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PATNA में धूमधाम से मनाई गई राधाष्टमी, इस्कॉन मंदिर में उमड़ी भक्तों की भीड़
PATNA में धूमधाम से मनाई गई राधाष्टमी, इस्कॉन मंदिर में उमड़ी भक्तों की भीड़
PATNA के इस्कॉन मंदिर में रविवार को राधाष्टमी का पर्व बड़ी श्रद्धा और धूमधाम के साथ मनाया गया। इस अवसर पर मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना, भजन-कीर्तन और आरती का आयोजन हुआ, जिसमें हजारों भक्तों ने भाग लिया।
PATNA के इस्कॉन मंदिर में राधाष्टमी का त्योहार बड़े ही धूमधाम और श्रद्धा के साथ मनाया गया। इस अवसर पर मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना का आयोजन किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में भक्तों ने भाग लिया। वहीं, मंत्रोच्चार और भक्ति गीतों की गूंज के बीच, श्रद्धालु राधा रानी की भक्ति में लीन होकर नाचते-गाते नजर आए। सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ इस्कॉन मंदिर पहुंचने लगी। राधा रानी के जन्मोत्सव को लेकर मंदिर को सुंदर फूलों और रोशनी से सजाया गया था।
PATNA भक्तों की आस्था:
मंदिर प्रांगण भक्ति के रंग में डूबा नजर आया। श्रद्धालु भक्ति गीतों पर झूमते और हरि-नाम संकीर्तन में लीन होकर जयकारे लगाते रहे।

PATNA मंदिर प्रशासन की तैयारी: मंदिर प्रबंधन की ओर से श्रद्धालुओं के लिए प्रसाद और भोग का विशेष प्रबंध किया गया। साथ ही सुरक्षा और व्यवस्था को लेकर भी पूरी सतर्कता बरती गई।
विशेष आयोजन:
- राधा रानी की जन्म आरती और विशेष पूजा का आयोजन
- भजन-कीर्तन और मंत्रोच्चार से गूंजता रहा पूरा परिसर
- भक्तों ने नाचते-गाते हुए राधा रानी के जयकारे लगाए
राधाष्टमी के अवसर पर पटना का इस्कॉन मंदिर भक्ति के रंग में सराबोर हो गया। राधा रानी के जन्मोत्सव के इस खास मौके पर, मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना और आरती का आयोजन किया गया, जिसमें शामिल होने के लिए सुबह से ही बड़ी संख्या में श्रद्धालु उमड़ पड़े।
मंदिर का पूरा प्रांगण मंत्रोच्चार और भक्ति गीतों से गूंज उठा। राधा रानी की भक्ति में लीन श्रद्धालु नाचते-गाते और जयकारे लगाते हुए नजर आए। इस दौरान, भक्तों ने पूरे उत्साह के साथ पूजा में भाग लिया।
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भारी बारिश से Jammu-Shrinagar राजमार्ग बाधित, सांबा रिंग रोड पर 1500 ट्रक फंसे
भारी बारिश से Jammu-Shrinagar राजमार्ग बाधित, सांबा रिंग रोड पर 1500 ट्रक फंसे
Jammu-Shrinagar में लगातार हो रही भारी बारिश ने आम जनजीवन के साथ-साथ परिवहन व्यवस्था को भी प्रभावित कर दिया है। पहाड़ों पर भूस्खलन और जलभराव के कारण जम्मू-श्रीनगर नेशनल हाईवे बंद हो गया है।
जानकारी के मुताबिक सांबा रिंग रोड और आसपास के क्षेत्रों में हालात गंभीर हैं। यहाँ करीब 1500 ट्रक और दर्जनों यात्री वाहन फंसे हुए हैं। इन वाहनों में ज़रूरी सामान और फल-सब्ज़ियों की सप्लाई भी शामिल है, जिससे कश्मीर घाटी में वस्तुओं की कमी का खतरा बढ़ गया है।

Jammu-Shrinagar राजमार्ग को खोलने के लिए BRO और पुलिस की टीम राहत व बचाव कार्य में जुटी हुई है। मशीनरी लगाकर मलबा हटाया जा रहा है, लेकिन लगातार बारिश के चलते दिक्कतें आ रही हैं।
Jammu-Shrinagar प्रशासन का बयान:
जम्मू-कश्मीर ट्रैफिक पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे फिलहाल यात्रा से बचें और केवल प्रशासन की अनुमति के बाद ही हाईवे पर निकलें। यात्रियों की सुविधा के लिए सांबा और आसपास के इलाकों में अस्थायी व्यवस्था की जा रही है।
