Indore: कलेक्टर ने शिकायत को अपने स्तर पर सही पाया। वार्डन इसके बाद निकाला गया है। उन्हें हटाने की पुष्टि आदिम जाति कल्याण विभाग की संयुक्त संचालक सुप्रिया बिसेन ने की है।
कलेक्टर ने इंदौर के मालव कन्या विद्यालय परिसर में चल रहे आदिवासी होस्टल की वार्डन को भी हटा दिया है। होस्टल की २० से अधिक छात्राओं ने वार्डन के खिलाफ कलेक्टर आशीष सिंह को शिकायत की थी। इसके बाद उन्हें निकाला गया।
उधर, कलेक्टर ने युगपुरुष धाम में बीमारी से मरने वाले पांच बच्चों की मौत और चोरल होस्टल में हुई दुर्घटना के बारे में दो अफसरों को नोटिस देकर उनसे उत्तर मांगा है। उनसे पूछा गया कि अगर आप होस्टल और आश्रम पर नियंत्रण रखते हैं तो नियमित जांच और दौरे क्यों नहीं किए गए? यह भी गलत है। समस्या को जल्दी ही पता लगाया जा सकता है।
Indore: खाना नहीं मिलता
मालव कन्या परिसर में चलने वाली कन्या आदिवासी छात्रावास में रहने वाली छात्राएं कलेक्टर से अपनी शिकायतें लेकर आईं। होस्टल में दोनों बार खराब भोजन मिलता है, उन्होंने कहा। इससे हम भूखे रहते हैं। इसके अलावा, यह नियमित रूप से साफ नहीं होता। होस्टल वार्डन भारती एहरेकर को कई बार शिकायत की गई, लेकिन उन्होंने कोई चिंता नहीं व्यक्त की।
कलेक्टर ने शिकायत को अपने स्तर पर सही पाया। वार्डन इसके बाद निकाला गया है। उन्हें हटाने की पुष्टि आदिम जाति कल्याण विभाग की संयुक्त संचालक सुप्रिया बिसेन ने की है।
चोरल होस्टल में गंभीर लापरवाही पाए जाने पर कलेक्टर ने बिसेन को भी नोटिस भेजा है। जिसमें पूछा गया कि विभाग के अंतर्गत छात्रावास में ऐसी अनियमितता क्यों हो रही है?
युुगपुरुष धाम आश्रम के मामले में महिला व बाल विकास विभाग के कार्यक्रम अधिकारी राम निवास दुबौलिया को भी नोटिस भेजा गया है।
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Indore: चोरल के बाद वार्डन को इंदौर के एक और आदिवासी महिला होस्टल से निकाला गया
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