WFI: पिछले 11 महीने से चल रहे विवाद ने अब 360 डिग्री का नया मोड़ ले लिया है. खिलाड़ियों के विरोध के बीच आखिरकार सरकार को झुकना पड़ा और नया फैसला आने तक भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के अध्यक्ष समेत पूरे महासंघ की मान्यता रद्द कर दी। सरकार के इस निर्णय को खिलाड़ियों की जीत समजे या सरकार का कोई नया कदम यह तो आने वाले समय में पता चलेगा.
भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) में बृजभूषण शरण सिंह के साथी और करीबी सहयोगी संजय सिंह से पहलवान नाराज थे। जब महिला पहलवान साक्षी मलिक ने कुश्ती छोड़ने की घोषणा की, तो बजरंग पुनिया और गूंगा पहलवानने सरकार के पद्मश्री वापस दे दीये और आखिरकार सरकार के खेल मंत्रालय के आदेश के बाद WFI ने कुश्ती महासंघ को निलंबित कर दिया। बृजभूषण के करीबी नए चेयरमैन संजय सिंह की मान्यता रद्द कर दी गई है.
WFI : संजय सिंह के कुश्ती संघ के सभी फैसलों पर भी रोक
खेल मंत्रालय ने रविवार को नवगठित भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) को निलंबित कर दिया, जो पिछले 11 महीनों से विवादों में घिरा हुआ है। तीन दिन पहले 21 दिसंबर को हुए चुनाव में बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के करीबी संजय सिंह WFI के अध्यक्ष बने थे.
खेल मंत्रालय ने संजय सिंह द्वारा कुश्ती संघ के सभी फैसलों पर रोक लगा दी है. इसके साथ ही अगले आदेश तक सभी कार्यों पर रोक लगा दी गई है.
आपको बता दे की हाल ही में भारतीय कुश्ती महासंघ के चुनाव हुए, जिसमें बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के करीबी संजय सिंह जीते और पहलवान अनीता श्योराण हार गईं. इसके बाद महिला पहलवान साक्षी मलिक ने कुश्ती से संन्यास ले लिया। अब सरकार ने नये कुश्ती संघ को निलंबित कर दिया है.
बृजभूषण के विरोधी पहलवान WFI चुनाव में संजय सिंह के अध्यक्ष चुने जाने से नाराज थे. पहलवान बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगाट ने गुरुवार शाम दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इसी बीच साक्षी मलिक भावुक हो गईं और उन्होंने कुश्ती छोड़ने का ऐलान कर दिया. उसने अपने जूते उतार कर मेज़ पर रख दिये और उठकर चली गयी थी ।
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