भारी बारिश के कारण जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग का बाधित होना एक बार फिर घाटी को देश से जोड़ने वाली जीवनरेखा पर संकट खड़ा कर रहा है। फिलहाल राहत दल लगातार काम में लगे हुए हैं और हालात सामान्य करने की कोशिशें जारी हैं।
Modi-Putin की मुलाकात की तस्वीरें चीन के सोशल मीडिया पर छाई
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“Rahu Vakri 2025: धर्म की कसौटी पर आस्था की परीक्षा, जानें कब तक रहेगा राहु का प्रकोप और क्या होंगे नए संकेत”
“Rahu Vakri 2025: धर्म की कसौटी पर आस्था की परीक्षा, जानें कब तक रहेगा राहु का प्रकोप और क्या होंगे नए संकेत”
Rahu Vakri 2025 होने का धार्मिक दृष्टि से प्रभाव
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार राहु जब वक्री (Retrograde) होते हैं, तब उनके प्रभाव और भी प्रबल हो जाते हैं। धर्म और अध्यात्म की दृष्टि से यह समय कई बदलाव लेकर आता है।

Rahu Vakri 2025 Rahu Vakri 2025 धार्मिक दृष्टि से नए परिवर्तन:
- कर्मों का फल तीव्रता से मिलेगा
- राहु वक्री होने पर अच्छे और बुरे कर्मों का फल जल्दी मिलना शुरू हो जाता है।
- छुपे हुए कर्म या अधूरे कार्य सामने आ सकते हैं।
- माया और मोह की परीक्षा
- यह काल इंसान को भटकाने वाला भी हो सकता है।
- धर्मग्रंथों के अनुसार राहु मोह-माया, भ्रम और छल से जुड़े हैं, इसलिए साधक को इस समय सत्संग, ध्यान और मंत्रजाप पर विशेष ध्यान देना चाहिए।
- आध्यात्मिक उन्नति का अवसर
- वक्री राहु इंसान को भीतर झाँकने का अवसर देते हैं।
- साधना, तप और भक्ति से व्यक्ति नकारात्मक प्रभावों से बच सकता है और अपनी आध्यात्मिक शक्ति को बढ़ा सकता है।
- परीक्षा का समय
- धार्मिक मान्यताओं के अनुसार यह काल इंसान की आस्था और संयम की परीक्षा लेता है।
- जो व्यक्ति धर्म मार्ग पर स्थिर रहता है, उसके लिए राहु वक्री वरदान साबित हो सकते हैं।
- मंत्र और पूजा का महत्व
- राहु बीज मंत्र (“ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः”) का जाप करना शुभ माना जाता है।
- शनिवार और राहु काल में पूजा, तिल का दान और हनुमान जी की आराधना विशेष फल देती है।
Rahu Vakri 2025 कब से कब तक रहेगा राहू का प्रकोप ??
राहु हमेशा ज्योतिषीय गणना के अनुसार वक्री गति से चलते हैं और लगभग 18 महीने (1.5 साल) तक एक राशि में रहते हैं। इसलिए राहु का प्रभाव या “प्रकोप” उनकी राशि परिवर्तन (गोचर) से जुड़ा होता है।
Rahu Vakri 2025 वर्तमान स्थिति (2025 के अनुसार)
- राहु अभी मीन राशि में गोचर कर रहे हैं।
- यह गोचर 30 अक्टूबर 2023 से 18 मई 2025 तक रहेगा।
- इसके बाद राहु कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे और वहाँ 18 मई 2025 से 12 दिसंबर 2026 तक रहेंगे।
राहु के “प्रकोप काल” को ऐसे समझें:
- जब राहु अशुभ भाव (जैसे 6th, 8th, 12th) में रहते हैं, तब यह प्रकोप/कष्टकारी प्रभाव देते हैं।
- राहु वक्री रहने पर उनके परिणाम दोगुने प्रबल हो जाते हैं – यानी शुभ भी अधिक, अशुभ भी अधिक।
- राहु का प्रभाव व्यक्ति की कुंडली में उनकी स्थिति और दशा–महादशा के अनुसार तय होता है।
सरल शब्दों में, राहु का मौजूदा प्रकोप 18 मई 2025 तक मीन राशि वालों और जिनकी कुंडली में मीन से राहु के अशुभ स्थान बनते हैं, उन पर अधिक रहेगा। इसके बाद यह प्रभाव कुंभ राशि पर केंद्रित होगा।
Radha Ashtami 2025: कृष्ण जन्माष्टमी के बाद ही क्यूँ राधा अष्टमी मनाया जाता है ?
