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UP: बुंदेलखंड में भाजपा के भेदभावपूर्ण गढ़ पर सपा का कब्जा, ऐसे आसान हुआ

Uttar Pradesh

UP: बुंदेलखंड में सपा ने भाजपा के कठोर गढ़ पर कब्जा कर लिया है। हाथी की चाल और जातीय गोलबंदी ने साइकिल चलाना आसान बना दिया। भाजपा से दस साल बाद सपा ने बांदा, हमीरपुर और जालौन की सीटें छीन लीं।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बुंदेलखंड को अपना गढ़ बना लिया है। यहां की चार सीटों में से तीन पर सपा ने जीत हासिल की है। भाजपा ने केवल झांसी सीट बचाई। कहीं हाथी की चाल, तो कहीं सोशल इंजीनियरिंग की वजह से जातीय संघर्ष। यहां दस साल बाद SP ने जीत हासिल की है। बुंदेलखंड की चारों सीटों पर भाजपा ने निवर्तमान सांसदों पर दांव लगाया था।

बांदा: ब्राह्मणों की नाराज़गी ने भाजपा पर भारी पड़ा। भाजपा सांसद आरके पटेल ने सपा के कृष्णा पटेल से लगभग 71 हजार वोटों से पराजय झेली। आरके पटेल को लगभग 32.12 प्रतिशत वोट मिले, जबकि कृष्णा को लगभग 39% वोट मिले।

बसपा के मयंक द्विवेदी ने लगभग 23.53% वोट पाए। यहां भाजपा से नाराज ब्राह्मण बसपा की ओर चले गए, जिससे हार हुई। 2019 में भाजपा ने 46.18 प्रतिशत वोट प्राप्त किए, सपा-बसपा ने 40.49 प्रतिशत और कांग्रेस ने 7.29 प्रतिशत वोट प्राप्त किए।

UP: जालौन

भाजपा के नारायण दास अहिरवार ने करीब 53 हजार वोटों से केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री भानु प्रताप सिंह वर्मा को हराया है। वर्मा ने लगभग 42.19% वोट प्राप्त किए, जबकि अहिरवार ने लगभग 46.96% वोट प्राप्त किए। 2019 में भाजपा को 51.45 प्रतिशत, बसपा को 37.44 प्रतिशत और कांग्रेस को 7.92 प्रतिशत वोट मिले। सपा के कालपी विधायक विनोद चतुर्वेदी भी इस मौके पर अपनी पार्टी बदलकर भाजपा में शामिल होने में सफल नहीं रहे।

UP: हमीरपुर

दो बार से लगातार सांसद रहे पुष्पेंद्र सिंह चंदेल का चुनाव लगभग २६३० वोटों से हार गया। यहां, सपा के अजेंद्र सिंह लोधी को 44% वोट मिले, जबकि भाजपा को 43.76% वोट मिले। 2019 में भाजपा को 52.77 प्रतिशत वोट मिले, बसपा को 29.95 प्रतिशत और कांग्रेस को 10.51 प्रतिशत वोट मिले। यहां लोधी वोटबैंक भाजपा के साथ हमेशा रहा है, लेकिन इस बार यह सपा के साथ मिल गया, जो भाजपा को हराया।

UP: झांसी

यहां भाजपा के पूर्व सांसद अनुराग शर्मा लगभग एक लाख से अधिक वोटों से जीते हैं। उन्हें लगभग पचास प्रतिशत वोट मिले हैं, जबकि कांग्रेस के प्रदीप जैन को लगभग ४२ प्रतिशत वोट और बसपा के रवि प्रकाश को ४.५८ प्रतिशत वोट मिले हैं। यहाँ, दलित वोट भाजपा से भागकर कांग्रेस में गए हैं, जिससे भाजपा का वोटबैंक कम हुआ है। 2019 में भाजपा को 58.61 प्रतिशत वोट मिले, जबकि सपा-बसपा को 32.12 प्रतिशत वोट मिले, और कांग्रेस को 6.24% वोट मिले।

बुंदेलखंड में लोगों की कमी है। यहां के लोगों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एक बड़ा सपना देखा, जो तत्कालीन तौर पर पूरा नहीं हुआ। सड़कें तो बन गईं, लेकिन पेयजल और रोजगार के लिए आवश्यक प्रयास नहीं हुए हैं। दूसरी तरफ, संविधान की रक्षा और जातीय एकता का मुद्दा भी तेजी से उठाया गया। यही कारण है कि भाजपा का वोटबैंक टूट गया।

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