Vivek Sagar: भारतीय हॉकी टीम के साथ होशंगाबाद के विवेक सागर ने पेरिस ओलंपिक में पदक जीतकर इतिहास रच दिया है। मुख्यमंत्री मोहन सहित कई नेताओं और मंत्रियों ने उनकी इस जीत को बधाई दी है। इटारसी, उनके घर, उनकी जीत से खुश है। इस ऐतिहासिक जीत पर उनके परिवार को गर्व महसूस हुआ है। शहरवासी भव्य स्वागत की तैयारी कर रहे हैं।
ओलंपिक खेलों के लिए सबसे बड़ा मैदान है। इसे सभी प्रतिस्पर्धाओं का महाकुंभ कहना सही नहीं होगा। वहीं, इतनी बड़ी प्रतियोगिता में दो बार अपना झंडा गाड़ना एक सपना है। एमपी के लाल विवेक सागर ने ऐसा ही काम किया। विवेक ने इटारसी शहर के छोटे से गांव से निकलकर अपनी प्रतिभा को पूरी दुनिया में फैलाया है।
भारतीय टीम के उत्कृष्ट मिडफील्डर और पेरिस ओलंपिक में कांस्य पदक विजेता विवेक सागर ने हॉकी में देश के लिए एक और पदक जीतने पर गर्व और खुशी को रोक नहीं पाए। 2020 टोक्यो ओलंपिक में भी विवेक सागर एक महत्वपूर्ण हिस्सा था। इस महत्वपूर्ण जीत को इटारसी के युवा खेलाडी ने टीम के सीनियर खिलाड़ी श्रीजेश को समर्पित किया है।
Vivek Sagar: CM मोहन ने पुरस्कार की घोषणा की
CM मोहन यादव और डिप्टी CM जगदीश देवड़ा ने विवेक और भारतीय टीम को बधाई दी है। एमपी के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव ने विवेक सागर को एक करोड़ रुपये का पुरस्कार देने की घोषणा की है। टोक्यो ओलंपिक में भी उनकी जीत के बाद एक करोड़ रुपये भी मिले।
Vivek Sagar: विवेक ने कहा कि सपने साकार होने की तरह
विवेक सागर ने इस बारे में कहा कि लगातार दो बार पदक जीतने वाली भारतीय टीम में शामिल होना किसी भी एथलीट का सपना सच होने जैसा है। एक बार फिर पदक जीतकर भारत लौटने पर हम बहुत उत्साहित हैं। साथ ही, उन्होंने हरमनप्रीत के नेतृत्व कौशल की बहुत प्रशंसा की। उन्हें विवेक ने एक अविश्वसनीय खिलाड़ी बताया जो हमेशा कुछ नया सीखता है। गोलकीपर पीआर श्रीजेश के बारे में बात करते हुए विवेक ने अपनी भावनाओं को रोक नहीं पाया। उसने कहा कि टीम का हर खिलाड़ी श्री भाई को रिटायरमेंट पर पदक देना चाहता था।
Vivek Sagar: भारत की टीम में महत्वपूर्ण योगदान
भारतीय पुरुष हॉकी टीम की पेरिस ओलंपिक टूर्नामेंट की शुरुआत काफी तनावपूर्ण रही। पहले मैच में न्यूजीलैंड को भारतीय टीम ने हराया। भारत को 3-2 से जीत दिलाने में विवेक सागर ने एक महत्वपूर्ण गोल भी किया। जो टीम को गति देता था। पूरे टूर्नामेंट के दौरान विवेक ने बहुत बड़ा योगदान दिया। विभिन्न अवसरों पर दो और गोल करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
शहर भर में उत्सव का वातावरण
जब भारत ने एक करीबी मुकाबले में स्पेन को हराकर कांस्य पदक जीता, तो विवेक के गृहनगर इटारसी में जश्न हुआ। विद्या सागर, विवेक के बड़े भाई, गर्व और प्रसन्नता से भरे हुए थे। उनका कहना था कि विवेक ने हमें और पूरे देश को एक बार फिर गौरवान्वित किया है। हम उसके लिए बहुत खुश हैं कि उसकी लगन और कड़ी मेहनत ने सफलता हासिल की है।
वापसी पर परिवार को भव्य स्वागत की व्यवस्था
अब सागर परिवार बेसब्री से अपनी वापसी का इंतजार कर रहा है। वे अपने शहर के हीरो को भव्य स्वागत देने के लिए तैयार हैं। विवेक ने देश को गौरव दिलाया है और क्षेत्र के हजारों युवा एथलीटों को अपने सपनों को साकार करने के लिए प्रेरित किया है। इटारसी नामक छोटे से शहर से दो बार ओलंपिक पदक विजेता बनने तक का विवेक का सफर उनकी खेल के प्रति अटूट लगन, कौशल और जुनून का प्रमाण है। उनकी सफलताओं ने इटारसी को नामांकित किया है। इससे हमें भी विश्वास हुआ कि कड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प के साथ किसी भी बाधा को पार कर सकते हैं।
भारतीय हॉकी में युवा नेतृत्व का उज्ज्वल भविष्य
भारत की हॉकी टीम जीत से खुश है। साथ ही विवेक सागर की कहानी देश भर में मौजूद अविश्वसनीय क्षमता और प्रतिभा का शानदार उदाहरण है। भारतीय हॉकी ने उनके जैसे युवा एथलीटों के नेतृत्व में पहले से कहीं अधिक उज्ज्वल भविष्य देखा है। देश भर के प्रशंसक आने वाले वर्षों में अधिक ऐतिहासिक घटनाओं और जीतों का इंतजार कर रहे हैं।
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Vivek Sagar: होशंगाबाद के लाल का पेरिस ओलंपिक में कमाल, सीएम मोहन ने विवेक सागर की ब्रांज जीत पर बड़ा ऐलान किया, शहर में उत्सव
Hoshangabad में Olympic पदक विजेता Vivek Sagar का स्वागत। कहा- Bronze को Gold में बदलेंगे