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- कर्मों का फल तीव्रता से मिलेगा
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SCO शिखर सम्मेलन: यूक्रेन संकट पर मोदी का बड़ा संदेश, पुतिन से बोले– शांति का रास्ता ही मानवता की पुकार
SCO शिखर सम्मेलन: यूक्रेन संकट पर मोदी का बड़ा संदेश, पुतिन से बोले– शांति का रास्ता ही मानवता की पुकार
शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की अहम मुलाकात हुई। इस बैठक में पीएम मोदी ने यूक्रेन युद्ध पर खुलकर बात करते हुए कहा कि “यूक्रेन में शांति का रास्ता खोजना मानवता की सबसे बड़ी पुकार है।”
प्रधानमंत्री मोदी ने स्पष्ट किया कि युद्ध और संघर्ष किसी समस्या का समाधान नहीं हो सकते। उन्होंने जोर दिया कि संवाद और कूटनीति ही आगे बढ़ने का रास्ता है। मोदी ने कहा कि भारत हमेशा से शांति और स्थिरता का पक्षधर रहा है और वह यूक्रेन संकट का शांतिपूर्ण समाधान खोजने में रचनात्मक भूमिका निभाने को तैयार है।
राष्ट्रपति पुतिन ने भी पीएम मोदी के विचारों का स्वागत करते हुए द्विपक्षीय संबंधों को और मज़बूत करने की बात कही। दोनों नेताओं ने ऊर्जा सहयोग, व्यापार और निवेश बढ़ाने के साथ-साथ वैश्विक भू-राजनीतिक हालात पर भी विस्तार से चर्चा की।

SCO शिखर सम्मेलन SCO शिखर सम्मेलन मोदी का संदेश:
पीएम मोदी ने कहा, “यह समय युद्ध का नहीं है। मानवता की भलाई के लिए हमें संघर्ष नहीं, बल्कि शांति का मार्ग चुनना होगा। दुनिया को एकजुट होकर मानवता की पुकार सुननी चाहिए।”
इस मुलाकात ने एक बार फिर भारत की भूमिका को वैश्विक मंच पर शांति और संवाद के प्रवक्ता के रूप में स्थापित किया है। SCO शिखर सम्मेलन के दौरान मोदी और पुतिन की यह बातचीत यूक्रेन संकट के समाधान की दिशा में महत्वपूर्ण संकेत देती है।

SCO शिखर सम्मेलन यूक्रेन संकट पर भारत का रुख
- प्रधानमंत्री मोदी ने दोहराया कि “यह समय युद्ध का नहीं है।”
- उन्होंने कहा कि संघर्ष किसी समाधान का रास्ता नहीं, बल्कि शांति और संवाद ही आगे का रास्ता है।
- भारत ने स्पष्ट संदेश दिया कि वह संकट के शांतिपूर्ण समाधान के लिए रचनात्मक मध्यस्थता करने को तैयार है।
SCO शिखर सम्मेलन पुतिन की प्रतिक्रिया
- रूसी राष्ट्रपति ने भारत के दृष्टिकोण की सराहना की।
- उन्होंने भरोसा दिलाया कि रूस भारत के साथ बहुपक्षीय मंचों पर और द्विपक्षीय स्तर पर मजबूत सहयोग जारी रखेगा।
ऊर्जा और आर्थिक सहयोग
- दोनों नेताओं ने ऊर्जा आपूर्ति और परमाणु ऊर्जा सहयोग पर चर्चा की।
- व्यापारिक संबंधों को नई ऊँचाइयों पर ले जाने के लिए रुपये-रूबल लेनदेन व्यवस्था को और मजबूत करने पर सहमति बनी।
- निवेश बढ़ाने और तकनीकी क्षेत्रों में सहयोग के नए रास्तों पर भी विचार हुआ।

SCO शिखर सम्मेलन SCO शिखर सम्मेलन भूराजनीतिक मुद्दे
- वैश्विक सुरक्षा चुनौतियाँ, आतंकवाद और क्षेत्रीय स्थिरता पर चर्चा हुई।
- दोनों नेताओं ने इस बात पर जोर दिया कि बहुपक्षीय संस्थानों जैसे SCO, BRICS और G20 के जरिए साझा प्रयासों को और मजबूत किया जाए।
भारत की छवि और भूमिका
