Varanasi: वाराणसी में पहली ही बारिश में सब कुछ नष्ट हो गया। 12 घंटे तक कई क्षेत्रों में बिजली नहीं थी, जिससे 22 सड़कें धंसीं। वहीं 29 मोहल्लों में घुटने भर पानी भरने से लोगों को बहुत परेशानी हुई।
नगर निगम की उम्मीदों की पोल पहली बारिश में ही खुल गई। मंगलवार की देर रात बारिश के बाद बुधवार तक 29 क्षेत्रों में जलभराव हुआ। कई जगह घुटने भर तक पानी था। लोगों को इससे परेशान होना पड़ा। जलभराव से भरे भोजूबीर से सिंधोरा मार्ग पर चांदमारी के लोगों ने पानी में बैठकर अपना विरोध जताया।
जलभराव को कम करने के लिए नगर निगम ने कोई स्थायी उपाय नहीं निकाला। इससे हर बार बारिश में जलभराव होता है। इन दिनों नगर निगम नालों को साफ करता है। इस मुद्दे को लेकर कई बार बैठकें भी हुई हैं। भी पार्षदों ने शिकायतें दीं।
नगरपालिकाओं ने भी अपने-अपने क्षेत्रों की समस्याओं को बताया है, लेकिन जलभराव की समस्या को हल नहीं किया गया है। कुछ घंटों की बारिश के बाद सड़कें तालाब की तरह भरी हुईं। लोग घुटनों पर पानी से गुजर रहे हैं। जलभराव वाले क्षेत्रों से पानी निकालने का प्रबंध किया गया है, नगर निगम के मुख्य अभियंता मोइनुद्दीन ने बताया।
Varanasi: इन क्षेत्रों में अधिक जलभराव
लल्लापुरा, नई सड़क, गिरिजाघर, चेतगंज, बेनियाबाग, गोदौलिया, फातमान रोड, मलदहिया, मंडुवाडीह, मैदागिन, लहुराबीर में ज्यादा जलभराव रहा। इसके अलावा कच्ची बाग जैतपुरा, पीलीकोठी बलुआबीर, बहेलिया टोला, मच्छोदरी, पीलीकोठी, औरंगाबाद, लक्सा, सोनिया, सिगरा, महमूरगंज, सुंदरपुर, नरिया, लंका, भेलूपुर, इंग्लिशया लाइन, चौक, दशाश्वमेध आदि इलाकों में जलभराव से परेशानी रही।
Varanasi: बारिश के दौरान २२ स्थानों पर सड़कें धंसीं
पहली बारिश में ही शहर के मुख्य क्षेत्रों में २२ सड़कें धंस गई हैं। सिगरा चौराहे से सिद्धगिरीबाग जाने वाली सड़क चार जगह धंस गई। कई स्थानों पर भी बड़े-बड़े गड्ढे बन गए। यहां लोहे की बैरिकेडिंग लगाई गई है ताकि लोग गिरने से बच सकें।
पैदल आवागमन भी कई स्थानों पर मुश्किल हो रहा है।
भोजूबीर सब्जी मंडी, मीरापुर बसही, नवलपुर, पंचक्रोशी मार्ग, अर्दली बाजार, महावीर मंदिर, सोनारपुरा, हरिश्चंद्र, जवाहर नगर, शंकुलधारा, साकेत नगर, संकट मोचन, भेलूपुर, मंडुवाडीह, महमूरगंज, औरंगाबाद, लहंगपुरा, चेतगंज आदि क्षेत्रों की सड़कें धंसी हैं। दोपहिया वाहन चालकों को इससे सबसे अधिक परेशानी होती है।
भोजुबीर क्षेत्र के राकेश सिंह ने बताया कि हर साल बारिश से सड़कें खराब हो जाती हैं। जनता शिकायत करते-करते थक जाती है, लेकिन अधिकारी नहीं बदलते। बारिश के बाद सड़कों की स्थिति इतनी खराब हो जाती है कि पैदल चलना भी मुश्किल हो जाता है, गोलू सिंह ने कहा।
अधिकारी ने कहा
सड़कों की मरम्मत जहां आवश्यक होगी। नगर निगम कुछ खराब सड़कों की मरम्मत करेगा। – केके सिंह, पीडब्ल्यूडी के अधिशासी अभियंता
Varanasi: वरुणापार सहित आधे शहर को बिजली नहीं मिली
तेज हवा की वजह से बिजली के पोल टेढ़े हो गए और कहीं-कहीं तार टूटकर गिर गए। इससे आधा शहर पूरी रात अंधेरे में रहा, और गांवों में भी 10 से 12 घंटे तक बिजली नहीं थी। इसके अलावा, बुधवार सुबह 10 बजे सथवा फीडर पूरनपट्टी से मंगलवार रात 12 से बिजली की आपूर्ति वापस मिली।
मंगलवार की आधी रात से शहर के आधे से अधिक इलाकों में बिजली नहीं थी, जिसमें सुंदरपुर, चेतगंज, औरंगाबाद, आदित्यनगर, चितईपुर चौराहा, भिटारी, बेदौली, वरुणापार के अशोक बिहार, अशोकनगर, दौलतपुर उपकेंद्र से प्रेमचंदनगर, आवास विकास कॉलोनी, यमुनानगर कॉलोनी, इंद्रपुर, सिगरा, पन्नालाल पार्क उपकेंद्र से जुड़े सदर बाजार
मलदहिया मलिन बस्ती में विद्युत कटौती से परेशान महिलाओं ने बुधवार शाम को मलदहिया चौराहे पर चक्का जाम कर दिया। पुलिस ने सूचना मिलने पर पहले समझाया, लेकिन महिलाओं ने नहीं मानी तो लाठी पटककर खदेड़ा। बुधवार देर शाम दीनदयाल उपाध्याय जिला अस्पताल में बिजली न होने से अंधेरा छा गया। वहीं, बीएचयू अस्पताल में ओपीडी से लेकर अन्य विभागों में कमी थी।
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Varanasi: पहली बारिश में बारह घंटे तक बत्ती चलाई गई, बाइस सड़कें धंसीं और बाइस मोहल्लों में पानी भर गया।