोर से निकाला गया है।- कन्नौज का कोल्ड स्टोर संचालक मनोज कुमार।
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