- इस मुलाकात ने भारत को एक शांति प्रवक्ता और जिम्मेदार वैश्विक शक्ति के रूप में प्रस्तुत किया।
- भारत ने दिखाया कि वह न केवल आर्थिक और सामरिक शक्ति है, बल्कि विश्व राजनीति में संतुलन और संवाद की आवाज भी है।
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SCO शिखर सम्मेलन: पहलगाम आतंकी हमले का जिक्र, सदस्य देशों ने कायराना हरकत की निंदा कर दिखाई एकजुटता
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SCO शिखर सम्मेलन: पहलगाम आतंकी हमले का जिक्र, सदस्य देशों ने कायराना हरकत की निंदा कर दिखाई एकजुटता
SCO शिखर सम्मेलन: पहलगाम आतंकी हमले का जिक्र, सदस्य देशों ने कायराना हरकत की निंदा कर दिखाई एकजुटता
SCO शिखर सम्मेलन दोहराया गया ‘एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य’ के संदेश
घोषणापत्र में कहा गया कि आतंकवाद मानवता का सबसे बड़ा दुश्मन है और इससे निपटने के लिए सभी देशों को सामूहिक प्रयास करने होंगे। भारत द्वारा उठाए गए मुद्दे पर सभी सदस्य देशों ने सहमति जताई।
SCO शिखर सम्मेलन नवाचार और स्टार्टअप्स पर फोकस:
घोषणा में 3–5 अप्रैल 2025 को नई दिल्ली में आयोजित 5वें SCO स्टार्टअप मंच के परिणामों का स्वागत किया गया। यह मंच विज्ञान, तकनीकी प्रगति और नवाचार के क्षेत्र में सहयोग को गहरा करने में अहम माना गया।थिंक टैंक सहयोग:
सदस्य देशों ने 21–22 मई 2025 को नई दिल्ली में हुई 20वीं SCO थिंक टैंक मंच बैठक को भी महत्वपूर्ण बताया। इस मंच ने नीति-निर्माण और क्षेत्रीय सहयोग को नई दिशा देने का कार्य किया।SCO शिखर सम्मेलन सांस्कृतिक सहयोग:
घोषणा में विश्व मामलों की भारतीय परिषद (ICWA) के तहत कार्यरत SCO अध्ययन केंद्र की सराहना की गई। इस संस्थान को सदस्य देशों के बीच सांस्कृतिक और मानवीय आदान-प्रदान मजबूत करने वाला अहम स्तंभ बताया गया।चीन में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन से एक बड़ा संदेश सामने आया है। संयुक्त घोषणापत्र में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जिक्र करते हुए सभी सदस्य देशों ने इस कायराना हरकत की कड़ी निंदा की है।

SCO शिखर सम्मेलन भारत का संदेश:
इस शिखर सम्मेलन में भारत सहित चीन, रूस, पाकिस्तान, कजाख़िस्तान, उज़्बेकिस्तान, किर्गिस्तान और ताजिकिस्तान मौजूद थे। घोषणापत्र में साफ कहा गया कि किसी भी रूप में आतंकवाद मानवता के लिए सबसे बड़ा खतरा है और सभी देशों को मिलकर इससे लड़ना होगा।
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में स्पष्ट किया कि आतंकवाद किसी भी क्षेत्र या धर्म से जुड़ा नहीं है, बल्कि यह पूरी मानव सभ्यता पर हमला है। उन्होंने कहा कि पहलगाम जैसी घटनाएँ आतंकियों की कायरता को दर्शाती हैं और ऐसे हमलों के खिलाफ एकजुट होकर सख्त कदम उठाना जरूरी है।
रूस और चीन सहित अन्य सदस्य देशों ने भी हमले की निंदा करते हुए भारत के प्रति संवेदना जताई। सभी देशों ने यह भरोसा दिलाया कि आतंकवाद से निपटने के लिए SCO मंच पर सहयोग और मजबूत होगा।
