UP: रायबरेली के सलोन में एक फर्जी जन्म प्रमाणपत्र मामले में जांच टीम ने महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त की। CSC संचालक जीशान खान, सुहेल और रियाज खान को संदिग्ध गतिविधियों का पता चला।
रायबरेली के सलोन में बनाए गए लगभग 20 हजार फर्जी जन्म प्रमाणपत्रों की कड़ियां बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों से जुड़ी हुई हैं। अब तक की जांच से पता चलता है कि यहां से घुसपैठियों को भारतीय नागरिकता देने की साजिश चल रही थी। जन सेवा केंद्र (CSC) के संचालक जीशान खान, सुहेल और रियाज ने इसके बजाय अच्छी कमाई की। यही कारण है कि तीनों ने कुछ दिनों में अच्छी कमाई की। पुलिस ने बताया कि जीशान ने रायबरेली और लखनऊ में अच्छी संपत्ति खरीदी है।
सलोन का फर्जी जन्म प्रमाणपत्र भी कर्नाटक, केरल और मुंबई से संबंधित है। इसी महीने पापुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के एक आरोपी को कर्नाटक पुलिस ने गिरफ्तार किया था। इसी स्थान से उसका जन्म प्रमाणपत्र भी बनाया गया था। जब जांच टीम रायबरेली पहुंची, तो धीरे-धीरे पूरा मामला सामने आने लगा।
UP: अधिकांश अल्पसंख्यकों के प्रमाणपत्र
प्रशासनिक और पुलिस सूत्रों के अनुसार, सलोन में सबसे अधिक अल्पसंख्यकों के पास फर्जी प्रमाणपत्र हैं। इनमें 2023 में मुंबई में गिरफ्तार किए गए चार बांग्लादेशियों के नाम भी हैं। इससे पहले जम्मू में गिरफ्तार किए गए कुछ रोहिंग्या लोगों को यहां बने जन्म प्रमाणपत्र मिले।
UP: वीडीओ के चार गिरफ्तार
परीक्षण में पता चला कि सलोन निवासी सीएससी संचालक मोहम्मद जीशान, रियाज और सुहेल खान ने ग्राम विकास अधिकारी (वीडीओ) विजय सिंह यादव की यूजर आईडी और पासवर्ड का उपयोग करके फर्जी प्रमाणपत्र बनाए। पुलिस ने इस पर मुकदमा दर्ज किया और सभी को जेल में डाल दिया।
बाराबंकी भी परीक्षण के अधीन है।
सूत्रों ने बताया कि फर्जी प्रमाणपत्रों के मामले में बाराबंकी भी जांच की जा सकती है। यहाँ पीएफआई सक्रिय है। 2022 में, पीएफआई के कोषाध्यक्ष नदीम और सदस्य कमरुद्दीन को कुर्सी थानाक्षेत्र के गौराहार से गिरफ्तार किया गया था। एनआईए ने 2023 में गौराहार से ही पीएफआई के एक सक्रिय सदस्य को गिरफ्तार किया था। नेपाल के सीमावर्ती जिलों में भी यह मामला बताया जा रहा है। ऐसे में जांच का क्षेत्र भी अवध के गोंडा, बलरामपुर, श्रावस्ती और बहराइच तक बढ़ सकता है।
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UP: रायबरेली में बांग्लादेशियों को नागरिकता देने का षड्यंत्र, कर्नाटक, केरल और मुंबई से भी जुड़े
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