SCO शिखर सम्मेलन के संयुक्त घोषणापत्र में पहलगाम आतंकी हमले का जिक्र होना न केवल भारत के लिए कूटनीतिक जीत है, बल्कि यह संदेश भी है कि आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक स्तर पर साझा लड़ाई को और मजबूती मिलेगी।
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Puja Special Train: दिवाली-छठ पर यात्रियों को तोहफ़ा थावे–कोलकाता के बीच स्पेशल ट्रेन शुरू
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Puja Special Train: दिवाली-छठ पर यात्रियों को तोहफ़ा थावे–कोलकाता के बीच स्पेशल ट्रेन शुरू
Puja Special Train: दिवाली-छठ पर यात्रियों को तोहफ़ा थावे–कोलकाता के बीच स्पेशल ट्रेन शुरू
दिवाली-छठ पर्व पर यात्रियों के लिए रेलवे ने खास तोहफ़ा दिया है। भारतीय रेलवे ने थावे से कोलकाता के बीच पूजा स्पेशल ट्रेन चलाने का ऐलान किया है। यह ट्रेन त्योहारों के दौरान यात्रियों की भीड़ को देखते हुए चलाई जा रही है। रेलवे के मुताबिक इस ट्रेन की टिकट बुकिंग पहले ही शुरू हो चुकी है और यात्रियों में काफी उत्साह देखा जा रहा है।
HighLights
- त्योहारी सीजन के लिए स्पेशल ट्रेन |
- थावे जंक्शन से लालकुआं-कोलकाता |
- 4 सितंबर से 13 नवंबर तक चलेगी |
Puja Special Train: ट्रेन का रूट और समय
- यह पूजा स्पेशल ट्रेन थावे जंक्शन से रवाना होकर कोलकाता पहुंचेगी।
- बीच में यह ट्रेन गोरखपुर, छपरा, पटना, गया जैसे महत्वपूर्ण स्टेशनों पर रुकेगी।
- ट्रेन का संचालन दिवाली और छठ महापर्व को ध्यान में रखते हुए विशेष तारीखों पर होगा।
- ट्रेन का टाइमटेबल रेलवे की आधिकारिक वेबसाइट और IRCTC पोर्टल पर उपलब्ध है।
टिकट बुकिंग
- इस ट्रेन की आरक्षण (बुकिंग) IRCTC वेबसाइट और रेलवे रिजर्वेशन काउंटर पर शुरू हो चुकी है।
- त्योहार सीजन को देखते हुए रेलवे ने यात्रियों से जल्दी टिकट बुक करने की अपील की है।
- स्पेशल ट्रेनों में आमतौर पर स्पेशल किराया लागू होता है।

Puja Special Train Puja Special Train यात्रियों को लाभ
- इस ट्रेन से बिहार और झारखंड से कोलकाता जाने वाले हजारों यात्रियों को सुविधा मिलेगी।
- दिवाली और छठ पर्व पर बिहार और पूर्वांचल से बड़े पैमाने पर यात्रियों का पलायन होता है।
- रेलवे का कहना है कि त्योहारों पर भीड़भाड़ को नियंत्रित करने और यात्रियों की सुरक्षा के लिए यह कदम उठाया गया है।
📢 रेलवे का संदेश
रेलवे अधिकारियों ने बताया कि यह ट्रेन त्योहारों के दौरान यात्रियों की सुविधा और सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से चलाई जा रही है। उन्होंने यात्रियों से अपील की कि टिकट केवल आधिकारिक पोर्टल या रेलवे काउंटर से ही बुक करें।
Gujarat में शुरू हुआ देश का पहला मल्टी-लेन फ्री फ्लो टोल प्लाजा
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PM MODI in CHiNa : तियानजिन में पीएम मोदी और राष्ट्रपति शी की मुलाकात, रिश्तों में नई दिशा पर चर्चा
PM MODI in CHiNa: तियानजिन में पीएम मोदी और राष्ट्रपति शी की मुलाकात, रिश्तों में नई दिशा पर चर्चा
PM MODI in CHiNa 31 अगस्त 2025 को तियानजिन (चीन) में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ द्विपक्षीय बातचीत की। इस बैठक में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई:
मौजूदा बैठक: यह बैठक पीएम मोदी की सात साल बाद पहली चीन यात्रा थी और एससीओ सम्मेलन के दौरान आयोजित एक महत्वपूर्ण द्विपक्षीय वार्ता थी।

PM MODI in CHiNa विश्वास, सम्मान और संवेदनशीलता पर ज़ोर: मोदी ने कहा कि भारत-चीन संबंधों को आधार होना चाहिए—आपसी विश्वास, सम्मान और संवेदनशीलता पर।
PM MODI in CHiNa सीमा पर शांति और सीमा प्रबंधन समझौता: पीएम मोदी ने सीमा पर शांति-स्थिरता की स्थिति पर संतोष जताया, और दोनों देशों के विशेष प्रतिनिधियों के बीच सीमा प्रबंधन समझौते का हवाला दिया।
प्रतीकात्मक नहीं, बल्कि रणनीतिक सामंजस्य: संकेत मिले कि मोदी-शी की मुलाकात में प्रतीकात्मक गर्मजोशी की बजाय ठोस कूटनीतिक और रणनीतिक दृष्टिकोण की ओर ध्यान केंद्रित किया गया।
PM MODI in CHiNa “ड्रैगन और हाथी” की संगति: शी ने भारत और चीन को “ड्रैगन और हाथी” के रूप में कलात्मक रूप में वर्णित करते हुए कहा कि दोनों के बीच मित्रता एक सही विकल्प है।
“साथी, विरोधी नहीं” : दोनों नेताओं ने इस बात पर सहमति जताई कि वे विकास सहयोगी हैं, प्रतिद्वंद्वी नहीं।
लोगों के बीच संपर्क सुविधाएं: दोनों देशों ने सीधी उड़ानों, वीज़ा आसानियों, और कैलाश मानसरोवर यात्रा की बहाली जैसे जन-संपर्क सुधारों पर सहमति की।
व्यापार व निवेश पर ज़ोर: व्यापार घाटे को कम करने और निवेश बढ़ाने की दिशा में कुल व्यापार और निवेश संबंधों को रणनीतिक रूप से आगे बढ़ाए जाने पर चर्चा हुई।
वैश्विक और क्षेत्रीय सहयोग: आतंकवाद, निष्पक्ष व्यापार और बहुपक्षीय मंचों में सहयोग जैसे वैश्विक मुद्दों पर दोनों ने साझा मंच तैयार करने का आश्वासन दिया।
दृढ़ता से अलगापय (strategic autonomy): मोदी ने कहा कि भारत और चीन दोनों अपने निर्णय तीसरे देशों की दृष्टि से प्रभावित नहीं होने चाहिए।
भविष्य की आमंत्रण और समर्थन: मोदी ने शी को 2026 में भारत में आयोजित BRICS शिखर सम्मेलन में आने के लिए आमंत्रित किया, और शी ने चीन की ओर से समर्थन की पेशकश की।
PM MODI in CHiNa (प्रधानमंत्री मोदी ने शी जिनपिंग) से 31 अगस्त 2025 को तियानजिन, चीन में SCO शिखर सम्मेलन के दौरान मुलाकात की। इस दौरान दोनों नेताओं ने:
- सीमा शांति बनाए रखने और सीमा प्रबंधन समझौते पर संतोष व्यक्त किया।
- व्यापार, कनेक्टिविटी (फ्लाइट, वीज़ा, कैलाश यात्रा) बढ़ाने की सहमति की।
- रणनीतिक स्वायत्तता और एक-दूसरे को विकास साझेदार मानने पर जोर दिया।
- प्रतिद्वंद्विता नहीं, बल्कि सहयोग पर जोर दिया।
- भविष्य के आयोजन और सहयोग के अवसरों पर सहमति जताई।
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PM MODI शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन के लिए चीन पहुँचे
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रेस्टलेस लेग सिंड्रोम (RLS) एक न्यूरोलॉजिकल क्या है किस से होता है?
रेस्टलेस लेग सिंड्रोम (RLS) एक न्यूरोलॉजिकल क्या है किस से होता है?
रेस्टलेस लेग सिंड्रोम (Restless Legs Syndrome – RLS) जिसे हिंदी में अक्सर बेचैन पैर सिंड्रोम कहा जाता है, एक न्यूरोलॉजिकल (तंत्रिका संबंधी) विकार है। इसमें व्यक्ति को पैरों (कभी-कभी हाथों में भी) को लगातार हिलाने या हिलाने की तीव्र इच्छा होती है, खासकर आराम की स्थिति में या रात को सोते समय। इस समस्या में हमेशा ऐसा लगता है, जैसे पैरों पर कुछ रेंग रहा है। अनिद्रा भी इसके प्रमुख लक्षणों में से एक है। यदि मांसपेशियों में खिंचाव के साथ बेचैनी हो रही है, तो भी ये रेस्टलेस लेग सिंड्रोम का लक्षण होता है।
RLS क्या है?
यह एक सेंसरी और मूवमेंट डिसऑर्डर है। मरीज को पैरों में झुनझुनी, खिंचाव, जलन, सुई चुभने जैसी या कीड़े रेंगने जैसी संवेदना होती है। लक्षण रात में ज्यादा बढ़ जाते हैं, जिससे नींद पूरी नहीं हो पाती और थकान/चिड़चिड़ापन होता है।
RLS किससे होता है? (संभावित कारण)
- डोपामिन असंतुलन – मस्तिष्क में डोपामिन नामक न्यूरोट्रांसमीटर की कमी या असंतुलन से।
- आयरन की कमी (Iron Deficiency Anemia) – दिमाग और नसों में आयरन का स्तर कम होने से।
- आनुवांशिक कारण – परिवार में RLS होने पर संभावना ज्यादा होती है।
- क्रॉनिक बीमारियाँ – किडनी रोग, डायबिटीज़, पार्किंसन डिज़ीज़, पेरिफेरल न्यूरोपैथी।
- गर्भावस्था – खासकर आख़िरी महीनों में कई महिलाओं में यह समस्या हो जाती है (ज्यादातर डिलीवरी के बाद ठीक हो जाती है)।
- दवाइयाँ – कुछ एंटी-डिप्रेशन, एंटी-हिस्टामिन या एंटी-नॉज़िया दवाओं से लक्षण बढ़ सकते हैं।
- लाइफ़स्टाइल फैक्टर्स – नींद की कमी, तनाव, कैफीन, अल्कोहल और धूम्रपान से परेशानी बढ़ सकती है।
बेचैन पैर सिंड्रोम उसका ट्रीटमेंट क्या है???
बेचैन पैर सिंड्रोम (Restless Legs Syndrome – RLS) एक न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर है। इसमें पैरों में अजीब-सी बेचैनी, झुनझुनी या हरकत करने की अनियंत्रित इच्छा होती है, खासकर रात को आराम करते समय।

RLS बेचैन पैर सिंड्रोम का ट्रीटमेंट
👉 इसका इलाज कारण पर निर्भर करता है।
1. लाइफ़स्टाइल और घरेलू उपाय
- सोने-जागने का नियमित समय रखें।
- कैफीन, अल्कोहल और सिगरेट से बचें।
- सोने से पहले हल्की गर्म पानी से पैर धोना, मसाज या स्ट्रेचिंग करें।
- योग और मेडिटेशन तनाव कम करते हैं।
- हल्की एक्सरसाइज (जैसे वॉकिंग) मददगार है।
2. पोषण संबंधी सुधार
- अगर आयरन की कमी है तो आयरन सप्लीमेंट्स या आयरन युक्त भोजन (पालक, चुकंदर, गुड़, अनार) लें।
- विटामिन D, B12 और फोलेट की जांच कराकर कमी हो तो पूरा करें।
3. मेडिकल ट्रीटमेंट (डॉक्टर की देखरेख में)
- डोपामिन एगोनिस्ट (Pramipexole, Ropinirole)
- गैबापेंटिन / प्रेगाबालिन – नसों की जलन और बेचैनी के लिए
- बेंज़ोडायज़ेपिन्स – नींद सुधारने के लिए
- ओपिऑइड्स (कम खुराक) – बहुत गंभीर मामलों में
Rabies: कौन से जानवर से आपको रेबीज़ होने की सबसे अधिक संभावना हैं?



